दमोह में मिले 1000 साल पुराने कलचुरी काल के 7 प्राचीन मंदिर

मध्यप्रदेश के दमोह जिले में कलचुरी काल के 7 प्राचीन मंदिरों का समूह खोजा गया है। यह मंदिर नौवीं शताब्दी के हैं और मिट्टी के नीचे दबे थे।दमोह में ऐतिहासिक खोज

Advertisment
author-image
thesootr Network
New Update
prachin mandir

prachin mandir

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

दमोह में मिली ऐतिहासिक खोज

मध्यप्रदेश के दमोह जिले के दोनी गांव में पुरातत्व विभाग ने कलचुरी काल के 7 प्राचीन मंदिरों का समूह खोजा है। यह मंदिर मिट्टी के नीचे दबे हुए थे और इनकी संरचना नौवीं शताब्दी की मानी जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह मंदिर खजुराहो के समकालीन हैं, लेकिन इन्हें चंदेल राजाओं ने बनवाया था।

युवराज देव के शासनकाल के प्रमाण

विशेषज्ञों का मानना है कि यह मंदिर युवराज देव के शासनकाल में बने होंगे। यह कलचुरी काल के शुरुआती दौर के मंदिर हैं। पुरातत्व आयुक्त उर्मिला शुक्ला के अनुसार, दोनी गांव में तीन महीने से खुदाई चल रही है और यह प्रक्रिया अभी जारी रहेगी।

कुंभ को लेकर लिखा Steve Jobs का पत्र 4.32 करोड़ रुपए में हुआ नीलाम

मंदिरों का पुनर्निर्माण संभव

पुरातत्व विशेषज्ञ डॉ. रमेश यादव ने बताया कि अगर खुदाई के दौरान मंदिर के 80% अवशेष मिलते हैं, तो उन्हें जोड़कर नए सिरे से बनाया जा सकता है। क्षेत्र से मिली मूर्तियों को जबलपुर के दुर्गावती संग्रहालय और दमोह के दमयंती संग्रहालय में रखा गया है।

महाकुंभ में ठंड ने बढ़ाई मुश्किलें, कई श्रद्धालु और संत हुए बीमार

भव्यता और निर्माण शैली

इन मंदिरों की भव्यता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक मंदिर की प्लिंथ जमीन से ढाई मीटर ऊंची है। इससे अनुमान है कि इनकी कुल ऊंचाई लगभग 70 फीट रही होगी। यह मंदिर स्थानीय सेंड स्टोन से निर्मित थे।

जमींदोज होने के कारण

विशेषज्ञों के अनुसार, इन मंदिरों के नष्ट होने के पीछे आक्रमण, प्राकृतिक आपदाएं या स्थानीय लोगों द्वारा क्षति पहुंचाना प्रमुख कारण हो सकते हैं। यहां से गणेश, शिव और अर्द्धनारीश्वर की लगभग 35 प्रतिमाएं प्राप्त हुई हैं।

बाबा बागेश्वर बोले- 'कुंभ की जमीन अब्बा की नहीं, हमारे बब्बा की है'

FAQ

दमोह में मिले मंदिरों का काल किस समय का है?
ये मंदिर नौवीं शताब्दी के हैं और कलचुरी काल से संबंधित हैं।
मंदिरों के पुनर्निर्माण की क्या संभावना है?
यदि खुदाई में 80% से अधिक अवशेष मिलते हैं, तो इनका पुनर्निर्माण किया जा सकता है।
इन मंदिरों के निर्माण में किस पत्थर का उपयोग हुआ है?
मंदिरों का निर्माण स्थानीय सेंड स्टोन से किया गया है।
क्या यह मंदिर खजुराहो के मंदिरों के समकालीन हैं?
हां, यह मंदिर खजुराहो के मंदिरों के समकालीन हैं।
इन मंदिरों से कितनी मूर्तियां प्राप्त हुई हैं?
अब तक यहां से लगभग 35 मूर्तियां प्राप्त हुई हैं।

 

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

MP News मध्यप्रदेश मध्यप्रदेश न्यूज Damoh Newsद दमोह स्टोरी latest news धर्म ज्योतिष न्यूज