भोपाल. आईएएस अवार्ड ( IAS award ) के लिए राज्य शासन ने कवायद शुरू कर दी है। इसको लेकर सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने मुख्य सचिव को पदों के डिटर्मिनेशन को लेकर तय प्रक्रिया के अनुमोदन के लिए फाइल भेजी है। इस पर अंतिम फैसला होने के बाद प्रस्ताव केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय (डीओपीटी) को भेजा जाएगा। इसके बाद 2023 के लिए डीपीसी की तारीख तय की जाएगी। दूसरी ओर नॉन एसएएस से आईएएस के लिए दावेदारों के नाम भी सामने आने लगे हैं और उनका विरोध भी होने लगा है।
साल 2021 और 2022 के पदों के लिए पिछले साल हुई डीपीसी के बाद आईएएस के लिए राज्य प्रशासनिक सेवा के जिन अफसरों की डीपीसी हुई थी, उन सभी को आईएएस अवार्ड हो गया है। पिछले माह 13 फरवरी को सुनील दुबे और कमलेश कुमार भार्गव को भी आईएएस अवार्ड करने के आदेश डीओपीटी से जारी हो गए थे। इसके बाद जीएडी ने इन दोनों ही अफसरों को वर्तमान पदों पर काबिज रखते हुए उनकी पोस्टिंग आईएएस के पद के समकक्ष घोषित कर दी है। इसके बाद अब 2023 के लिए डीपीसी की कवायद शुरू हुई है। इसी को लेकर जीएडी के अफसरों ने प्रस्ताव तैयार कर मुख्य सचिव को अनुमोदन के लिए भेजा है। इसमें एसएएस के पदों के साथ नॉन एसएएस के पदों के लिए भी प्रस्ताव भेजा गया है। करीब सात पद आईएएस अवार्ड में शामिल किए जा सकते हैं।
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आईएएस बनाने का विरोध
इसके पहले राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के प्रतिनिधि मंडल ने पिछले माह सीएम मोहन यादव से मुलाकात कर उन्हें मांगों का ज्ञापन सौंपा था। इसमें गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को भारतीय प्रशासनिक सेवा कैडर में पदोन्नति दिए जाने का विरोध किया गया था। कहा गया था कि अपात्रता के बाद गैर राप्रसे अफसरों को मौका दिए जाने से राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों का हक मारा जाता है।
क्या कहता है नियम
ज्ञात हो कि गैर राज्य प्रशासनिक अधिकारियो को आईएएस अवार्ड देने का प्रावधान अखिल भारतीय सेवा नियमों में है। मध्यप्रदेश कैडर के 33.33 प्रतिशत पद राज्य प्रशासनिक सेवा के लिए है, जिसका 15 प्रतिशत गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के लिए निर्धारित होता है और इसी के आधार पर गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों के पदों की गणना की जाती है।