ऐसे कैसे बचेगा अमृत सरोवर, दमोह में तालाब में पानी की जगह हो रही खेती, समझिए पूरा खेल

दमोह जिले के अमृत सरोवर तालाबों में भारी भ्रष्टाचार और अनियमितताएं सामने आई हैं। इन तालाबों का निर्माण करोड़ों रुपए से किया गया था, लेकिन अब इन तालाबों में पानी नहीं है, और लोग खेती कर रहे हैं।

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Raj Singh
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हाल ही में प्रदेश के दमोह जिले के हटा ब्लॉक में बने अमृत सरोवर तालाबों में पानी की बजाय खेतों में खेती हो रही है। यह हालात तब हैं जब इन तालाबों के निर्माण पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए थे। साल 2022 में इस योजना के तहत 113 अमृत सरोवर तालाबों का निर्माण किया गया था। लेकिन, यह तालाब सूखे पड़े हुए हैं और इसमें खेती की जा रही है। अफसरों द्वारा जारी किए गए प्रमाणपत्र भी सबको चौंका रहे हैं।

113 तालाबों में पानी की कमी

दमोह जिले में बनाए गए 113 अमृत सरोवर तालाबों में से 8 तालाबों में से 5 में पानी नहीं है। इनमें से 3 तालाबों में गेहूं की फसल उगाई जा रही है। यह सब एक तरह का गंभीर मामला है, क्योंकि इन तालाबों के निर्माण पर 2.14 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। इसके बावजूद पानी नहीं भरने से लोग काफी निराशा हैं।

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तालाबों का हाल खस्ता

इन तालाबों की उपयोगिता प्रमाणपत्र भी जारी कर दिए गए हैं, जबकि इनकी असल स्थिति बहुत ही अलग है। आरईएस (RES) और जिला पंचायत (District Panchayat) से तालाबों के निर्माण का काम कराया गया था, लेकिन इन तालाबों में पानी नहीं भरा और अब इन पर खेती की जा रही है। यह एक बड़ी गड़बड़ी साबित हो रही है।

अमृत सरोवर में हुई गड़बड़ी के मामले

हरद्वानी गांव में 2022-23 में बनाए गए तालाब में 17 लाख 77 हजार रुपए खर्च किए गए थे। हालांकि, शिकायत मिलने पर जांच की गई और एजेंसी से 9 लाख रुपए की रिकवरी की गई। लेकिन, इस मामले में भी काम पूरा नहीं हुआ और तालाब में पानी की एक बूंद नहीं आई। इसके बावजूद अधिकारी ने भुगतान कर दिया। वहीं, डोली गांव में 29 लाख 46 हजार रुपए से तालाब का निर्माण हुआ, जो बारिश में बह गया।

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अधिकारियों की चुप्पी और किसानों की परेशानी

जब इस मामले पर अधिकारियों से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने चुप्पी साध ली। प्रवीण फुलपगारे, सीईओ (CEO) जिला पंचायत ने कहा कि वह अब टीम भेजकर तालाबों की स्थिति देखेंगे। वहीं, आरईएस के कार्यपालन यंत्री अनुग्रह सिंह ने भी जानकारी की कमी की बात कही।

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