मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य में नर्सिंग घोटाले के मामले में सख्त कदम उठाते हुए उन अधिकारियों की सूची प्रस्तुत करने का आदेश दिया है, जिन्होंने अपात्र नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता प्रदान की थी। इस आदेश के तहत इंडियन नर्सिंग काउंसिल (INC), मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल (MPNRC), और मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी (MPMSU) के संबंधित अधिकारियों की जानकारी मांगी गई है। हाईकोर्ट के इस निर्देश के बाद, उन अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है, जो अपात्र कॉलेजों को मान्यता देने के समय महत्वपूर्ण पदों पर थे, जैसे कि नर्सिंग काउंसिल के चेयरमैन (संचालक चिकित्सा शिक्षा), रजिस्ट्रार, काउंसिल के सदस्य, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार, कार्यपरिषद के सदस्य, कुलपति, और इंस्पेक्टर।
मंगलवार को लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान, हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच, जिसमें जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल शामिल थे, ने राज्य सरकार को अगली सुनवाई में उक्त अधिकारियों की सूची प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
सीसीटीवी फुटेज रिपोर्ट प्रस्तुत न करने पर हाईकोर्ट की फटकार
पिछली सुनवाई में, हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल कार्यालय के 13 से 19 दिसंबर, 2024 तक के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने और जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश भोपाल पुलिस कमिश्नर और साइबर सेल को दिया था। हालांकि, साइबर सेल ने डेटा पुनः प्राप्त करने में असमर्थता जताते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत की थी कि उनके पास आवश्यक उपकरण नहीं हैं, और इसलिए सीसीटीवी डीवीआर को केंद्रीय लैब भेजा गया है। आज की सुनवाई में भी रिपोर्ट प्रस्तुत न करने पर, हाईकोर्ट ने कड़ी नाराज़गी व्यक्त करते हुए निर्देश दिया है कि यदि अगली सुनवाई तक रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की जाती है, तो संबंधित अधिकारी को कोर्ट में उपस्थित होना होगा।
ये खबरें भी पढ़ें...
मध्यप्रदेश में खुलेगा इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर, 'मेड इन इंडिया' चिप उत्पादन की तैयारी
अमित शाह और कैलाश विजयवर्गीय की स्टेट हेंगर पर मुलाकात की ये है इनसाइड स्टोरी
500 से अधिक नर्सिंग कॉलेजों पर ताले, घोटाले की गंभीरता उजागर
सीबीआई जांच के बाद, राज्य में 500 से अधिक नर्सिंग कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। इस घोटाले में नर्सिंग काउंसिल कार्यालय में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं, जिससे जांच की दिशा और भी महत्वपूर्ण हो गई है। हाईकोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, इसे भोपाल पुलिस कमिश्नर और साइबर सेल को सौंपते हुए राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही कोर्ट ने अभी आदेशित किया है कि पिछले आदेश के अनुसार लंबित परिणाम को जल्द से जल्द जारी किया जाए । अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 मार्च को तय की गई है।
पूर्व रजिस्ट्रार अनीता चांद हुई निलंबित
मध्य प्रदेश नर्सिंग घोटाले में एक और बड़ी कार्रवाई हुई है। हाईकोर्ट की सख्ती के चलते लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नर्सिंग काउंसिल की पूर्व रजिस्ट्रार अनीता चाँद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय जिला सिवनी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को निर्धारित किया गया है। अनीता चाँद पर गंभीर अनियमितताओं के आरोप हैं, जिनमें सत्र 2022-23 के उन नर्सिंग कॉलेजों के छात्रों के एनरोलमेंट के लिए पोर्टल खोलना शामिल है, जहां सीबीआई जांच में छात्रों की मौजूदगी ही नहीं पाई गई थी। इसके अलावा, उन्होंने उन कॉलेजों के छात्रों का तीन साल बाद एनरोलमेंट कराया, जिनकी मान्यता सत्र 2021-22 में समाप्त कर दी गई थी। इतना ही नहीं, भोपाल के आरकेएस नर्सिंग कॉलेज को अनफिट होने के बावजूद निरीक्षण में पास दिखाने और काउंसिल को फर्जी रिपोर्ट सौंपने के भी आरोप उन पर हैं। इन अनियमितताओं के बावजूद, उन्हें रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्त किया गया था, लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया है।
ये खबरें भी पढ़ें...
मध्य प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 30.77 लाख करोड़ रुपए के MOU साइन
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में इंदौर के लिए 7.21 लाख करोड़ के करार, 6 लाख को रोजगार मिलेगा
अनीता चांद की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
नर्सिंग घोटाले में जनहित याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता विशाल बघेल ने दस्तावेजों सहित अनीता चाँद की अनियमितताओं को हाईकोर्ट के संज्ञान में लाया था। इसके बाद, हाईकोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल की तत्कालीन रजिस्ट्रार और चेयरमैन को पद से हटाने के आदेश दिए थे। इसके अलावा, नर्सिंग काउंसिल के सीसीटीवी फुटेज और फाइलें गायब होने की जांच भोपाल पुलिस कमिश्नर और साइबर सेल को सौंपी गई थी, जिसकी रिपोर्ट अभी आना बाकी है। इस रिपोर्ट के आने के बाद अनीता चांद की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं, क्योंकि इस घोटाले में कई और खुलासे होने की संभावना है। हाईकोर्ट लगातार मामले की मॉनिटरिंग कर रहा है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई के संकेत दे चुका है।