'रॉबिनहुड' देव रावेन ​अमरवाड़ा से फिर मैदान में, नकुल की हार में इन्हीं की थी बड़ी भूमिका

लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा सीट से गोंगपा प्रत्याशी देव रावेन भलावी को 55 हजार 988 वोट मिले थे। यानी नकुल की हार में देव रावेन ने आधा ​काम किया था। बाकी काम यहां बसपा, राष्ट्रीय गोंडवाना पार्टी और बाकी चार निर्दलीयों को मिले वोटों ने कर दिया था।

Advertisment
author-image
Ravi Kant Dixit
New Update
Dev Raven 
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

लो जी, छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा सीट का सियासी रण तैयार है। उपचुनाव के लिए बीजेपी ने यहां कांग्रेस से आए कमलेश शाह को ही अपना उम्मीदवार बनाया है। ( Amarwara Assembly By Election )

प्रत्याशी फाइनल करने के दो दिन बाद पार्टी ने 35 दिग्गज नेताओं से सजी स्टार प्रचारकों की लिस्ट भी जारी कर दी है। नवम्बर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में अमरवाड़ा सीट कांग्रेस की झोली में डालने वाले कमलेश शाह ने तो अब बीजेपी की नाव में सवार हैं। 

अब कांग्रेस से चेहरा कौन होगा? इसका मंथन चल रहा है। पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे की अगुआई में कांग्रेस इसकी पड़ताल कर रही है कि किसे उम्मीदवार बनाया जाए। अमरवाड़ा के साथ ही कमलनाथ की साख एक बार फिर दाव पर है।

इसके पीछे वजह यह है कि जब विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पूरे प्रदेश में जीत का रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया था, तब छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र की सभी 8 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का परचम लहराया था। आपको बता दें कि ​अमरवाड़ा में 10 जुलाई को वोट डाले जाएंगे। 

गोंगपा से लोकसभा चुनाव लड़े भलावी 

ये तो हुई विधानसभा की बात। अब नया अपडेट यह है कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी यानी गोंगपा ने अमरवाड़ा सीट पर देव रावेन भलावी (  Dev Raven ) को उम्मीदवार बनाया है। उन्हें लोग DEVIRAM BHALAVI के नाम से भी जानते हैं। यहां देव रावेन को समझना बेहद दिलचस्प है, क्योंकि छिंदवाड़ा में नकुलनाथ की हार में उनका भी अहम रोल माना जाता है। 

देव रावेन ने गोंगपा से ही लोकसभा चुनाव में किस्मत अजमाई थी। उन्हें मिले वोटों ने कांग्रेस या कहें नकुलनाथ का सियासी खेल बिगाड़ दिया और बीजेपी मध्यप्रदेश में अपना मिशन 29 को फतह करने में कामयाब रही।  

ये खबर भी पढ़िए...MSP पर गेहूं खरीदी में पिछड़ा मध्य प्रदेश, इस बार पंजाब और हरियाणा ने मारी बाजी

देव रावेन भलावी

1 लाख 13 हजार वोटों से हारे नकुल 

दरअसल, लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा सीट पर यूं तो बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही सीधा मुकाबला था। 4 जून को सामने आए नतीजों में यहां बीजेपी के विवेक बंटी साहू ने बाजी मारी। बंटी को 6 लाख 44 हजार 738 वोट मिले थे।

वहीं, नकुल नाथ को 5 लाख 31 हजार 120 वोट मिले। यानी नकुल की 1 लाख 13 हजार 618 वोटों से हार हुई। अब आप सोच रहे होंगे कि इस कहानी में देव रावेन भलावी कहां हैं। तो आगे पढ़िए...।

पहले ही कर दी थी ​भविष्यवाणी 

लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा सीट से गोंगपा प्रत्याशी देव रावेन भलावी को 55 हजार 988 वोट मिले थे। यानी नकुल की हार में देव रावेन ने आधा ​काम किया था। बाकी काम यहां बसपा को मिले 11 हजार 823 वोट, राष्ट्रीय गोंडवाना पार्टी को मिले 9 हजार 638 वोट और बाकी चार निर्दलीयों को मिले 26 हजार 590 वोटों ने कर दिया था।

4 जून को नतीजों के बाद जब 'द सूत्र' ने देव रावेन से यह सवाल किया कि नकुल नाथ की हार में आपकी कितनी भूमिका है? इसके जवाब में देव ने कहा था कि मेरे वोट काटने से नकुल नहीं हारे। उनके आपसी मतभेद थे। भविष्य में हम (गोंगपा) बड़ा परिणाम ला सकते हैं।

देव रावेन भलावी

पहले गोंगपा की रह गई थीं कमियां 

कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव में 55 हजार से ज्यादा वोट पाकर देव रावेन ने अपनी दावेदारी तो उसी वक्त पक्की कर दी थी। अब गोंगपा ने उनके नाम पर मुहर लगाकर सहमति दी है। अब फाइट में कमलनाथ और नकुलनाथ तो हैं नहीं, क्योंकि इन्हें हमेशा से आदिवासियों का सपोर्ट मिलता रहा है। ​

अमरवाड़ा की जंग में अब देव रावेन आदिवासी वर्ग के रॉबिनहुड हैं। पिछले आंकड़े इसकी गवाही देते हैं। ये तब है, जब देव रावेन ने 'द सूत्र' से बातचीत में यह स्वीकार किया था कि लोकसभा चुनाव में ना तो उनकी कार्यकारिणी बनी थी और ना ही वे अच्छे ढंग से बूथ मैनेजमेंट कर पाए थे। 

ये खबर भी पढ़िए...आज अमरवाड़ा जाएंगे CM मोहन यादव, BJP प्रत्याशी का भरवाएंगे नामांकन

दोनों दलों ने किया था संपर्क 

अब खबर आ रही है कि कांग्रेस देव रावेन को अपने पक्ष में करना चाहती थीं एक धड़ा कह रहा है कि कांग्रेस गोंगपा से गठबंधन करना चाहती थी, लेकिन इस बात की संभावना ना के बराबर है कि गोंगपा अब कांग्रेस से गठबंधन करेगी।

देव रावेन का यह भी कहना है कि लोकसभा चुनाव में दोनों दलों ने उनसे संपर्क की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने अपनी पार्टी यानी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के लिए काम किया। 

पहले अमरवाड़ा में भर चुके दम 

अब ये तो बात देव रावन के पिछले प्रदर्शन की हो गई। यहां लगे हाथ यह भी जान लीजिए कि वे हैं कौन? क्या है कि देव रावन या देवीराम कहिए...लोकसभा चुनाव के बाद आदिवासियों के हीरो बनकर उभरे हैं। उनकी उम्र 27 वर्ष है।

वे तीखें तेवरों के लिए खासे चर्चित हैं। देव अमरवाड़ा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। पिछले चुनाव में यहां से उन्हें 18 हजार 231 वोट मिले थे। वहीं, 2018 के विधानसभा चुनाव में अमरवाड़ा में गोंगपा प्रत्याशी को 60 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। 

देव रावेन भलावी

क्या अब बीजेपी वर्सेस गोंगपा है?

अमरवाड़ा सीट का इतिहास कहता है कि बीजेपी ने वर्ष 1972 से अब तक सिर्फ दो बार यानी वर्ष 1990 और वर्ष 2008 में यह सीट जीती है। आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित अमरवाड़ा सीट पर गोंडवाड़ा गणतंत्र पार्टी ने वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में एक बार जीत दर्ज की थी।

लिहाजा, इस बार भी गोंगपा का पक्ष मजबूत नजर आता है। वहीं, 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से चुनाव लड़े कमलेश शाह ने बीजेपी की मोनिका शाह बट्टी को 25 हजार से ज्यादा मतों से हराया था। यानी इस बार अमरवाड़ा में मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच कम और बीजेपी बनाम गोंगपा के बीच होने की ज्यादा संभावना है।

 

thesootr links

 

सबसे पहले और सबसे बेहतर खबरें पाने के लिए thesootr के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें। join करने के लिए इसी लाइन पर क्लिक करें

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

ravikant dixit

Gondwana Ganatantra Party Amarwara Assembly By Election Dev Raven अमरवाड़ा उप चुनाव