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दमोह में मिली ऐतिहासिक खोज
मध्यप्रदेश के दमोह जिले के दोनी गांव में पुरातत्व विभाग ने कलचुरी काल के 7 प्राचीन मंदिरों का समूह खोजा है। यह मंदिर मिट्टी के नीचे दबे हुए थे और इनकी संरचना नौवीं शताब्दी की मानी जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह मंदिर खजुराहो के समकालीन हैं, लेकिन इन्हें चंदेल राजाओं ने बनवाया था।
युवराज देव के शासनकाल के प्रमाण
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मंदिर युवराज देव के शासनकाल में बने होंगे। यह कलचुरी काल के शुरुआती दौर के मंदिर हैं। पुरातत्व आयुक्त उर्मिला शुक्ला के अनुसार, दोनी गांव में तीन महीने से खुदाई चल रही है और यह प्रक्रिया अभी जारी रहेगी।
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मंदिरों का पुनर्निर्माण संभव
पुरातत्व विशेषज्ञ डॉ. रमेश यादव ने बताया कि अगर खुदाई के दौरान मंदिर के 80% अवशेष मिलते हैं, तो उन्हें जोड़कर नए सिरे से बनाया जा सकता है। क्षेत्र से मिली मूर्तियों को जबलपुर के दुर्गावती संग्रहालय और दमोह के दमयंती संग्रहालय में रखा गया है।
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भव्यता और निर्माण शैली
इन मंदिरों की भव्यता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक मंदिर की प्लिंथ जमीन से ढाई मीटर ऊंची है। इससे अनुमान है कि इनकी कुल ऊंचाई लगभग 70 फीट रही होगी। यह मंदिर स्थानीय सेंड स्टोन से निर्मित थे।
जमींदोज होने के कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, इन मंदिरों के नष्ट होने के पीछे आक्रमण, प्राकृतिक आपदाएं या स्थानीय लोगों द्वारा क्षति पहुंचाना प्रमुख कारण हो सकते हैं। यहां से गणेश, शिव और अर्द्धनारीश्वर की लगभग 35 प्रतिमाएं प्राप्त हुई हैं।
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