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Photograph: (THESOOTR)
मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और रायसेन जिले के भोजपुर विधायक सुरेंद्र पटवा के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। इंदौर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंटजारी किया है। यह कार्रवाई चेक बाउंस से जुड़े कई मामलों के बाद की गई है।
कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को आदेश दिया है कि वे पटवा को गिरफ्तार कर अदालत में पेश करें। यह घटना राज्य की राजनीति में हलचल मचा रही है, क्योंकि पटवा पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के भतीजे हैं।
यह वारंट इंदौर के विशेष दंडाधिकारी न्यायालय द्वारा जारी किया गया है, जिसमें पटवा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 409 और 120B के तहत आरोप लगाए गए हैं। आदेश में स्पष्ट है कि यदि आरोपी 16 सितंबर 2025 को न्यायालय में उपस्थित नहीं होता है, तो उसे बिना जमानत के गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
ये वारंट हुआ जारी
पहले भी लगे हैं धोखाधड़ी के आरोप
भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा, उनकी पत्नी मोनिका पटवा और उनकी कंपनी पर सीबीआई ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। सुरेंद्र पटवा, जो स्वर्गीय मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के भतीजे हैं, पर बैंक ऑफ बड़ौदा से 34 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप लगा था।
इस मामले को लेकर सीबीआई ने पटवा दंपति और उनकी इंदौर स्थित कंपनी, पटवा ऑटोमोटिव प्रा. लिमिटेड के खिलाफ जांच शुरू की थी। आरोप था कि 2014 से 2017 के बीच पटवा दंपती ने बैंक से 29.41 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी कीहै। यह मामला इंदौर के एमजी रोड स्थित कंपनी से जुड़ा है।
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नामांकन भी विवादों में आ गया था
भोजपुर से भाजपा उम्मीदवार सुरेन्द्र पटवा का नामांकन भी विवादों में आ गया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने शपथ पत्र में बैंक और शिक्षा से संबंधित जानकारी गलत दी थी।
2013 के चुनाव में पटवा ने बताया था कि उन्होंने 1983 में बीकॉम किया था, जबकि इस बार शपथ पत्र में उन्होंने 1984 में एमकॉम की डिग्री का उल्लेख किया। इस पर सफाई देते हुए मंत्री ने कहा था कि यह जानकारी देने में गलती हो गई थी।