BHOPAL. सीबीआई के स्पेशल जज धर्मेश भट्ट की अदालत ने बंसल ग्रुप (Bansal Group) के डायरेक्टर अनिल बंसल, कुणाल बंसल सहित आठ आरोपियों की जमानत खारिज कर दी है। जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद मामला गंभीर प्रवृत्ति का होने से निरस्त कर दिया।
रिश्वतखोरी के आरोप में हुए थे अरेस्ट
CBI ने बंसल कंस्ट्रक्शन के निदेशकों अनिल बंसल और कुणाल बंसल को गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी महाराष्ट्र के नागपुर में 20 लाख रुपए की रिश्वतखोरी के मामले में हुई थी। सीबीआई ने कंपनी के कर्मचारी छतर सिंह लोधी और सी कृष्णा को भी गिरफ्तार किया था। इस मामले में एनएचएआई के दो वरिष्ठ अधिकारियों महाप्रबंधक अरविंद काले, उप महाप्रबंधक बृजेश कुमार साहू और चार अन्य भी गिरफ्तार हुए थे।
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एनएचएआई से काम कराने के बदले में दे रहे थे रिश्वत
बंसल ग्रुप के भोपाल और नागपुर में आवासीय और आधिकारिक परिसरों सहित पांच स्थानों की तलाशी ली गई थी। इस तलाशी में 20 लाख रुपए की रिश्वत सहित 1.1 करोड़ रुपए की नकदी बरामद की थी। सीबीआई ने दर्ज प्राथमिकी में एनएचएआई के चार अधिकारियों, कंपनी और उसके निदेशकों और कर्मचारियों सहित 11 लोगों को नामजद किया था। उन्होंने बताया कि भोपाल बंसल ग्रुप के निदेशक अपने कर्मचारियों के माध्यम से एनएचएआई के विभिन्न लोक सेवकों को काम कराने के बदले में रिश्वत दे रहे थे।
कंपनी के कर्मचारी अधिकारियों को रिश्वत पहुंचाते थे
एजेंसी को खुफिया जानकारी मिली थी कि बंसल कंपनी के कर्मचारी नागपुर और मध्य प्रदेश में अधिकारियों को रिश्वत पहुंचाते थे। अधिकारियों के मुताबिक एजेंसी ने आरोप लगाया था कि कृष्णा आउटर रिंग रोड परियोजना के लिए रिश्वत के बदले लंबित बिल की मंजूरी दिलाने और पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने सहित लंबित मामलों को निपटाने के लिए काले के साथ नियमित संपर्क में था।