इंदौर आजादनगर गोलीकांड के आरोपी हेमू और चिंटू ठाकुर शराब सिंडीकेट बैठक में चला चुके गोली
इंदौर के आजाद नगर थाना क्षेत्र स्थित नूरी नगर के एक मैदान में रविवार को गोलीकांड हो गया। यहां पर बाणगंगा थाना क्षेत्र का गुंडा जितेंद्र यादव उर्फ जेडी मौजूद था।
इंदौर के आजादनगर थाना क्षेत्र के नूरी नगर में दो दिन पूर्व हुए गोलीकांड के तार अब शराब सिंडीकेट हेमू ठाकुर और चिंटू ठाकुर से जुड़ गए हैं। इसकी खुलासा आजादनगर पुलिस की एफआईआर से हुआ है। उसमें गोलीकांड को लेकर चार आरोपी बनाए गए हैं। इसमें से दो नाम तो हेमू और चिंटू के हैं। ये दोनों वे ही बदमाश हैं जो जिन्होंने चार साल पहले विजयनगर क्षेत्र में शराब सिंडीकेट की बैठक में शराब कारोबारी अर्जुन ठाकुर पर गोली चला दी थी। अब एक बार फिर पुलिस को इन दोनों आरोपियों की तलाश दूसरे गोलीकांड में है। दोनों ठाकुर बंधु गोलियां चलाने के आदी है, जो इनके बीच में आता है वह हत्या करने से भी नहीं चूकते हैं।
शाकिर के साथ हेमू और चिंटू को भी बनाया आरोपी
इंदौर के आजाद नगर थाना क्षेत्र स्थित नूरी नगर के एक मैदान में रविवार को गोलीकांड हो गया। यहां पर बाणगंगा थाना क्षेत्र का गुंडा जितेंद्र यादव उर्फ जेडी मौजूद था। इसी दौरान चन्दन नगर थाना क्षेत्र का हिस्ट्रीशीटर बदमाश शाकिर काला वहां पर आया और जितेंद्र को देखते ही उस पर गोली चला दी। इस में जितेंद्र को पीठ में गोली लगी और वह घायल हो गया। घटना में पुलिस ने चार बदमाशों को आरोपी बनाया है। इसमें शाकिर काला निवासी चंदन नगर, मोईन निवासी चंदन नगर, हेमू ठाकुर निवासी बाणगंगा और चिंटू ठाकुर निवासी बाणगंगा शामिल हैं।
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि जेडी ने नवंबर 2013 में अपने 6 साथियों के साथ पिंटू ठाकुर की गोली मारकर हत्या की थी। पिंटू एक रेस्टोरेंट चलाता था और जेडी का उसके एक नौकर से विवाद हो गया था। इस विवाद में पिंटू ने जेडी को थप्पड़ मारा था, जिसके बदले में जेडी ने उसकी हत्या कर दी। पुलिस को आशंका थी कि जेडी को मारने के लिए पिंटू के भाई हेमू और चिंटू (शराब सिंडिकेट) में से किसी ने हमला करवाया होगा।
असल में हेमू ठाकुर ने विजयनगर इलाके में 19 जुलाई 2021 को शराब सिंडिकेट विवाद में अर्जुन ठाकुर को गोली मार दी थी। सूत्रों के मुताबिक गांधीनगर नवादा पंथ सर्कल की शराब दुकान की देखरेख अर्जुन ठाकुर करता था। बाणगंगा थाना पुलिस ने आरोपी नरेंद्र कमलसिंह भट्टल, इंद्रजीत पुत्र चंदनसिंह भट्टल को 52 पेटी शराब के साथ गिरफ्तार किया था। शराब चिंटू ठाकुर की बताई जा रही थी। उसे शक था कि शराब की मुखबिरी अर्जुन ने की है। इस बैठक में इंदौर के सभी बड़े शराब कारोबारी, ठेकेदार शामिल हुए थे। इसके बाद शहर में जमकर तनाव रहा और गैंगवार होने की आशंका बनी रही।
वारदात वाले दिन सुबह इस दुकान का चार्ज अर्जुन ठाकुर निवासी नंदानगर से लेने के लिए हेमू ठाकुर अपनी टीम के साथ पहुंचा था। यहां हेमू ठाकुर के एक साथी ने दुकान में घुसते से ही वहां लगी वीरेंद्र ठाकुर (अर्जुन के पिता) की फोटो बाहर फेंक दी थी। जिसके बाद फोन पर कहासुनी हुई और विजय नगर थाना क्षेत्र स्थित सिंडिकेट ऑफिस पर दोनों में बातचीत की सहमति बनी, लेकिन यहां आपसी विवाद के बाद अर्जुन ठाकुर पर हेमू ठाकुर, चिंटु ठाकुर व दो अन्य बदमाशों ने हमला कर दिया गया। जिसमें अर्जुन ठाकुर गंभीर घायल हुआ था और उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया था।
अर्जुन ठाकुर जिसे गोली मारी थी
घटना के बाद ऑफिस में भी की थी तोड़फोड़
पुलिस के मुताबिक आरोपी हेमू ने सत्य सांई स्कूल के पास शराब सिंडिकेट के ऑफिस में अर्जुन ठाकुर निवासी नंदानगर को मीटिंग के लिए बुलाया था। यहां अपने भाई चिंटू ठाकुर, गैंगस्टर सतीश भाऊ, शूटर रितेश, मोनू और दयाराम के साथ मिलकर गोली चला दी थी। गोली अर्जुन के पेट में लगी थी। इस दौरान सिंडिकेट ऑफिस में भी जमकर तोड़फोड़ की थी। विजयनगर पुलिस इस मामले में सतीश भाऊ, पिंटू और अन्य शूटर्स को पहले ही पकड़ चुकी थी। हेमू पर 30 हजार का इनाम भी घोषित किया था।
गोलीकांड के बाद ऑफिस में की थी तोड़फोड़
नेपाल तक में काटी फरारी
पुलिस के मुताबिक हेमू इंदौर से भागकर भोपाल गया था। वहां कुछ समय फरारी काटने के बाद वह नेपाल चला गया। कुछ समय तक हेमू ने बेंगलुरु और उज्जैन में भी फरारी काटी। इस दौरान दोस्तों ने उसकी मदद की। दोस्त ही उसे पैसा मुहैया कराते थे। पुलिस ने बताया कि हेमू ने जहां भी फरारी काटी वहां से रिपोर्ट बुलवाई थी। साथ ही हेमू की मदद करने वाले दोस्तों पर भी कार्रवाई हुई थी।
घर टूटने के डर से पकड़ाए थे भाऊ और भाई
अर्जुन ठाकुर पर गोली चलाने के बाद सभी बदमाश अलग-अलग भाग गए थे। इसमें पुलिस ने दो दिन बाद ही बायपास से सतीश भाऊ और चिंटू को पकड़ लिया था। दोनों आरोपी नेपाल भागने की फिराक में थे। पुलिस ने उनके मकान तोड़ने का दबाव बनाया तो आरोपियों ने सरेंडर कर दिया था। हेमू ठाकुर के फरार होने के बाद उसकी संपत्ति और बैंक खातों की जानकारी निकाली थी। तब हेमू के अलग-अलग बैंकों में दस से ज्यादा खाते मिले थे, जिन्हें सीज किया गया था। हालांकि जोड़-तोड़ करके और एक विधायक के करीबी होने का फायदा ठाकुर को मिला और मकान पर बुलडोजर नहीं चला।
7 साल पहले हेमू ठाकुर ने एमवाय अस्पताल में कैदी की हत्या करने की साजिश रची थी। हेमू और उसके साथियों ने यहां भी गोली चलाई थी। तब एमवाय अस्पताल के जेल वार्ड में भर्ती इसी जितेंद्र यादव ऊर्फ जेडी की हत्या करने कि असफल प्रयास किया गया था, लेकिन इसमें एक अन्य सजायाफ्ता कैदी रामदयाल की मौत हो गई थी। उस वक्त भी हेमू ने नेपाल में फरारी काटी थी।