इंदौर एमजीएम मेडिकल कॉलेज में नर्स भर्ती घोटाला, महिला पदों पर भर्ती कर दिए पुरुष, शिकायत के 17 साल बाद खुलासा
मप्र के एमजीएम इंदौर में 17 साल पुराना भर्ती घोटाला उजागर हुआ है। इसमें स्टॉफ नर्स भर्ती में दस्तावेजों की अनदेखी और महिला पदों पर पुरुषों की नियुक्ति की गई। भर्ती प्रक्रिया में डीन के हस्ताक्षर भी नहीं थे, जिससे अनियमितताओं का खुलासा हुआ।
मप्र के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज एमजीए ( MGM Medical College indore ) इंदौर में फिर एक और भर्ती घोटाला सामने आया है। अभी कुछ दिन पहले ही नियुक्ति को लेकर विवाद आया था, लेकिन अब 17 साल पुराना घोटाला खुला है। इसमें स्टॉफ नर्स की गलत भर्ती हुई है। इसमें न तो दस्तावेज जांचे गए और ना ही मूल निवासी प्रमाण पत्र। वहीं सबसे बड़ी बात, महिला पदों पर पुरुषों की भर्ती कर दी गई। कुल भर्ती 628 पदों पर हुई थी। ( MGM Medical College Recruitment Scam )
शिकायत के बाद खुली फाइल
इस मामले में कुछ समय से लगातार शिकायतें चल रही थीं। संभागायुक्त कार्यालय में हुई शिकायत के बाद इसमें खुलासा हुआ है कि 17 साल पहले जिन स्टॉफ नर्स की भर्ती की गई, उनके लिए जांच समिति ने दस्तावेज ही नहीं जांचे। उम्मीदवारों को मप्र नर्सिंग काउंसिंल का रजिस्ट्रेशन होना जरूरी था, लेकिन उन्होंने कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडु के सर्टिफिकेट लगाए और कमेटी ने मान्य भी कर डाले। यह अनियमितता 2007 से 2012 की भर्ती के दौरान की गई।
यह भर्ती तत्कालीन डीन डॉ. एमके सारस्वत और डॉ. अशोक वाजपेयी के समय हुई थी। कायदे से भर्ती पर उनके हस्ताक्षर होने थे, लेकिन इस पर स्क्रूटनी समिति के तत्कालीन चेयरमैन डॉ. अनिल कपूर के हस्ताक्षर हैं। मजे की बात यह है कि यह समिति 2008 में बनी और भर्ती नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर नवंबर 2007 के हैं।
मई 2007 में हुई थी भर्ती मंजूरी
मप्र सरकार ने नर्सों की कमी को देखते हुई मई 2007 में इस नियुक्ति को मंजूरी दी थी। पहले 600 और फिर 628 कुल पद मंजूर हुए। इसमें एमवाय, चाचा नेहरू, कैंसर अस्पताल आदि शामिल थे। इसमें अलग-अलग तीन विज्ञापन भी जारी हुए। इसमें मप्र के साथ ही बाहर के राज्यों के काफी आवेदक आए। आवेदनों के बाद इंटरव्यू हुए और भर्ती की गई।
भर्ती के लिए बीएससी नर्सिंग पास जरूरी था। साथ ही मप्र नर्सिग का रजिस्ट्रेशन, 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलाजी जरूरी थी। इसमें 628 में 326 पद सामान्य और 302 आरक्षित पद थे। इस मामले में संयुक्त आयुक्त संजय कुमार सराफ ने कहा कि इस गड़बड़ी की शिकायत हुई है और इसकी जांच के लिए डीन से दस्तावेज मांगे हैं। उधर प्रमुख सचिव संदीप यादव ने भी कहा कि मामला गंभीर है, पता कराता हूं।