MP News: भिंड जिले के लहार में पदस्थ लहार के तत्कालीन उप पंजीयक मनोज सिहारे पर EOW ने मामला दर्ज किया है। आरोप है कि उन्होंने विक्रय पत्रों में मुद्रांक और पंजीयन शुल्क की वसूली में अनियमितता की। इससे शासन को 8 लाख 45 हजार 309 रुपए की राजस्व हानि हुई। शिकायत रविन्द्र कुशवाह ने ईओडब्ल्यू में दर्ज कराई थी। जांच में पाया गया कि सात विक्रय पत्रों में जानबूझकर शुल्क कम वसूला गया।
लहार को नगर पालिका घोषित किए जाने की जानकारी के बावजूद प्रावधान लागू नहीं किए गए। कुछ आवासीय और व्यावसायिक भूखंडों को कृषि भूमि दिखाकर पंजीयन किया गया। पंजीयन विभाग भिंड ने भी आरोपों की पुष्टि की है। अनियमितता और आर्थिक हानि के चलते मनोज सिहारे सहित 12 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इन पर धोखाधड़ी, षड्यंत्र और दस्तावेजों में हेरफेर के आरोप हैं।
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शिकायत से खुला मामला
इस घोटाले का पर्दाफाश लहार निवासी रविन्द्र कुशवाह की शिकायत के बाद हुआ। उन्होंने तत्कालीन उप पंजीयक पर फर्जी रजिस्ट्रियों और भ्रष्टाचार की जानकारी दी थी। कुशवाह ने दावा किया था कि दस्तावेजों में जानबूझकर त्रुटियां की गईं और शासन के निर्धारित प्रावधानों को अनदेखा किया गया।
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नगर पालिका घोषित क्षेत्र में भी नियमों की अनदेखी
लहार को नगर पालिका परिषद घोषित किए जाने के बावजूद, विक्रय दस्तावेजों पर आवश्यक शहरी कर और प्रक्रिया नहीं लागू की गई। मूल दस्तावेजों को कलेक्टर ऑफ स्टाम्प को भेजना आवश्यक था, परंतु वह भी नजरअंदाज किया गया।
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जांच में 12 अन्य लोग भी दोषी पाए गए
जांच में पाया गया कि केवल उप पंजीयक ही नहीं, बल्कि 12 अन्य व्यक्ति-जिनमें दस्तावेज तैयार करने वाले, खरीदार और सेवा प्रदाता शामिल हैं। सभी पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं 420 , 409, 120बी की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।