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Photograph: (THESOOTR)
BHOPAL. भिंड की चार पंचायतें पांच साल से 1200 बीघा चरनोई वापस पाने की लड़ाई लड़ रही हैं। 78 वर्षीय बुज़ुर्ग की 181 शिकायतें बेअसर रहीं। वहीं, प्रशासन की चुप्पी ने चरनोई संकट को जानलेवा मोड़ पर ला खड़ा किया है।
गत 10 नवंबर को मुरैना जिले के मोहनपुरा गांव में एक युवक जय सिंह तोमर की सरेराह पीट-पीटकर बेरहमी से हत्या कर दी गई। जय सिंह गांव में दबंगों के चरनोई भूमि पर अतिक्रमण का विरोध कर रहा था। वारदात के बाद प्रशासन ने हत्या के आरोपी सरपंच का मकान तोड़ा। साथ ही ​कब्जाई सरकारी जमीन भी मुक्त कराई।
मुरैना के इस नृशंस हत्याकांड ने पड़ोसी जिला भिंड के प्रशासन को सतर्क तो किया, लेकिन अधूरे मन से। दरअसल,मुरैना की तरह भिंड जिले के कई गांव में सरकारी चरनोई जमीन दबंगों के कब्जे में हैं। जिले की अटेर जनपद की पीपरी वृत इसकी बानगी है। खास बात यह कि इलाके के 78 वर्षीय एक वृद्ध जयदीप सिंह भदौरिया भी इन बेजा कब्जों के खिलाफ लंबे समय से लड़ाई छेड़े हुए हैं।
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सीएम हेल्पलाइन पर 181 बार शिकायत
सूत्रों के मुताबिक,पीपरी सर्किल की चार पंचायत पाली,वावई,गोहर व पाथनपुर की करीब 12 सौ बीघा सरकारी जमीन पर दबंगों का कब्जा है। इसके चलते इन गांवों के दो हजार से अधिक किसानों के पशु चारे के लिए मोहताज हैं।
वृद्ध जयदीप का दावा है कि चरनोई भूमि ​अतिक्रमण मुक्त कराने उन्होंने सीएम हेल्प लाइन पर ही 181 बार शिकायत दर्ज कराई। इनमें से 18 को फोर्सफुली बंद कर दिया गया। 29 बार जिला जनसुनवाई में आवेदन पत्र दिए,लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई।
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मुरैना हत्याकांड के बाद निभाई औपचारिकता
भदौरिया का दावा है कि मुरैना में जयसिंह तोमर हत्याकांड के बाद,जिला प्रशासन ने आनन-फानन में सिर्फ एक पंचायत पाली के 29 अतिक्रमणकारियों को नोटिस थमाए। इनमें उन पर 6.50 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया,लेकिन अब तक ना तो जुर्माना राशि वसूली गई,ना ही अतिक्रमण हटा।
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हाईकोर्ट के आदेश की भी नाफरमानी
भदौरिया ने बताया कि जिला प्रशासन का रवैया मनमाना है। यहां तक कि वह हाईकोर्ट के आदेश की भी परवाह नहीं कर रहा है। ग्राम पाली से गोहर गांव तक 6 किमी की प्रस्तावित सड़क इसकी बानगी है। पाली निवासी विजयानंद दुबे की एक याचिका पर हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने प्रस्तावित सड़क के बीच आ रहे आठ दबंगों के अतिक्रमण हटाकर सड़क निर्माण का आदेश दिया,लेकिन प्रशासन ने मिलीभगत कर प्रस्तावित मार्ग का रूट ही बदल डाला।
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जवाब देने से बचे नायब तहसीलदार
जिला कलेक्टर किरोड़ी लाल मीना ने कहा कि उनके संज्ञान में शिकायतें नहीं आईं हैं। वह जानकारी लेकर जरूरी कार्रवाई कराएंगे। जबकि,पीपरी वृत के नायब तहसीलदार देवेंद्र सिंह तोमर से अतिक्रमण से जुड़े सवालों के जवाब देने से बचते रहे। उक्त सभी मामलों से जुड़े सवालों पर तोमर ने कहा कि पाली में कार्रवाई हुई है, लेकिन इसी बीच मतदाता सूची का काम शुरू होने से प्रशासनिक अमला इस कार्य में व्यस्त हो गया। इसके चलते कार्रवाई टाली गई,लेकिन हाईकोर्ट के आदेश की नाफरमानी पर उन्होंने कहा कि अभी वह व्यस्त हैं। बाद में बात करते हैं।
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