भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी बुधवार को अपनी पत्नी के साथ पवित्र नगरी चित्रकूट पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने पद्मविभूषण से सम्मानित जगद्गुरु रामभद्राचार्य से भेंट की और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से गुरु दक्षिणा के रूप में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) मांगा है। रामभद्राचार्य ने कहा, पाकिस्तान ने दोबारा हमला किया तो वह दुनिया के नक्शे से मिट जाएगा।
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इस भेंट के दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने जनरल द्विवेदी को विशेष आध्यात्मिक दीक्षा प्रदान की। उन्होंने कहा कि यह वही दिव्य दीक्षा है, जो प्राचीन काल में माता सीता ने हनुमान जी को लंका विजय हेतु प्रदान की थी। जगद्गुरु के अनुसार, यह दीक्षा वीरता, समर्पण और धर्म की रक्षा के संकल्प का प्रतीक है। सेना प्रमुख की यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रही, बल्कि राष्ट्र के प्रति समर्पण और संस्कृति के प्रति आदर को भी दर्शाती है।
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पद्मश्री डॉ. बुधेन्द्र कुमार जैन से की मुलाकात
सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी चित्रकूट स्थित तुलसी पीठ पहुंचे थे। वहां कांच मंदिर में उन्होंने दिव्यांग छात्रों को संबोधित किया। कार्यक्रम के बाद सेना प्रमुख सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट गए। यहां उन्होंने पद्मश्री डॉ. बुधेन्द्र कुमार जैन से मुलाकात की और कहा कि सेना के अधिकारियों को इस सेवा कार्य को देखकर प्रेरणा लेनी चाहिए। द्विवेदी ने भारतीय सेना की ओर से डॉ. जैन को स्मृति चिन्ह भेंट किया। साथ ही 4 प्रतिष्ठित व्यक्तियों को वेटरन अचीवर्स अवॉर्ड से सम्मानित किया।
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सेना प्रमुख बोले- भगवान के बाद डॉक्टर सबसे बड़े
सदगुरु नेत्र चिकित्सालय पहुंचे जनरल द्विवेदी ने कहा, मैं चिकित्सा पृष्ठभूमि से आता हूं और मानता हूं कि डॉक्टर भगवान के बाद सबसे बड़े होते हैं। नेत्र चिकित्सा हमारे सैनिकों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां जो सेवा हो रही है, वह निस्संदेह मानवता की सच्ची सेवा है।
पद्म विभूषण | कौन है जगद्गुरु रामभद्राचार्य