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MP Weather Update: मध्यप्रदेश में मानसून के दौरान मौसम ने इस बार भी अप्रत्याशित बदलाव दिखाए। मंगलवार को प्रदेश के कई हिस्सों में तेज बारिश हुई, जबकि कुछ स्थानों पर धूप भी खिली। भोपाल में सुबह के समय हल्की धूप थी, लेकिन दोपहर में तेज बारिश ने मौसम का मिजाज बदल दिया। सीधी जिले में भी तेज बारिश हुई, जिससे जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार और प्रशासन ने तैयारी की है।
जोहिला डैम के गेट खोले गए
प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र के जोहिला डैम के दो गेट आधे-आधे मीटर खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। पानी की निगरानी के लिए प्रशासन ने एक टीम तैनात की है। यह कार्रवाई तवा डैम में पानी के बढ़ते स्तर के कारण की गई है। इस वर्ष यह तीसरी बार है, जब जोहिला डैम के गेट खोले गए हैं।
बारिश का आंकड़ा
मध्यप्रदेश में मानसून की शुरुआत के बाद से अब तक 41.3 इंच बारिश हो चुकी है, जो कि सामान्य से 12 प्रतिशत (4.3 इंच) अधिक है। कई जिलों में जलस्तर बढ़ने से नदियों का प्रवाह तेज हुआ है। भोपाल, ग्वालियर और अन्य 30 जिलों में पानी का स्तर अधिक हो चुका है, जबकि 10 जिले अभी भी मुहाने पर हैं। अगले कुछ दिनों में और अधिक बारिश होने की संभावना है, जिसमें 10 इंच तक बारिश हो सकती है।
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मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने बताया कि बुधवार और गुरुवार को कुछ जिलों में भारी बारिश हो सकती है, लेकिन फिलहाल भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम में भारी बारिश का कोई अलर्ट नहीं है। हालांकि, जबलपुर संभाग के कुछ जिलों में तेज बारिश हो सकती है।
बाढ़ के खतरे और स्थिति
मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में पिछले दिनों तेज बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई, जिससे यहां बाढ़ आ गई। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़ और उमरिया जैसे जिलों में भी जलभराव की स्थिति बनी हुई है।
ग्वालियर और चंबल की स्थिति
ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में मानसून ने जमकर बरसात की है। इन क्षेत्रों के 8 जिलों में कोटे से अधिक बारिश हो चुकी है, जिनमें ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर शामिल हैं। इन जिलों में जलसंचय की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।