मध्य प्रदेश में सुपरवाइजर पद में आवेदन करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए वैसे तो गुरुवार को एक खुशखबरी आई है। लेकिन अगर पिछले मामलों को याद किया जाए तो इस तरह के अंतरिम आदेश आगे चलकर भर्तियों के लिए अड़ंगा भी साबित होते हैं। जैसा कि साल 2018 आंगनबाड़ी सहायिकाओं को हाईकोर्ट से राहत तो मिल गई थी लेकिन उनके चयन परिणाम 7 साल बाद भी आज तक जारी नहीं हो पाए हैं।
2018 में आंगनबाड़ी सहायिकाओं को भी मिली थी अंतरिम राहत
कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा साल 2018 में निकाली गई सुपरवाइजर भर्ती (Supervisor Recruitment) में भी हाईकोर्ट के द्वारा अंतरिम राहत देते हुए सुपरवाइजर भर्ती में आंगनबाड़ी सहायिकाओं को भी आवेदन करने की छूट दी गई थी। इस फैसले के बाद हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया था कि इन पदों के परिणाम याचिका के अंतिम फैसले पर निर्भर करेंगे। इसके बाद आंगनबाड़ी सहायिकाओं ने सुपरवाइजर पद के लिए आवेदन तो किया लेकिन 7 साल बीत जाने के बाद भी इस याचिका पर सुनवाई ही चल रही है और आज तक इसके परिणाम घोषित नहीं हो सके हैं।
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अब मिली है आयु सीमा में छूट
गुरुवार (27 फरवरी 2025) को चीफ जस्टिस की डिविजनल बेंच ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी आयु सीमा में 5 साल की छूट देने का आदेश जारी किया गया है। पिछले आदेश की तरह ही इस आदेश के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आवेदन करने की दो छूट मिलेगी, लेकिन इस भर्ती के परिणाम भी कोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन होंगे। यहां आपको बता दें कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इंदौर खंडपीठ से भी याचिका क्रमांक 2331/2025 में बैकलॉग एवं सीधी भर्ती के पद क्रमांक 1 और 3 में अंतरिम राहत दी गई थी। जिसके बाद इस भर्ती के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 25 फरवरी 2025 कर दी गई थी। अब इन आदेशों के चलते आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में एक ओर तो खुशी है लेकिन दूसरी तरफ यह डर भी है कि कहीं यह भर्ती भी पिछली भर्ती की तरह ही उनके लिए सालों का इंतजार बनकर ना रह जाए।
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फैसले पर खुशी, पर जल्द आए अंतिम आदेश
इस मामले में जब 'द सूत्र' ने आंगनबाड़ी यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष विद्या खंगार से बात की तो उन्होंने बताया कि जब से यह आदेश जारी हुआ है। उनके पास आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के शुभकामनाएं भरे संदेश और फोन कॉल भी आ रहे हैं। इसके साथ ही उन्हें एक मिली जुली प्रतिक्रिया ही मिल रही है जिसमें यह आशंका भी जताई जा रही है, कि कहीं आंगनबाड़ी सहायिकाओं की तरह ही यह रिजल्ट भी सालों तक रुका ना रह जाए। आंगनबाड़ी यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष ने यह मांग की है कि कोर्ट से मिली हुई राहत पर तो उन्हें खुशी है पर इन मामलों का जल्द निपटारा किया जाना चाहिए क्योंकि आवेदन करने में छूट अपनी जगह है, लेकिन अंतिम परिणाम ही नहीं आने के कारण इस तरह की अंतरिम राहतों का धरातल पर फायदा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित सहायिकाओं को भी नहीं मिल पा रहा है।
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