90 डिग्री आरओबी की जांच हुई पूरी, रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे, एजेंसी होगी ब्लैक लिस्ट

ऐशबाग रेलवे क्रॉसिंग पर बने 90 डिग्री आरओबी की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए है। वहीं अब डिजाइन में खामियों के कारण एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने की सिफारिश की गई है।

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Amresh Kushwaha
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भोपाल के ऐशबाग रेलवे क्रॉसिंग पर बने 90 डिग्री आरओबी (रेल ओवर ब्रिज) को लेकर एक जांच समिति की रिपोर्ट सामने आई है। इसमें इस ब्रिज के डिजाइन में गंभीर खामियां पाई गई हैं। रिपोर्ट में यह बताया गया कि इस ब्रिज का डिजाइन तैयार करते समय पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) और रेलवे के बीच समन्वय की कमी थी। इसकी वजह से डिजाइन की मंजूरी जल्दी दी गई और जरूरी जांच-पड़ताल नहीं की गई।

इस मामले में पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों पर सवाल उठाए गए हैं। इन्होंने रेलवे के साथ जनरल अरेंजमेंट ड्रॉइंग (GAD) को फाइनल करने से पहले ही डिजाइन को मंजूरी दे दी थी। जांच समिति ने डिजाइन तैयार करने वाली एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने की सिफारिश की है, ताकि भविष्य में ऐसे गलत कामों से बचा जा सके।

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रिपोर्ट में उठाए गए सवाल

जांच समिति के सदस्य ने पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन एक्जीक्यूटिव इंजीनियर शबाना रज्जाक और ब्रिज सेक्शन के तत्कालीन चीफ इंजीनियर संजय खांडे की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। इन दोनों अधिकारियों के ऊपर आरोप है कि उन्होंने डिजाइन की मंजूरी देने से पहले रेलवे से समन्वय नहीं किया। इससे बड़ी समस्या पैदा हो सकती थी।

जांच के दौरान किए गए परीक्षण

समिति ने ब्रिज की जांच के लिए ट्रैफिक का परीक्षण किया। इस दौरान, दो ट्रकों को 30 किमी/घंटा की गति से आरओबी पर एक साथ गुजारा गया। इस परीक्षण में यह पाया गया कि जब ट्रक गुजरे तो ब्रिज पर कोई अन्य वाहन नहीं था, लेकिन भविष्य में ट्रैफिक बढ़ने पर समस्या हो सकती है।

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सड़क का एंगल और दीवार की खामियां

जांच समिति ने सड़क का एंगल भी मापा, जो 119 डिग्री पाया गया। जबकि ब्रिज की दीवार 90 डिग्री पर बनी थी। इस असमानता का कारण पिलर की लोकेशन को बताया गया। इससे ब्रिज का डिजाइन सही नहीं बैठ रहा था।

सुधार के लिए मिले सुझाव

समिति ने सुधार के लिए कुछ सुझाव दिए हैं:

  • ब्रिज के दोनों एंड पर और टर्निग पर स्पीड रिडक्शन मेजर (Speed Reduction Measures) लागू किए जाएं।

  • साइन बोर्ड लगाकर चालक को सचेत किया जाए।

  • टर्निग रेडियस को बढ़ाने के लिए ब्रिज की दीवार को तोड़कर टर्निग पर चौड़ाई को 10.5 मीटर से बढ़ाकर 12 मीटर करने की सिफारिश की गई है।

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रिपोर्ट के अध्ययन के बाद होगी कार्रवाई

पीडब्ल्यूडी के ईएनसी (Chief Engineer) केपीएस राणा ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि समिति की रिपोर्ट उनके कार्यालय में आ चुकी है, लेकिन उन्होंने अभी तक रिपोर्ट का अध्ययन नहीं किया है। रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद इस पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

पूरे देश में चर्चित हुआ मामला

ऐशबाग रेलवे क्रॉसिंग पर बने इस 90 डिग्री आरओबी की खामियों को लेकर पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। यह मुद्दा मीडिया और सरकार दोनों के बीच गंभीर चिंता का कारण बना है।

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अधिकारियों ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

रिपोर्ट मिलने के बाद, अब इस पर कार्रवाई का रास्ता साफ होगा। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में इस तरह की गलतियों को सुधारने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, दोषी एजेंसियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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