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संचालनालय महिला एवं बाल विकास भोपाल के अंतर्गत पर्यवेक्षक भर्ती 2024 के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख 23 जनवरी 2025 थी। इस भर्ती में एक विसंगति सामने आई थी कि संविदा में काम कर रहे आंगनबाड़ी सुपरवाइजर को तो आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट दी गई थी लेकिन 10 से 15 साल तक अपनी सेवाएं दे चुकीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आयु सीमा में यह छूट नहीं दी गई। इसके बाद पांच आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की जिसका फायदा पूरे मध्य प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिला है।
पर्यवेक्षक भर्ती 2024 से जुड़ा है मामला
कर्मचारी चयन मंडल (ESB) के द्वारा संचालनालय महिला एवं बाल विकास भोपाल के अंतर्गत पर्यवेक्षक के लगभग 1300 पदों पर महिलाओं के लिए और 60 पदों पर पुरुषों के लिए भर्ती निकाली गई थी। इस भर्ती के लिए आवेदन 9 जनवरी 2025 से शुरू हुए थे जिनकी अंतिम तारीख 23 जनवरी 2025 थी। इस भर्ती में आवेदन करने के लिए आयु सीमा कम से कम 18 वर्ष और अधिकतम 45 वर्ष थी। लेकिन सुपरवाइजर पद के लिए उन महिला आंगनबाड़ी कर्मियों को आयु का लाभ नहीं दिया गया जो कई सालों से विभाग में अपनी सेवा दे रही हैं। वहीं समान कैडर में काम करने वाले संविदा सुपरवाइजर को आयु सीमा में 5 साल का लाभ दिया गया। इस भेदभाव के चलते आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई।
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एक ही विभाग और एक कैडर, फिर भी लाभ न मिलना है भेदभाव
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रश्मि यादव सहित अन्य पांच कार्यकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि संविदा में काम कर रही सुपरवाइजर और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एक ही विभाग में काम करते हैं और एक ही कैडर के अंतर्गत आते हैं। उसके बाद भी संविदा सुपरवाइजर को आयु सीमा में 5 वर्ष का लाभ देना और सालों से कम कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आयु सीमा में छूट न देना उनके साथ भेदभाव है।
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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिली बड़ी राहत
इस मामले की सुनवाई गुरुवार को चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डिविजनल बेंच में हुई। सरकार की ओर से याचिका का विरोध यह कहकर किया गया की याचिकाकर्ता आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं और जबकि यह भर्ती सुपरवाइजर पद के लिए निकली है, इसलिए उन्हें आयु सीमा का लाभ नहीं दिया जा सकता, जिसे कोर्ट ने सिरे से नकार दिया। शासकीय पक्ष के साथ ही याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने यह माना कि एक ही विभाग में एक ही कैडर में काम कर रहे दो कर्मचारियों से अलग-अलग व्यवहार समानता के अधिकार का हनन है। हाईकोर्ट ने कर्मचारी चयन मंडल सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए यह आदेश दिया है कि याचिकाकर्ताओं सहित समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आवेदन में 5 वर्ष की आयु सीमा की छूट दी जाएगी। इसके लिए विभाग एक शुद्धि पत्र जारी करेगा जिससे इस आदेश का फायदा केवल याचिकाकर्ताओं को ही नहीं बल्कि समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिल सके। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश किया कि जब तक इस याचिका का निपटारा नहीं होगा तब तक इस भर्ती का परिणाम घोषित नहीं होगा और भर्ती की अंतिम प्रक्रिया कोर्ट के आदेश के अधीन रहेगी।
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अब हाइकोर्ट के आदेश के अनुसार कर्मचारी चयन मंडल को एक शुद्धि पत्र जारी करते हुए पोर्टल को दोबारा खोलना होगा। जिसके बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 5 वर्ष की आयु सीमा की छूट मिल सके। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि इस आदेश का लाभ केवल पांच याचिकाकर्ताओं को नहीं बल्कि समस्त आंगनबाड़ी अभ्यर्थियों को मिलेगा। अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 मार्च 2025 को तय की गई है।
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