केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में खुलासा, एमपी का ये जिला अब नक्सल हॉटस्पॉट नहीं

बालाघाट जिले को अब देश के सबसे अधिक नक्सल प्रभावित जिलों की सूची से हटा दिया गया है। गृह मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट में इसे ‘डिस्ट्रिक्ट ऑफ कंसर्न’ की श्रेणी में रखा गया है। जिसका अर्थ है कि जिले में हालात पहले से बेहतर हुए हैं...

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Sandeep Kumar
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MP News : मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले को अब देश के टॉप नक्सल प्रभावित जिलों की सूची से हटा दिया गया है। एक समय पर यह जिला भारत के 12 सबसे नक्सल प्रभावित जिलों में शामिल था, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, यह जिले की स्थिति में सुधार हुआ है। 

हालांकि, इसे अभी भी 'डिस्ट्रिक्ट ऑफ कंसर्न' की श्रेणी में रखा गया है, जिसका मतलब है कि यहां अभी भी सतर्कता की आवश्यकता है, लेकिन अब हालात पहले की तुलना में बहुत बेहतर हो चुके हैं। बालाघाट के पुलिस अधीक्षक नगेंद्र सिंह ने इस बदलाव की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों की सघन कार्रवाई और निरंतर प्रयासों के चलते जिले में नक्सल गतिविधियों में भारी कमी आई है।

सुरक्षा बलों की सफलता

सुरक्षा बलों के प्रयासों से नक्सलियों के कई मंसूबों को विफल किया गया, और अब जिले में नक्सलियों का दबदबा पहले जैसा नहीं रहा। गृह मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अब देश में 58 के बजाय केवल 38 जिले ही नक्सल प्रभावित हैं। इनमें से भी सिर्फ 6 जिले सर्वाधिक नक्सल प्रभावित श्रेणी में आते हैं।

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'डिस्ट्रिक्ट ऑफ लिगेसी' की श्रेणी में मंडला और डिंडोरी

एमपी के दो और जिले, मंडला और डिंडोरी, जिन्हें पहले नक्सल प्रभावित जिलों में रखा गया था। अब उन्हें 'डिस्ट्रिक्ट ऑफ लिगेसी' की श्रेणी में डाला गया है। यह श्रेणी उन जिलों के लिए बनाई गई है जहां पहले नक्सलियों की सक्रियता थी, लेकिन अब हालात में सुधार हो चुका है। इन जिलों में निरंतर निगरानी और विकास कार्यों को तेज किया जाएगा ताकि इन्हें पूरी तरह से विकास की मुख्यधारा में लाया जा सके।

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नक्सल प्रभावित जिलों में गिरावट

गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि नक्सलवाद के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकारों की रणनीति ने अच्छा परिणाम दिया है। इसमें सुरक्षा अभियानों के साथ-साथ विकास कार्यों और स्थानीय संवाद को भी प्राथमिकता दी गई। नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या अब 58 से घटकर 38 हो गई है, जो इस लड़ाई में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

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नक्सलवाद को खत्म करने की दिशा में निरंतर प्रयास

पुलिस अधीक्षक नगेंद्र सिंह ने कहा कि भले ही बालाघाट अब नक्सल प्रभावित जिलों की सूची से बाहर हो गया हो, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां सतर्क रहेंगी और किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतेंगी। उनका कहना है कि नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने के लिए अभियान जारी रहेगा और भविष्य में बालाघाट को किसी भी नक्सली श्रेणी से बाहर करने का लक्ष्य रखा जाएगा।

 

 

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