भोपाल। राज्य सरकार आईपीएस ( IPS ) अफसरों को पदोन्नत करके भूल गई है, ये हम इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि पदोन्नति के दो माह बाद भी अफसर जूनियर पदों पर ही पदस्थ हैं। मजेदार बात ये है कि जो आईपीएस जिलों में एसपी हैं, वे तो चाहते हैं कि सरकार आराम से उनकी पोस्टिंग करें वहीं जो अफसर एसपी बनने के लिए बेताब हैं वे चाहते हैं कि एसपी से डीआईजी बन चुके अफसरों को सिनियर पदों पर पदस्थ किया जाए, जिससे जूनियर अफसरों को जिले में एसपी बनने का अवसर मिले।
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इन अफसरों का नाम
राज्य सरकार ने 29 दिसंबर को 2009 और 2010 बैच के 18 आईपीएस अफसरों को एसपी से डीआईजी ( DIG ) के पद पर पदोन्नत किया था, इनमें से कई अफसर पीएचक्यू में पदस्थ थे तो वे वहीं के वहीं एडजस्ट हो गए, लेकिन जिलों में पदस्थ एसपी और बटालियन में पदस्थ कमांडेंट के डीआईजी बनते ही उन्हें अन्यत्र पदस्थ किया जाना था, जो कि सरकार दो माह बाद भी नहीं कर पाई। इनमें अमित सांघी एसपी छतरपुर, वीरेन्द्र कुमार सिंंह एसपी खंडवा, मोहम्मद युसुफ कुरैशी एसपी सिंगरौली, प्रशांत खरे एसएसपी रेडियो, अतुल सिंह कमांडेंट 7वीं बटालियन भोपाल, मनीष कुमार अग्रवाल डीसीपी ट्रैफिक इंदौर, निमिष अग्रवाल डीसीपी क्राईम इंदौर, पंकज श्रीवास्तव कमांडेंट 15वीं बटालियन इंदौर, राजेश कुमार सिंह डीसीपी जोन—4 इंदौर, धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया कमांडेंट आरएपीसीसी इंदौर के नाम शामिल हैं।
प्रदेश में खाली है 7 डीआईजी रेंज
प्रदेश में कानून व्यवस्था बेहतर बनाने के उददेश्य से 19 डीआईजी रेंज बनाए गए हैं जिससे आस पास के जिलों में एसपी के उपर कानून व्यवस्था को बेहतर तरीकें से देख सकें। लेकिन इसके बावजूद 19 में से 7 डीआईजी रेंज खाली हैं। इंदौर शहर में डीआईजी के दो पद हैं, इनमें से एक पद खाली है। इसी तरह भोपाल में भी डीआईजी के दो पद हैं, यहां भी एक पद खाली है। इसी तरह खरगौन, उज्जैन, रीवा और नर्मदापुरम में डीआईजी के पद खाली हैं। इन रेंज को प्रभारी डीआईजी देख रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि प्रदेश में अफसर नहीं है। वर्तमान स्थिति की बात करें तो प्रदेश में 40 डीआईजी रेंज के अफसर हैं।