इंदौर के बिल्डर मनीष गोधा, देवेंद्र सोगानी की कॉलोनी में जमीन का विवाद, प्रशासन की दो रिपोर्ट

इंदौर के बिल्डर मनीष गोधा और देवेंद्र सोगानी की कॉलोनी 'गोधा एस सोलिटेयर' में सरकारी जमीन होने के आरोप लगे हैं। प्रशासन की दो अलग-अलग रिपोर्टों ने मामले को पेचीदा बना दिया है।

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Sanjay Gupta
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Land dispute in the colony of builder Manish Godha Devendra Sogani

Photograph: (the sootr)

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INDORE. इंदौर के बिल्डर मनीष गोधा और देवेंद्र सोगानी की निजी कॉलोनी गोधा एस सोलिटेयर में सरकारी जमीन होने की शिकायत पर प्रशासन ने जांच कराई है। मौके पर कराई गई नपती में इसमें दो सरकारी सर्वे नंबर की जमीन बताया गया है। 

इस मामले में बिल्डर का दावा है कि प्रशासन की पुरानी सत्यापित कॉपी उनके पास है। इसमें इन सर्वे नंबर का कोई जिक्र नहीं है। यानी कि इस मामले में प्रशासन की दो-दो रिपोर्ट है। इंदौर में अपनी निर्माणाधीन कॉलोनियों में जैन समाज के बड़े धार्मिक आयोजन करने के लिए बिल्डर मनीष गोधा प्रसिद्ध है। 

यह थी शिकायत

शिकायतकर्ता लोकेश जैन ने इस संबंध में नगर निगम इंदौर से लेकर टीएंडसीपी और एसडीएम मल्हारगंज को लिखित शिकायत की थी। शिकायत में बताया गया है कि ग्राम छोटा बांगड़दा मल्हारगंज सर्वे नंबर 111/2, 111/3, 111/4, 111/5 कुल 2.024 हेक्टेयर पर देवेंद्र सोगानी, महेश सोगानी व अन्य द्वारा बिल्डर मनीष गोधा के साथ गोधा एस सोलिटेयर कॉलोनी काटी जा रही है। इसमें सरकारी जमीन का सर्वे नंबर 110/1 व 107 को भी ले लिया गया है। साथ ही नक्शे में तय 18 मीटर चौड़ी सड़क को संकरा बनाया जा रहा है और नक्शे के विपरीत भी। 

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प्रशासन द्वारा मौके पर नपती कराई गई

शिकायत के बाद तहसीलदार मल्हारगंज के द्वारा जमीन का सीमांकन के लिए एक दल का गठन किया गया। इस दल की  रिपोर्ट में सामने आया कि सपना गोधा, मनीष गोधा के द्वारा सर्वे नंबर 111/2, 111/3, 111/4, 111/ 5 पर नगर एवं ग्राम निवास विभाग से कालोनी विकास की अनुमति प्राप्त की गई।

रिपोर्ट में है कि सर्वे में कुल रकबा 2.024 हेक्टेयर की आकृति 1.786 हेक्टेयर ही है। इससे अधिक जमीन नहीं हो सकती है। लेकिन गोधा द्वारा 1.982 हेक्टेयर जमीन पर टीएडंसीपी पास कराई गई है। इससे साफ है कि इसमें सर्वे नंबर 110 व 103 को भी शामिल किया गया है।

करीब 20 हजार वर्गफीट जमीन ज्यादा

इस तरह 0.196 हेक्टेयर यानी करीब 20 हजार वर्गफीट जमीन अतिरिक्त इस नक्शे में दबाई गई है। प्लाट के बाजार भाव के हिसाब से इस कब्जे वाली जमीन की कीमत करीब 15 करोड़ रुपए आती है।

इस मामले में शिकायत करने वाले जैन के आरोप है कि बिल्डर कॉलोनाइजर मनीष गोधा के साथ कई लोग शामिल है। उनकी पत्नी सपना गोधा, सेल टैक्स विभाग के सेवानिवृत अधिकारी टी के वैध, सोगानी ड्रेसेस के संचालक देवेंद्र सोगानी, महेश सोगानी के साथ पराग सोगानी, संदीप सोगानी पेपर वाले भी शामिल है। 

क्या बोल रहे गोधा

गोधा ने कहा कि यह केवल नपती रिपोर्ट है जो शिकायकर्ता जैन द्वारा दबाव डालकर इसमें अपने बिंदु जुड़वाए गए हैं। जबकि इसकी पहले ही रिपोर्ट बनी हुई है और इसकी सत्यापित कॉपी हमारे पास है। इसमें सरकारी सर्वे नंबर 110 व 103 का कोई लेना-देना नहीं है। वैसे भी जमीन मेरी नहीं है, मैं तो डेवलपर हूं और जाइंट रेशो में काम कर रहा हूं। 

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प्रशासन क्या कह रहा है

वहीं इस मामले में तहसीलदार नारायण नांदेड ने कहा कि अभी नपती दल की नपती रिपोर्ट आई है। इसका परीक्षण करना बाकी है। परीक्षण के बाद यदि सरकारी जमीन पर कब्जा पाया जाता है तो इसे हटाने की कार्रवाई की जाएगी।

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