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Photograph: (the sootr)
छतरपुर जिले में बागेश्वर धाम ने 54 संदिग्ध व्यक्तियों को उनके घर वापस भेज दिया है। इन व्यक्तियों पर आरोप था कि वे अवैध गतिविधियों में शामिल थे और अपनी पहचान छुपाकर धाम में रह रहे थे। इस कार्रवाई में खासकर 13 महिलाएं शामिल थीं, जिन्हें लवकुशनगर थाना क्षेत्र की पठा चौकी के पास एक एंबुलेंस में ले जाते हुए पकड़ा गया था। पुलिस ने उनकी जांच की और बाद में उन्हें छोड़ दिया।
महिलाओं ने लगाए थे मारपीट के आरोप
संदिग्ध लोगों को जिनमेें महिलाएं भी शामिल है, को धाम से बाहर करने के बाद इस घटना का एक वीडियो सामने आया जिसमें महिलाओं ने बागेश्वर धाम समिति पर मारपीट और बिना जानकारी के उन्हें ले जाने के आरोप लगाए। इसके बाद बागेश्वर धाम की ओर से एक प्रेस नोट जारी किया गया, जिसमें पूरे मामले की जानकारी दी गई।
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धाम समिति बोली- संदिग्ध थी लोगों की गतिविधियां
महिलाओं द्वारा मारपीट व जबरिया धाम से बाहर निकाले जाने के आरोपों पर बागेश्वर धाम समिति ने भी अपना स्पष्टीकरण दिया। धाम समिति ने प्रेसनोट जारी कर कहा कि कई असामाजिक तत्व लंबे समय से धाम में रह रहे थे।
इन लोगों द्वारा अवैध गतिविधियां यहां चलाई जा रही थी, जिससे धाम की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही थी। साथ ही यह लोग बागेश्वर धाम की व्यवस्थाओं में भी बाधा डाल रहे थे, जिसके चलते इन्हें धाम के वाहन से बाहर किया गया है।
असामाजिक तत्वों को धाम से बाहर निकालने की पूरी कहानी
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महिलाएं पहचान छुपाकर रह रही थीं
आकाश अग्रवाल, जो बागेश्वर जन सेवा समिति के सदस्य हैं, ने बताया कि काफी समय से ऐसी शिकायतें आ रही थीं कि कुछ महिलाएं अपनी पहचान छुपाकर धाम में रह रही थीं और फूल-माला विक्रय सहित अन्य सामग्री बेच रही थीं। उन्होंने अपनी पहचान छुपाकर कई दिनों से धाम में रहना शुरू कर दिया था।
इस मामले पर बागेश्वर धाम चौकी और जन सेवा समिति ने जांच शुरू की और होटल संचालकों और होम स्टे संचालकों से जानकारी जुटाई। इसके बाद इन्हें धाम से बाहर करने का निर्णय लिया गया।
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अवांछित व्यक्तियों को भेजा गया घर
पुलिस और बागेश्वर धाम के सदस्यों ने इन संदिग्धों को समझाइश की और उन्हें धाम में अनावश्यक न रुकने की हिदायत दी। कुछ व्यक्तियों ने किराया न होने का बहाना बनाया, लेकिन फिर भी घर जाने के लिए सहमति दे दी। उन्हें बागेश्वर धाम की गाड़ी से किराया देकर पास के बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों तक पहुंचाया गया। इस कार्रवाई में 54 लोगों को उनके घर वापस भेजा गया और बागेश्वर धाम ने उनकी सूची भी जारी की।
यह है बागेश्वर धाम का इतिहास
बागेश्वर धाम, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ स्थल है। यह बालाजी (हनुमान जी) को समर्पित एक मंदिर है और इसे सिद्ध पीठ माना जाता है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, बागेश्वर धाम के वर्तमान महंत हैं और उनके द्वारा यहां दिव्य दरबार लगाया जाता है, जहां भक्तों की समस्याओं का समाधान किया जाता है।
बागेश्वर धाम के बारे में कुछ और जानकारी:
मंदिर: बागेश्वर धाम में बालाजी महाराज (हनुमान जी) का एक प्राचीन मंदिर है।
इतिहास: यह मंदिर चंदेल शासनकाल से मौजूद है, लेकिन 1986 में इसका जीर्णोद्धार किया गया था।
महंत: बागेश्वर धाम के वर्तमान महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हैं, जो अपने दादा भगवान दास गर्ग से प्रेरणा लेकर इस पद पर आसीन हुए।
दिव्य दरबार: पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री यहां दिव्य दरबार लगाते हैं, जहां वे भक्तों की समस्याओं को सुनते हैं और उनका समाधान करने का प्रयास करते हैं।
मान्यता: बागेश्वर धाम में भक्तों की मान्यता है कि यहां बालाजी महाराज की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और समस्याओं का समाधान होता है।
पहुंच: बागेश्वर धाम मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है और यहां सड़क, रेल या हवाई मार्ग से पहुंचा जा सकता है।