इंदौर के आजादनगर में दिनदहाड़े गैंगवार, दो गुंडाें के बीच हुई फायरिंग
इंदौर के आजाद नगर थाना क्षेत्र स्थित नूरी नगर के एक मैदान में रविवार को गोलीकांड हो गया। यहां पर चन्दन नगर थाना क्षेत्र का हिस्ट्रीशीटर बदमाश शाकिर काला वहां पर आया और जितेंद्र को देखते ही उस पर गोली चला दी।
इंदौर के आजाद नगर क्षेत्र में दो गुंडों के बीच रविवार को गैंगवार हो गया। यहां पर दिनदहाड़े गुंडों ने गोलियां चला दीं, जिसमें एक बदमाश घायल हो गया है। उसे एमवाय अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। गुंडों के बीच हुए इस गैंगवार के पूरे क्षेत्र में भय का माहौल बन गया। पुलिस एक तरफ तो गुंडों को बाउंड ओवर, वारंट तामीली जैसे प्रचार कर रही है तो दूसरी तरफ बेखौफ गुंडे दिनदहाड़े एक–दूसरे पर फायरिंग कर रहे हैं। गौरतलब है कि कुछ वर्ष पूर्व भी इसी गुंडे जितेंद्र यादव पर एमवाय अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान फायरिंग हुई थी। जिसमें उसके साथी की मौत हो गई थी।
नूरी नगर के मैदान में हुआ गोलीकांड
इंदौर के आजाद नगर थाना क्षेत्र स्थित नूरी नगर के एक मैदान में रविवार को गोलीकांड हो गया। यहां पर बाणगंगा थाना क्षेत्र का गुंडा जितेंद्र यादव उर्फ जेडी मौजूद था। इसी दौरान चन्दन नगर थाना क्षेत्र का हिस्ट्रीशीटर बदमाश शाकिर काला वहां पर आया और जितेंद्र को देखते ही उस पर गोली चला दी। इस में जितेंद्र को पीठ में गोली लगी और वह घायल हो गया। कुछ वर्ष पूर्व भी एमवाय अस्पताल के जेल वार्ड में भर्ती इसी जितेंद्र यादव ऊर्फ जेडी की हत्या करने कि असफल प्रयास किया गया था, लेकिन इसमें एक अन्य सजायाफ्ता कैदी रामदयाल की मौत हो गई थी। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने बताया कि शाकिर, चंदन नगर क्षेत्र का निवासी है। जो पुराना अपराधी है। वहीं, जितेंद्र के खिलाफ भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। दोनों आरोपी पूर्व में उज्जैन की भैरवगढ़ जेल में बंद रह चुके हैं। जेडी का नाम एमवाय अस्पताल में हुई एक हत्या के मामले में भी सामने आया था। इसके अलावा, कुछ समय पहले बाणगंगा क्षेत्र में हुई एक हत्या के मामले में वह जेल गया था और हाल ही में रिहा हुआ है।
इस गैंगवार ने 11 साल पहले एमवाय अस्पताल में हुए उस खूनी घटनाक्रम की याद ताजा कर दी है, जब जेडी यादव को मारने आए बदमाशों ने गलती से उसके साथ भर्ती रामदयाल नामक केदी की हत्या कर दी थी। उस समय भी जेडी ने अपनी पुरानी रंजिश को हमले का कारण बताया था। गौरतलब है कि पिंटू ठाकुर की हत्या का बदला लेने के लिए उनके भाई हेमू और चिंटू ठाकुर पर हमला करवाने का शक जताया था।
असल में इस गैंगवार के पीछे की कहानी 11 साल पुरानी है। उस दौरान सुबह करीब 4 बजे एक बदमाश ऐप्रन पहनकर ओर मुंह पर मास्क लगाकर अस्पताल में घुसा था। तीसरी मंजिल के वार्ड नंबर 17 में सो रहे कैदी रामदयाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के समय, कैदियों की निगरानी के लिए तैनात पुलिसकर्मी सो रहे थे, जिससे बदमाश को आराम से भागने का मोका मिल गया। इस लापरवाही के लिए एक जेल प्रहरी को निलंबित कर दिया गया था।
नूरी नगर में वह जगह जहां पर मारी गोली
बिस्तर बदलने से तब बच गया था जितेंद्र
30 वर्षीय कैदी रामदयाल बेड नंबर 17 पर सो रहा था। जब बदमाश ने उसकी कनपटी पर गोली मार दी थी। वार्ड में भर्ती एक अन्य कैदी जितंद्र उर्फ जेडी ने आशंका जताई थी कि बदमाश वास्तव में उसकी हत्या करने आया था। लेकिन बिस्तर बदलने से वह बच गया। जांच में खुलासा हुआ था कि हत्या के पीछे बाणगंगा इलाके के ठाकुर बंधुओं की भूमिका हो सकती है। एमवाय हॉस्पिटल के एक सीसीटीवी कैमरे से मिले फुटेज और जेडी के बयान के आधार पर, पुलिस को संदेह था कि बदमाश रामदयाल को नहीं, बल्कि जेडी को मारने आया था।
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया था कि जेडी ने नवंबर 2013 में अपने 6 साथियों के साथ पिंटू ठाकुर की गोली मारकर हत्या की थी। पिंटू एक रेस्टोरेंट चलाता था ओर जेडी का उसके एक नौकर से विवाद हो गया था। इस विवाद में पिंटू ने जेडी को थप्पड़ मारा था, जिसके बदले में जेडी ने उसकी हत्या कर दी। पुलिस को आशंका थी कि जेडी को मारने के लिए पिंटू के भाई हेमू और चिंटू (ठाकुर बंधु) में से किसी ने हमला करवाया होगा।