रुक गए तबादले! मंत्रियों की इस डिमांड से अटकी है एमपी की ट्रांसफर पॉलिसी

मध्यप्रदेश सरकार ने 1 मई से 30 दिन के भीतर कर्मचारियों के तबादले की नई नीति को डॉ. मोहन यादव कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। यह मध्यप्रदेश में तबादलों को लेकर एक बड़ा फैसला था, लेकिन तीन दिन बाद भी ट्रांसफर की शुरुआत नहीं हो सकी। आखिर कहां फंसा गया है पेच...

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Jitendra Shrivastava
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MPs transfer policy Photograph: (THE SOOTR)

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BHOPAL. मध्यप्रदेश सरकार में तबादलों को लेकर नई नीति बनाई गई। इस नीति के तहत 1 मई से पूरे प्रदेश में कर्मचारियों के ट्रांसफर नई प्रक्रिया के आधार पर होंगे। सभी आदेश ई-ऑफिस सिस्टम के माध्यम से 30 मई तक अनिवार्य रूप से जारी करने होंगे। इसमें सबसे प्रमुख बात यह थी कि मंत्री और प्रभारी मंत्रियों को तबादले का अधिकार दिया गया है। 

डॉ. मोहन कैबिनेट द्वारा तय किए गए नियमों के अनुसार विभागवार पदों के आधार पर तबादलों की सीमा भी तय की गई है। मध्य प्रदेश में करीब चार साल के बाद इस नई तबादला नीति को सरकार ने मंजूरी दे दी। नई नीति को एक मई से लागू भी होना था, लेकिन अब तक जीएडी इस नीति का ड्राफ्ट ही जारी नहीं कर सका।

कहां फंस गया पेंच

नई तबादला नीति को मंगलवार यानी 29 अप्रैल को ही राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी मिली। इसको अमलीजामा 1 मई से पहनाना था, लेकिन अभी तक जीएडी की ओर से ड्रॉफ्ट ही तैयार नहीं हो सका है। नई तबादला नीति में मंत्री और प्रभारी मंत्रियों को तबादले का अधिकार दिया गया है। इसके तहत मंत्रियों ने कहा है कि एसडीएम और तहसीलदार के तबादलों के अधिकार भी उन्हें दिए जाएं। इसी को लेकर नई नीति के क्रियान्वयन में पेच फंस रहा है।  

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तबादले के इंतजार में बैठे अधिकारी-कर्मचारी

आमतौर पर नीति को मंजूरी के साथ ही इसका ड्राफ्ट भी सार्वजनिक हो जाया करता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका। एक मई से लागू होने वाली इस नीति को लेकर विभागों के अफसरों को उम्मीद रही कि ड्राफ्ट के आने पर वे इसका अध्ययन कर नीति पर अमल शुरू करेंगे, लेकिन जीएडी की वेबसाइट अब भी साल 2021-22 की तबादला नीति को ही प्रदर्शित कर रही है। इससे तबादले के इंतजार में बैठे अधिकारी, कर्मचारियों को भी निराशा हुई। 

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अधूरा ड्राफ्ट, सुधार की भी गुंजाइश

बताया जाता है कि तबादला नीति के ड्राफ्ट में कैबिनेट बैठक में मिले सुझाव के बाद कुछ संशोधन किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य व स्कूल शिक्षा ​विभाग अपनी अलग तबादला नीति बनाने की तैयारी में है।

सूत्रों के मुताबिक, इन तमाम बातों को देखते हुए जीएडी नीति प्रारूप को अंतिम रूप नहीं दे सका। माना जा रहा है कि जल्द ही नई नीति का प्रारूप जारी होगा। इसके आधार प​र विभाग तबादले की प्रक्रिया तय कर सकेंगे।

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2023 से लगा हुआ था तबादलों पर प्रतिबंध

गौरतलब है कि 2023 में हुए एमपी विधानसभा चुनाव के बाद से प्रदेश में तबादलों पर बैन लगा हुआ था और नई तबादला नीति घोषित नहीं की गई थी, जिसके चलते कर्मचारियों अधिकारियों में नाराजगी बढ़ने लगी थी, ऐसे में अब मोहन सरकार ने नई तबादला नीति को मंजूरी देते हुए तबादलों से बैन हटा दिया है जिसकी प्रक्रिया 30 मई तक चलेगी। आखिरी बार तबादला नीति 2021-22 में लागू की गई थी।

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नई नीति 1 से 30 मई तक के लिए

नई नीति के तहत 1 मई से 30 मई तक तबादले किए जा सकेंगे। इसके बाद ये पुन: प्रतिबंधित होंगे। नई नीति के तहत, कर्मचारियों को ट्रांसफर के लिए अपने विभाग की तरफ से तय की गई प्रक्रिया के आधार पर ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करना होगा।

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादले सीधे विभागीय मंत्री कर सकेंगे। मंत्री अपने विभागों में एक से दूसरे जिले में अधिकारी, कर्मचारी के ट्रांसफर कर सकेंगे। इसके अलावा वे अपने प्रभार के जिलों में जिले से जिले के अंदर तबादला कर पाएंगे। इस संबंध में जीएडी के जिम्मेदार अधिकारी कुछ बोलने से बच रहे हैं।

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