इंदौर क्राइम ब्रांच में मंदसौर पुलिस जैसा कांड - 54 लाख के ड्रग्स केस में जावरा से उठाए व्यक्ति की इंदौर में दिखाई गिरफ्तारी

मंदसौर पुलिस जैसा एक कांड इंदौर क्राइम ब्रांच में शामने आया है। यहां 54 लाख के ड्रग्स मामले में जावरा से उठाए व्यक्ति की गिरफ्तारी को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं। जानें क्या है पूरा मामला...

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Sanjay Gupta
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INDORE. देश के आदर्श थाने मल्हारगढ़ (मंदसौर जिला) में एक छात्र पर गलत तरीके से ड्रग केस बनाया गया था। इस मामले में हाईकोर्ट इंदौर कड़ा रुख अपना चुका है। इसमें छह पुलिसकर्मी भी एसपी मंदसौर के जरए सस्पेंड किए गए थे। वहीं हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि पूरे थाने की इसमें सांठगांठ थी।

अब इसी तरह का मामला इंदौर क्राइम ब्रांच में सामने आया है। इसमें इंदौर पुलिस क्राइम ब्रांच कठघरे में आ गई है। वहीं, मामला हाईकोर्ट इंदौर तक पहुंच गया है। इसमें आरोपी कहीं और गिरफ्तार हुआ और उसे इंदौर में गिरफ्तारी बताई गई है।

क्या है केस

इंदौर क्राइम ब्रांच की केस डायरी के अनुसार, क्राइम ब्रांच को 4 जून 2025 को एक सूचना मिली थी। ये सूचना कार्यालय सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) बलवंत इंगले को एक मुखबिर से मिली थी। मुखबिर ने बताया कि मोहसिन मेव गनी पटेल को एमडी ड्रग्स सप्लाई करेगा। 

इसके बाद पुलिस फोर्स के साथ थाने से रवाना हो गई थी। वे बीमा अस्पताल, मरीमाता चौराहा और रिक्शा स्टैंड इंदौर के पास पहुंचे थे। वहां मुखबिर की बताई हुई पहचान वाला एक व्यक्ति दिखा। वह तौल कांटे से कुछ तौल रहा था।

घेराबंदी कर नाम पूछा तो मोहसिन मेव पिता एजाज खान व गनी पटेल पिता जावेद पटेल होना बताया। मोहसिन, जो जावरा का निवासी है, के पास 34 ग्राम और गनी, जो खजराना इंदौर का निवासी है, के पास 20.78 ग्राम एमडी मेफ्रेड्रोन पाई गई।

गिरफ्तार मेमो के अनुसार, गिरफ्तारी 5 जून को बताई गई और जब्त ड्रग्स की कीमत 54 लाख रुपए थी। बाद में इसी केस में प्रशांत और अब्दुल करीम को भी गिरफ्तार किया गया।

इंदौर पुलिस ने कोर्ट में ये बताइ गिरफ्तारी की कहानी

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आरोपी तो जावरा से गिरफ्तार हुआ

इस मामले में अब नया पेंच आ गया है। आरोपी मोहसिन के पिता एजाज खान डूगरगेट जावरा थाना के निवासी हैं। उसने इस मामले में सभी जगह शिकायत की है। साथ ही दस्तावेज और जावरा में उनके घर के पास के चौराहे के सीसीटीवी फुटेज भी दिए हैं।

एजाज ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 4 जून की रात 12:30 बजे उनके घर सफेद कार, काली स्कार्पियो और दो-तीन मोटरसाइकिल्स से 8-10 पुलिसकर्मी आए थे। वो मोहसिन को उठाकर ले गए।

पड़ोसी के घर के सीसीटीवी का डीवीआर भी ले गए थे। वहीं, यह सभी चौराहे पर लगे सीसीटीवी में आ गए, जो अब उनके पास है। इसमें उनका बेटा मोहसिन सफेद शर्ट और ब्लू पजामे में दिख रहा है।

पुलिस ने रात को बताया कि पूछताछ कर छोड़ देंगे। वहीं, जब सुबह जावरा थाना गया तो वहां बताया गया कि इंदौर पुलिस किसी केस में उन्हें लेकर चली गई है। फिर इंदौर से पता चला कि 5 जून को उनके बेटे पर झूठा एनडीपीएस केस, किसी गनी पटेल के साथ, दर्ज कर लिया गया था।

यह जावरा पुलिस का रोजनामचा खोल रहा है पोल

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जावरा थाने के रोजनामचे ने भी खोली पोल

जावरा थाने के रोजनामचे 4 जून रात 12:57 बजे का भी मोहसिन के पिता एजाज ने याचिका में उल्लेख किया है। इसमें लिखा है कि संदेही की तलाश के लिए इंदौर क्राइम ब्रांच पुलिस आई थी। साथ ही, संदेही को साथ लेकर इंदौर रवाना हो गई थी।

क्राइम ब्रांच इंदौर से अपराध 64/25 धारा 8/22 एनडीपीएस में संदेही की तलाश के लिए एएसआई रणवीर सिंह रघुवंशी, भागवत कोहली, प्रधान आरक्षक आशीष शर्मा, नीरज सिंह तोमर, सतोष यादव और आरक्षक सर्वेश सिंह, शंभू सिंह तोमर साथ थे। जावरा पुलिस के जवान भी साथ गए थे और संदेही को लेकर इंदौर पुलिस रवाना हो गई।

इंदौर पुलिस द्वारा ऑफीशियली साइट पर दी गई केस की ये जानकारी

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एजाज के पिता के गंभीर आरोप

एजाज के पिता के जरिए सीएम से लेकर उच्च स्तर के अधिकारियों को इस मामले में लिखित शिकायत की गई है। इसमें आरोप लगाया है कि उनके बेटे मोहसिन को थाने पर बैठाकर रखा गया और रुपए की मांग की गई थी।

धमकी दी गई कि यदि मांग पूरी नहीं की गई तो झूठा एनडीपीएस एक्ट दर्ज कर देंगे। रुपए नहीं देने पर उनके बेटे मोहसिन को किसी गनी पटेल के साथ जोड़कर 34 ग्राम एमडी ड्रग्स का केस बताया गया और जेल भेज दिया।

आरोपी के पिता द्वारा की गई शिकायत और रुपए मांगने के आरोप की 1 कॉपी

क्या था मंदसौर का मल्हारगढ़ थाना केस

इस केस में आदर्श थाने मल्हारगढ़ की पुलिस पर गंभीर आरोप लगे है। आरोप था कि एक छात्र को राजस्थान पुलिस की बस से उठाया गया है। फिर उसे अलग जगह से गिरफ्तार दिखाकर एनडीपीएस केस में फंसाया गया है। इस मामले में परिजनों ने राजस्थान बस के अंदर का सीसीटीवी सबूत के तौर पर पेश किया है।

इसके बाद हाईकोर्ट इंदौर ने मंदसौर एसपी को तलब किया है। इसमें उन्होंने प्रक्रियागत गलती मानी और 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर जांच बैठाने की बात कोर्ट में कही।

हाईकोर्ट ने इस मामले में प्रमुख सचिव गृह विभाग को अगली सुनवाई पर बुलाया है। वे व्यक्तिगत रूप से या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आ सकते हैं। कोर्ट ने उनके पुराने आदेश, पुलिस के बॉडी कैमरे और अन्य निर्देशों की जानकारी मांगी है। इसे हाईकोर्ट ने गंभीर घटना माना है।

आरोपी के पिता द्वारा की गई शिकायत और रुपए मांगने के आरोप की 2 कॉपी

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इसके पहले चंदननगर थाना केस में उलझी इंदौर पुलिस

इसके पहले इंदौर पुलिस पर चंदननगर थाने में एक आरोपी के बेटे को 35 घंटे तक हथकड़ी लगाकर बैठाने का आरोप था। इस मामले में हैबियस कार्पस याचिका दायर की गई थी। बाद में आरोपी को छोड़ा गया था।

इस मामले में हाईकोर्ट ने सीपी संतोष सिंह को संबंधित टीआई इंद्रमणि पटेल पर कार्रवाई करने को कहा था। इसमें विभागीय और आपराधिक कार्रवाई की बात की गई थी। वहीं, अगली सुनवाई से पहले याचिका विड्रा कर ली गई थी। इससे टीआई पटेल पर कार्रवाई रुक गई।

एक अन्य आरोपी पर चार की जगह फर्जी 8 केस बताने का मामला भी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। वह भी चंदननगर थाने का ही है। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही सीपी, एडिशनल डीसीपी और टीआई को पक्षकार बनाने के आदेश दिए हुए हैं।

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