इंदौर बैंक गारंटी घोटाला : इंदौर में शराब ठेकेदारों द्वारा 150 करोड़ का फर्जी बैंक गारंटी घोटाला किया जा चुका है। जिसमें फर्जी बैंक गारंटी के जरिए करोड़ों के ठेके सालों साल उठाए जाते रहे हैं। अब इसी तरह का मामला इंदौर नगर निगम में सामने आया है। यह निगम के जिम्मेदारों ने काम देते समय मिली गारंटी की जांच ही नहीं की, बाद में पता चला कि यह गारंटी फर्जी थी।
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पीएम आवास योजना में हुआ यह गड़बड़ी
नगर निगम ने पीएम आवास योजना में बांगड़दा में बन रहे सतपुड़ा इमारत के निर्माण का काम दिया। यह टेंडर राजकोट की ठेकेदार फर्म कुणाल स्ट्रक्चर (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड ने ली। इसके लिए उसने ठाणे की एक बैंक की 8.50 करोड़ रुपए की गारंटी दी, जो फर्जी निकली। वहीं इसी फर्जी गारंटी पर वह काम भी करता रहा और निगम भुगतान भी।
एफआईआर करा रहा नगर निगम
इसका खुलासा होने के बाद महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने नगर निगम अधिकारियों को ठेकेदार पर केस दर्ज कराने के आदेश दिए। इसके लिए निगम ने थाने में आवेदन दे दिया है। यह ठेका भी कोई 10-20 करोड़ का नहीं बल्कि पूरे सौ करोड़ का है। जो ठेकेदार को मिला है।
आराम से भुगतान करता रहा निगम
कंपनी ने चरणबद्ध तरीके से काम शुरू किए, इस पर निगम टीडीएस काटकर भुगतान भी करता रहा। इसके बाद कंपनी ने पांच फीसदी सिक्यूरिटी जमा राशि लौटाने के लिए कहा तब जाकर नगिम के जिम्मेदारों ने गांरटी चेक की, तब संबंधित बैंक ने बताया कि ऐसी कोई गारंटी उनके द्वारा नहीं दी गई है।
अधिकारियों की मिलीभगत की भी होगी जांच
महापौर ने जहां केस दर्ज कराने की बात कही वहीं जनकार्य प्रभारी राजेंद्र राठौर ने कहा कि इसमें अधिकारियों की भी मिलीभगत हो सकती है और इसकी भी जांच कारई जाएगी। उल्लेखनीय है कि नगर निगम में फर्जी फाइल के जरिए 150 करोड़ के बिल भुगतान की राशि का घोटालो हो चुका है जिसमें निगम के कई अधिकारी गिरफ्तार हुए हैं और अभी भी जेल में हैं।
ठेकेदार के साथ ICICI वालों पर भी FIR
महापौर भार्गव और निगमायुक्त शिवम वर्मा के निर्देश पर फर्जी बैंक गारंटी में मेसर्स कुणाल स्ट्रक्चर (इण्डिया) प्रा.लि., राजकोट एवं आई.सी.आई. सी.आई. बैंक लिमिटेड. ठाणे के कर्मचारियों (जो अपराध किये जाने के षड्यंत्र में संलिप्त हैं,)के विरुद्ध थाना सेंट्रल कोतवाली में एफआईआर हो गई है।
यह है पूरा मामला
प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत बड़ा बांगड़दा बुधानिया एवं बड़ा बांगड़दा एक्सटेंशन स्थलों पर आवासीय इकाईयों के निर्माण कार्य हेतु अनुबंधित फर्म मेसर्स कुणाल स्ट्रक्चर (इण्डिया) प्रा.लि., राजकोट को अनुबंध क्रमांक 5/पी एम ए वाई/2017-18 लागत राशि रुपए 17.70 करोड़ रुपए के लिए किया गया था। फर्म ने समय पर काम नहीं किया तो नोटिस दिए गए। एक साल से ठेकेदार ने काम ही बंद कर दिया। जवाब नहीं आने पर ठेका निरस्त किया और जमा सिक्यूरिटी बैंक गारंटी 8.69 करोड़ रुपए और सिक्यूरिटी जमा 8.69 लाख रुपए राजसात का फैसला हुआ। यह गारंटी राशि निगम ने बैंक से मांगी तो बैंक प्रबंधन ने कहा कि यह कोई गारंटी हमारे यहां से जारी ही नहीं हुई।
सांठगांठ कर हुई फर्जी गारंटी जारी
मेसर्स कुणाल स्ट्रक्चर इंडिया एवं बैंक के कर्मचारियों द्वारा सांठ-गांठ से फर्जी बैंक ग्यारंटी ली। इसे जमा कर प्रधानमंत्री आवास योजना विभाग के काम को लेकर निगम के साथ धोखाधड़ी की गई। मेसर्स कुणाल स्ट्रक्चर (इण्डिया) प्रा.लि., राजकोट एवं आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के कर्मचारी जो अपराध किये जाने के षड्यंत्र में संलिप्त हैं, उनके विरूद्ध थाना सेंट्रल कोतवाली में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई।
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