भिंड जिले में दिव्यांग कोटे से शिक्षकों की भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है ( teacher job scam )। यहां दिव्यांगता का फर्जी सर्टिफिकेट ( fake handicap certificate ) बनवाकर 157 लोगों ने सरकारी शिक्षक की नौकरी ले ली। यह सभी भर्तियां दो साल पहले 2022 में हुई थीं। अब इस मामले का खुलासा हुआ है।
आंख के डॉक्टर ने बनाया पैरों की दिव्यांगता का सर्टिफिकेट
शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी की जांच में कई लापरवाहियों का खुलासा हुआ है। दिव्यांग कोटे से नौकरी लेने लोगों ने फर्जी प्रमाण पत्र बनाए। यह प्रमाण पत्र भी में उन डॉक्टर्स से बनवाए गए हैं जो इसके लिए पात्र नहीं है।
जैसे ईएनटी डॉक्टर ने हड्डी और मेंटल हेल्थ के सर्टिफिकेट बना दिए। हड्डी के विशेषज्ञ डॉक्टर ने मेंटल हेल्थ, विजुअल हैंडीकैप और हियरिंग हैंडीकैप के सर्टिफिकेट बना दिए। इसी तरह अन्य डॉक्टर्स ने भी उस बीमारी या दिव्यांगता के सर्टिफिकेट बनाए हैं जिसके वे विशेषज्ञ नहीं हैं।
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मेडिकल बोर्ड के बजाय एकल डॉक्टर के सर्टिफिकेट
नियमों के मुताबिक किसी भी सरकारी नौकरी में भर्ती के लिए मेडिकल बोर्ड की तरफ से जारी सर्टिफिकेट को मान्य किया जाता है। भिंड में 157 फर्जी दिव्यांग भर्तियों की जांच में एकल डॉक्टर्स द्वारा जारी किए सर्टिफिकेट मान्य किए गए हैं। 157 में से ज्यादातर शिक्षकों की भर्तियों में एकल डॉक्टर के बनाए फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट लगे हुए हैं।
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शिक्षकों को बचा रहे थे अफसर
शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी का यह मामला डेढ़ साल पहले ही पकड़ में आ गया था। उस समय प्रदेश के अन्य जिलों में भी ऐसी गड़बड़ियां देखने को मिली थी। इसके बाद मुरैना, छतरपुर, टीकमगढ़ और ग्वालियर सहित अन्य जिलों से 205 शिक्षक बर्खास्त किए गए थे।
भिंड में शिक्षकों को बचाने के लिए अफसरों ने जांच रिपोर्ट दबाकर रखी। अब इन सभी शिक्षकों पर हुई जांच की रिपोर्ट शिक्षण संचालनालय को भेज दी गई है। विभाग द्वारा ही इन शिक्षकों को बर्खास्त करने का निर्णय लिया जाएगा।
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