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जबलपुर पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। दरअसल यहां पर बीते दिनों नकली पुलिस अधिकारी बनकर बुजुर्ग महिलाओं के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया था । इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शातिर गिरोह ईरानी गैंग का पर्दाफाश कर उनके द्वारा लूट गए गहनों को महाराष्ट्र के भुसावल से बरामद किया है। बताया जा रहा है कि अबतक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस प्रशासन ने जनता से सावधान रहने की अपील की है।
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बुजुर्ग महिलाओं को बनाते थे निशाना
जबलपुर में बीते दिनों ठगी की दो बड़ी घटनाओं हुई थी। जिसमें आरोपियों के द्वारा पुलिस अधिकारी बनकर ठगों ने बुजुर्ग महिलाओं को गुमराह कर उनके कीमती गहने लूट लिए। इस पूरी वारदात के दौरान आरोपी खुद को पुलिसकर्मी बताकर महिलाओं को डराते थे कि इलाके में अपराध बढ़ गए हैं, इसलिए उन्हें अपने गहने उतारकर सुरक्षित रख लेने चाहिए। इसी बहाने वे असली गहनों की जगह नकली गहने देकर फरार हो जाते थे।
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लाखों रुपए के कीमती गहनों की गई थी लूट
इन घटनाओं में ठगों ने कुल 14.5 तोला सोने के गहने, जिनकी कीमत लगभग 11.50 लाख रुपए है कि ठगी कर लूट की अंजाम दिया गया था। जिसमे नकली पुलिस अधिकारी बनकर ठगों ने थाना कैंट अंतर्गत में 79 वर्षीय वृद्धा विनय कुमारी टाटिया से चार सोने की चूड़ियां और एक मंगलसूत्र के साथ थाना कोतवाली अंतर्गत मंदिर जा रही महिला 57 वर्षीय ज्योति जैन दो सोने के कंगन, एक सोने की चेन और दो अंगूठियां यह कहकर ले ली जाती है कि अपराध बढ़ रहा है और उन्हें अपने गहनों को सुरक्षित रखने की जरूरत है और पुलिस का डर दिखाकर असली गहनों की जगह नकली गहने उन्हें पकड़ा कर मौके से फरार हो जाते थे।
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शिकायत के बाद पुलिस का एक्शन मोड
जब ठगी की इन दोनों घटनाओं की शिकायत पुलिस के पास पहुंची तो पुलिस अधीक्षक सम्पत उपाध्याय ने इस घटना को गंभीरता से लिया। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए निर्देश जारी किए जाते है। जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन पर जबलपुर पुलिस की विशेष टीम गठित की जाती है। जिसमे प्राथमिक जांच के दौरान पुलिस को सुराग मिलता है कि आरोपी सिवनी की ओर भागे हैं जिसके बाद टीम के द्वारा वहां दबिश दी जाती है आगे की पतासाजी में पता चला कि आरोपी नंदूरा, भुसावल की ओर रवाना हो चुके हैं। जबलपुर पुलिस ने महाराष्ट्र पुलिस की मदद से नंदूरा में कई जगह छापा मार कार्यवाही की।
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ईरानी गैंग के डेरों पर की गई दबिश
जबलपुर पुलिस के द्वारा महाराष्ट्र पुलिस की सहायता से इन आरोपियों के ठिकानों पर दबिश दी गई जिसमें यह बात सामने आई कि ईरानी गैंग के यह लोग किसी एक जगह पर स्थाई नहीं रहते हैं बल्कि डेराे की शक्ल में बंजारों की तरह अस्थाई निवास करते हैं। पुलिस की जांच में दो मुख्य आरोपियों की पहचान हुई जिनमें अमजद अली उर्फ सुल्तान उर्फ गब्बर अली उर्फ भीरू ईरानी (45 वर्ष), पिता मनहर अली ईरानी, निवासी अनवर कॉलोनी, नंदूरा, भुसावल, महाराष्ट्र और चिन्ना उर्फ मोहम्मद अली (40 वर्ष), पिता सिराज अली ईरानी, निवासी स्कूल नंबर 3 के पीछे, ईमामा के सामने, रेलवे स्टेशन के पास, नंदूरा, महाराष्ट्र के तौर पर की गई।
लूट के गहनों को किया बरामद
जबलपुर पुलिस के द्वारा आरोपियों की पतासाजी करते हुए जब महाराष्ट्र में भुसावल के नंदूरा में जब आरोपियों की तलाश की गई उस दौरान पुलिस ने अमजद अली के पिता मनहर अली ईरानी से फोटो के आधार पर पूछताछ की तो उसने उस फोटो में दिख रहे व्यक्ति की पहचान अपने बेटे के रूप में की जिसके बाद आरोपियों के ठिकाने की तलाशी में पुलिस को एक नीम के पेड़ के नीचे छिपाए गए गहने मिले, जिनमें चार सोने की चूड़ियां, दो कंगन, एक मंगलसूत्र, एक सोने की चेन और दो सोने की अंगूठियां शामिल थीं। बरामद गहनों का वजन 14.5 तोला था और अनुमानित कीमत 11.50 लाख रुपए थी।
आरोपी अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर
इस पूरी वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस के द्वारा बताया जा है कि घटना के मुख्य आरोपी अमजद अली ईरानी और चिन्ना उर्फ मोहम्मद अली अभी भी फरार हैं लेकिन पुलिस के द्वारा उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है। साथ ही पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति खुद को पुलिसकर्मी बताकर गहने उतारने के लिए कहे, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। इस तरह की ठगी से बचने के लिए सतर्कता बरतना जरूरी है।