सहायक आबकारी आयुक्त जगदीश राठी के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई को फिर मिली मंजूरी

सागर में सहायक आबकारी आयुक्त रहे जगदीश राठी की मुश्किलें बढ़ गईं। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने लोकायुक्त के पक्ष में फैसला दिया। अब राठी की जांच और लोकायुक्त केस पर ट्रायल जारी रहेगा।

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Sanjay Gupta
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Photograph: (The Sootr)

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INDORE. सागर में सहायक आबकारी आयुक्त के पद पर पदस्थ रहे जगदीश राठी की मुश्किल बढ़ गई है। हाईकोर्ट से मिली राहत डबल बैंच में हुई सुनवाई में खत्म हो गई। हाईकोर्ट डिवीजनल बैंच ने रिट अपील को मंजूर करते हुए लोकायुक्त के पक्ष में फैसला कर दिया है। अब राठी की जांच जारी रहेगी और लोकायुक्त केस पर ट्रायल चलेगा।

रिट अपील में राठी को मिली थी राहत

दिसंबर 2013 में राठी के इंदौर और सागर के ठिकानों पर लोकायुक्त ने छापे मारे थे। इसके लंबे समय बाद मप्र शासन ने राठी के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी दी लेकिन इसके खिलाफ राठी हाईकोर्ट चले गए।

आरोपी के विरुद्ध चालान प्रस्तुत करने पर जगदीश राठी द्वारा उच्च न्यायलय में अभियोजन स्वीकृति की चुनौती देने वाली याचिका प्रस्तुत की गई। इसमें विभिन्न पेशी तारीख नियत होने पर दिनांक 29-8-24 कि तिथि नियत की गई परंतु आरोपी द्वारा दिनांक 16-8-24 की तकालीन खण्डपीठ के समक्ष Mention slip लेकर प्रकरण दिनांक 17-8-24 नियत करवाया गया।

उक्त दिनांक को लोकायुक्त संगठन तथा मध्य प्रदेश शासन की ओर से जवाब प्रस्तुत करने हेतु समय चाहा गया परंतु तत्कालीन खण्डपीठ द्वारा अभिभोजन स्वीकृति एवं सम्पूर्ण अभियोजन निरस्त कर दिया।

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इसके बाद लोकायुक्त ने की अपील

इस आदेश के खिलाफ लोकायुक्त ने रिट अपील दायर की। जस्टिस  विवेक रूसिया तथा जस्टिस  विनोद कुमार द्विवेदी की खण्डपीठ द्वारा लोकायुक्त संगठन द्वारा प्रस्तुत पुनर्विचार याचिका स्वीकार कर पूर्ववर्ती खण्डपीठ का आदेश दिनाक 17-8-24 अपास्त कर दिया है।

छापे में मिली थी करोड़ों की संपत्ति

सहायक आबकारी आयुक्त अधिकारी जगदीश राठी के निवास पर छापे की कार्रवाई में उसके वेतन से 550 प्रतिशत की अनुपातहीन संपत्ति पाई गई थी। गया। इसमें उसकी इंदौर में ही सारी संपत्तियां पाई गई जो परिजन और करीबियों के नाम से खरीदी गई थी।

लोकायुक्त संगठन ने बताया कि भ्रष्टाचार सम्बंधित प्रकरण में मध्यप्रदेश शासन व लोकायुक्त संगठन की Zero Tolerance की नीति के दृष्टिगत सम्पूर्ण प्रकरण की तैयारी लोकायुक्त पुलिस संगठन के वरिष्ठ अधिकारी, विशेष लोक अभियोजक प्रसन्ना प्रसाद एवं पुलिस अधीक्षक, विपुस्था लोकायुक्त संगठन इन्दौर राजेश सहाय तथा उप पुलिस अधीक्षक एवं प्रकरण के प्रभारी अधिकारी द्वारा की गई थी। MP News

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