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BHOPAL.राज्य सरकार के हर आयोजन पर टैक्स कटेगा। इसमें सिंगर, डांसर, कवि या अन्य कलाकारों को मोटी फीस दी जाती है। ऐसे आयोजनों में टीडीएस कटौती अनिवार्य कर दी गई है।
महंगे सांस्कृतिक आयोजनों पर भी टैक्स लागू
टीडीएस का दायरा सिर्फ कलाकारों तक सीमित नहीं है। लाखों रुपए खर्च कर होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम अब टैक्स नियमों के तहत आएंगे। यह आयोजन किसी भी विभाग द्वारा कराया गया हो।
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आयकर विभाग की बढ़ी हुई निगरानी
आयकर विभाग ने सरकारी आयोजनों पर निगरानी तेज कर दी है। विभाग प्रमुखों को पत्र भेजकर टीडीएस की जानकारी मांगी जा रही है। साथ ही बकाया राशि जमा करने के निर्देश दिए जा रहे हैं।
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टीडीएस नहीं जमा किया तो होगी कार्रवाई
जो विभाग टीडीएस की राशि नहीं देंगे, उनके खिलाफ आयकर विभाग टीडीएस अधिनियम के तहत कार्रवाई करेगा। इसमें नोटिस जारी करने से लेकर कानूनी कदम तक शामिल हैं।
किन-किन विभागों पर लागू हुआ नियम
लोक निर्माण विभाग, संस्कृति विभाग, लोक स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, स्कूल शिक्षा, खनिज साधन सहित वे सभी विभाग इस दायरे में आए हैं। ये विभाग टेंडर के जरिए काम कराते हैं या इवेंट आयोजित करते हैं।
कमीशन और प्रोफेशनल सेवाएं भी शामिल
अब कमीशन, टेक्निकल सर्विस और प्रोफेशनल सेवाओं पर किए गए भुगतान पर भी टीडीएस काटना जरूरी होगा। भुगतान का स्वरूप चाहे जैसा हो, टैक्स कटौती से छूट नहीं मिलेगी।
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सरकारी उपक्रमों पर भी लागू नियम
कोल इंडिया लिमिटेड, कोल माइंस और अन्य सार्वजनिक उपक्रम भी टीडीएस नियमों के अंतर्गत आते हैं। आयकर अधिनियम के अनुसार इन्हें भी समय पर टैक्स जमा करना होगा।
नियमों की जानकारी की कमी आई सामने
आयकर विभाग की टीडीएस आयुक्त भारती सिंह के अनुसार, कई सरकारी विभागों को यह जानकारी नहीं है कि किन सेवाओं पर टीडीएस लागू हो चुका है। इसी वजह से विभागों को पत्र भेजकर नियम समझाए जा रहे हैं।
पीडब्ल्यूडी से मिलने लगा टीडीएस राजस्व
आयुक्त भारती सिंह बताती हैं कि लोक निर्माण विभाग से पिछले चार महीनों में टीडीएस के रूप में राजस्व आना शुरू हो गया है। अधिकांश मामलों में कार्रवाई आयकर अधिनियम की धारा 194(J) के तहत की जा रही है।
21 हजार करोड़ रुपए सिर्फ टीडीएस से
एमपी-छत्तीसगढ़ क्षेत्र में आयकर विभाग को हर साल मिलने वाले कुल राजस्व का बड़ा हिस्सा टीडीएस से आता है। सालाना करीब 33 हजार करोड़ रुपए की वसूली होती है। इसमें लगभग 21 हजार करोड़ रुपए सिर्फ टीडीएस से जुटाए जाते हैं।
संस्कृति विभाग के आयोजनों की जांच
प्रदेश में स्थापना दिवस और अन्य बड़े आयोजनों के लिए बाहर से कलाकार बुलाए जाते हैं। इसी कारण आयकर विभाग के अफसरों ने हाल ही में संस्कृति विभाग से आयोजनों और भुगतान का पूरा विवरण लिया है।
आउटरीच प्रोग्राम से दी जा रही समझाइश
टीडीएस से जुड़ी गड़बड़ियों की शिकायतों के बाद आयकर विभाग ने प्रोग्राम आयोजित किए हैं। ये प्रोग्राम लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के सीएमएचओ तथा स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिए हैं।
सरकार को मिला स्पष्ट संदेश
आयकर विभाग का कहना है कि सरकारी खर्च पर टैक्स नियमों की अनदेखी नहीं होगी। समय पर टीडीएस कटौती और जमा करना अब हर विभाग की जिम्मेदारी होगी।
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