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BHOPAL.ग्वालियर की सड़कों की बदहाली एक बार फिर सियासी बहस के केंद्र में है। फर्क सिर्फ इतना है कि इस बार सड़कें जनता की तकलीफ से नहीं, बल्कि VVIP दौरे की वजह से चमकी हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आगमन से पहले नगर निगम ने चुनिंदा सड़कों को दुरुस्त किया। पूरा शहर अब भी गड्ढों से भरा है।
तीन साल का निगम, लेकिन सड़कें आज भी बदहाल
ग्वालियर नगर निगम को बने तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं। इन वर्षों में सड़कों की हालत सुधारने के नाम पर सिर्फ बैठकें, शिकायतें और आश्वासन मिले। पीडब्ल्यूडी और नगर निगम अफसरों की अनदेखी से हालात बिगड़े हैं। शहर में सड़कों को लेकर लंबे समय से हाहाकार मचा हुआ है।
वादों की कतार, जमीनी काम शून्य
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, सांसद भारत सिंह और अन्य नेताओं ने सड़कों के सुधार के दावे किए। लेकिन नेता मूकदर्शक बने रहे। जनता गड्ढों में सफर करती रही।
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मानसून में बढ़ा दर्द, हादसों ने खोली पोल
पिछली बरसात ने ग्वालियर की सड़कों की असली तस्वीर दिखा दी। गड्ढों के कारण दोपहिया वाहन फिसले, एंबुलेंस जाम में फंसीं और कई इलाकों में हादसे हुए। इसके बावजूद न नगर निगम चेता, न पीडब्ल्यूडी ने स्थायी समाधान की पहल की।
अमित शाह आए, तो अचानक मिल गया बजट
सबसे बड़ा सवाल यही है कि जो काम सालों में नहीं हुआ, वह अमित शाह के दौरे से पहले कैसे संभव हो गया? VVIP रूट की सड़कों को कांच की तरह चमकाया गया, ताकि काफिले को कोई झटका न लगे। लाखों रुपए रातों-रात खर्च हुए, जिससे जनता में नाराजगी और अविश्वास और गहरा गया।
जनता नहीं, वीवीआईपी प्राथमिकता: कांग्रेस
ग्वालियर के कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया। उनका कहना है कि जिन सड़कों पर लोग मानसून में परेशान हुए, वहां अब भी गड्ढे हैं। सिर्फ उन्हीं सड़कों को सुधारा गया, जहां से अमित शाह का काफिला गुजरेगा। कांग्रेस ने इसे जनता के साथ भेदभाव बताया।
सड़कों पर उतरी कांग्रेस, गड्ढा भरो प्रदर्शन
बुधवार को कांग्रेस ने गड्ढा भरो आंदोलन किया। वरिष्ठ नेता पिंकी पंडित के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने फावड़े से मिट्टी डालकर गड्ढे भरे। प्रदर्शन भले ही सांकेतिक था, लेकिन संदेश साफ था। अगर सरकार काम नहीं करेगी, तो विपक्ष जनता की आवाज बनेगा।
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वीवीआईपी रूट दुल्हन बना, बाकी शहर बदहाल
25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित अभ्युदय एमपी ग्रोथ समिट से पहले वीवीआईपी रूट को सजाया गया। दूसरी ओर, शहर के ज्यादातर हिस्सों में लोग यह तय नहीं कर पा रहे कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क।
जनता पूछ रही है: क्या विकास सिर्फ नेताओं के लिए?
अब ग्वालियर की जनता खुलकर सवाल उठा रही है क्या सरकार सिर्फ वीवीआईपी के लिए काम करती है? क्या आम नागरिकों की परेशानियां किसी को दिखाई नहीं देतीं? चमकती सड़कों ने प्रशासन की प्राथमिकताओं को बेनकाब कर दिया है।
सियासत आमने-सामने, समाधान नदारद
कांग्रेस का आंदोलन: इस मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं, लेकिन असली समस्या जस की तस बनी हुई है। जब तक अफसरों और नेताओं की जवाबदेही तय नहीं होगी, ग्वालियर की जनता को गड्ढों से राहत मिलना नामुमकिन है।
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