ANM उम्मीदवारों को करना होगा और इंतजार, सरकार ने मांगा एक हफ्ते का समय

ANM सिलेक्शन से बाहर हुई महिला उम्मीदवारों का इंतजार अभी खत्म नहीं हुआ है।  261 याचिकाओं की हुई सुनवाई में याचिकाकर्ताओं का पक्ष सुना। इसके बाद कोर्ट ने नियम परिवर्तन पर जवाब देने के लिए सरकार को एक हफ्ते का समय दिया है। 

Advertisment
author-image
Neel Tiwari
New Update
ANM candidates longer
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

ANM भर्ती के योग्यता नियम 1989 में संशोधन होने के बाद शैक्षणिक योग्यताओं और ट्रेनिंग की अवधि जैसे नियमों में साल 2019 में बदलाव आया है। जिसके कारण इस दौरान ट्रेनिंग और नर्सिंग काउंसिल में रजिस्ट्रेशन होने के बाद भी कुछ उम्मीदवार योग्यता के आधार पर रिजेक्ट कर दिए गए थे। अब इस मामले में कुल 261 याचिकाएं लगाते हुए उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट की शरण ली हैं।

2019 में बदले गए भर्ती नियम 

ये खबर भी पढ़िए...स्वास्थ्य विभाग की सुस्त चाल, नहीं कर पाया 1099 पदों पर ANM भर्ती

साल 2019 से पहले एएनएम भर्ती के लिए 1989 के नियमों को फॉलो किया जाता था। जिसके अनुसार ऑग्ज़ीलियरी नर्स मिडवाइफ यानी ANM भारती के लिए शैक्षणिक योग्यता 10+2 थी। इसके साथ ही उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त सेंटर से फीमेल हेल्थ वर्कर की 18 महीने की ट्रेनिंग लेना आवश्यक था। लेकिन 2019 में इन नियमों में बदलाव किया गया और 10+2 की जगह शैक्षणिक योग्यता 12वीं हो गई। इसके साथ ही बायो, केमेस्ट्री और फिजिक्स विषय को भी अनिवार्य कर दिया गया।

ये खबर भी पढ़िए...पैथोलॉजी लैब्स में इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स और किट्स के लिए तय होंगे मानक

पुराने नियमों के अनुसार जहां मान्यता प्राप्त इंस्टीट्यूट से ट्रेनिंग करनी होती थी। तो वहीं नए नियमों के अनुसार केवल मध्य प्रदेश शासन के इंस्टीट्यूट से ही ट्रेनिंग करना आवश्यक हो गया और ट्रेनिंग की अवधि भी बढ़कर 2 साल कर दी गई। 2 फरवरी 2019 को जारी हुए इस नोटिफिकेशन के बाद वह सभी उम्मीदवार अयोग्य हो गए जिन्होंने पहले ही 18 महीने की ट्रेनिंग किसी अन्य ट्रेनिंग सेंटर से की हुई थी और 12वीं कक्षा में उन्होंने बायोलॉजी,केमेस्ट्री और फिजिक्स से पढ़ाई नहीं की थी। 

याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट के समक्ष कुछ अन्य भर्तियों के उदाहरण देते हुए यह मांग की कि वह सभी नर्सिंग काउंसिल से रजिस्टर है और उन्होंने केवल उन्हीं संस्थाओं से एएनएम की ट्रेनिंग की है जो संस्थान भी मान्यता प्राप्त हैं। तो उन्हें पिछले नियमों के आधार पर रिलैक्सेशन दिया जाना चाहिए।

ये खबर भी पढ़िए...EPFO ने फिर बढ़ाई UAN एक्टिवेशन की डेडलाइन, समझें ऑनलाइन प्रोसेस का आसान तरीका

याचिकाकर्ताओं ने दिए कई भर्तियों के उदाहरण 

इस मामले में कुल 261 याचिकाएं होने के कारण पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह साफ किया था कि दोनों पक्षों की ओर से केवल एक ही अधिवक्ता अपना पक्ष रखेगा। इसके बाद मंगलवार को हुई सुनवाई में वरिष्ठ अधिवक्ता के.सी. गिडयाल ने एएनएम उम्मीदवारों की ओर से पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया की नोटिफिकेशन 2019 के बाद भी कुछ भर्ती विज्ञापनों में पुराने नियमों को देखते हुए रिलैक्सेशन दिया गया है। जैसे संचालनालय कर्मचारी राज्य बीमा में भर्ती के दौरान शैक्षणिक योग्यता 12वीं के साथ सिर्फ बायो विषय मांगी गई थी और वही एएनएम ट्रेनिंग की अवधि भी एक वर्ष थी। इसी तरह कमला नेहरू हॉस्पिटल के द्वारा निकाली गई भर्ती में शैक्षणिक योग्यता में 12वीं और विषय सिर्फ साइंस से उत्तीर्ण करना आवश्यक था। तो ट्रेनिंग की अवधि 18 महीने तय की गई। लेकिन संचालनालय स्वास्थ्य सेवाओं के द्वारा निकाली गई भर्ती के विज्ञापन में शैक्षणिक योग्यता 12वीं कक्षा बायोलॉजी केमिस्ट्री या फिजिक्स उत्तीर्ण करने के साथ ही एएनएम ट्रेनिंग दो वर्ष की आवश्यक बताई गई। 

ये खबर भी पढ़िए...जबलपुर हाईकोर्ट: कोई रोया, कोई गिड़गिड़ाया और किसी ने पारित करवा लिए आदेश

सरकार ने मांगा एक हफ्ते का समय 

इस मामले की सुनवाई के जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगल पीठ में हुई। शासन की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि पिछले नियम के अनुसार शैक्षणिक योग्यता 10+2 थी। अब यह योग्यता 10 वीं कक्षा तक थी या 12वीं तक इसके लिए उन्हें शासन से निर्देश लेना होगा। जिसके लिए उन्होंने एक हफ्ते का समय दिए जाने का निवेदन किया और कोर्ट ने अब इस मामले की अगली सुनवाई 3 मार्च को दोपहर 2:30 बजे तय की है।

 

जबलपुर न्यूज एमपी सरकार मध्य प्रदेश एमपी हिंदी न्यूज anm anm bharti