Dhar Bhojshala ASI Survey Report: 10वीं शताब्दी के सिक्के, भगवान गणेश, ब्रम्हा, भैरव की मिली मूर्तियां

मध्‍य प्रदेश के धार में भोजशाला का ASI सर्वे पूरा हो चुका है। इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की गई। सर्वे में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां और परमार राजवंश के सिक्के प्राप्त हुए हैं...

Advertisment
author-image
Shreya Nakade
एडिट
New Update
Dhar Bhojshala ASI Survey Report
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मध्य प्रदेश के धार स्थित भोजशाला का भारतीय पुरातत्व विभाग ( ASI - Archeological Survey of India ) ने सर्वे कर लिया है। इसकी रिपोर्ट आज मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ को सौंप भी दी गई है। सूत्रों के अनुसार भोजशाला की खोज में 10वीं सदी के सिक्के और खंभों में भगवान की आकृतियां मिली हैं। 

10वीं सदी के सिक्के मिले

भोजशाला के ASI सर्वे में सदियों पुराने सिक्के मिले हैं। ये सिक्के 10वीं सदी से लेकर 18वीं सदी के हैं। 10वीं  से 11वीं सदी के सिक्के इंडो-ससैनियन है। 13वीं और 14वीं सदी में दिल्ली सुल्तान, 15वीं और 16वीं में मालवा सुल्तान, मुगल सिक्के पाए गए थे। 

ये खबर भी पढ़िए...

जिस घर से निकलनी थी बारात, अब निकलेगी अर्थी, शादी के ही दिन पुलिस कस्टडी में हुई दूल्हे की मौत

देवी-देवताओं की आकृतियां 

भोजशाला  ASI सर्वे में देवी-देवताओं की अच्छी या खंडित करीब 94 मूर्तियां मिली है। यह आकृतियां विभिन्न तरह के पत्थरों पर बनी हुई हैं। इस सर्वे में पाई गई मूर्तियां भगवान गणेश, ब्रम्हा, नरसिंह, भैरव और अन्य देवी-जेलचा शामिल हैं। इसके अलावा पशुओं में शेर, हाथी, कुत्ता, सांप आदि जानवर भी पाल रखे हैं। 

हाईकोर्ट ने दिए थे सर्वे के आदेश 

भोजशाला के ASI सर्वे के आदेश मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ही दिए थे। 22 मार्च से शुरू हुआ यह सर्वेक्षण 98 दिन चला। इस सर्वे में भोजशाला की दीवारों, पिल्लरों और जमीन के नीचे खुदाई करके खोज की गई है। पूरे सर्वे की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी हुई है। 

ये खबर भी पढ़िए...

आयुष्मान में फ्रॉड करने वाले सुरेश भदौरिया का इंडेक्स मेडिकल कॉलेज फिर योजना में शामिल, द सूत्र बता रहा कितना बड़ा है घोटाला

क्या है भोजशाला विवाद ?

भोजशाला ( Bhojshala ) जमीन को लेकर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच एक विवाद है। इसमें हिंदू पक्ष का कहना है कि भोजशाला परमार राजवंश के राजा भोज के जमाने से स्थापित है। 1305 में अलाउद्दीन खिलजी ने इसे नष्ट कर दिया था हिंदू पक्ष का कहना है कि यह जमीन राजा भोज के परमार राजवंश ने मुस्लिम समुदाय को नमाज पढ़ने की लिए दिए थी। 1875 में यहां की खुदाई में मां सरस्वती की मूर्ति निकली थी। 

दूसरी तरफ मुसलमान समाज की ओर से यह तर्क दिया जाता है कि सालों से वे इस मस्जिद में नमाज अदा करते हैं। इसलिए भोजशाला में उनका अधिकार है। ऐसे में हाईकोर्ट ने भोजशाला के ASI सर्वे के लिए आदेश दिए। इस सर्वे की रिपोर्ट के बाद अब इस बात का फैसला लिया जाएगा कि भोजशाला में नमाज अदा की जाएगी या पूजा होगी। 

ये खबर भी पढ़िए...

ASI सर्वे का 98वां दिन : भोजशाला सर्वे में 7 अवशेष मिले, सर्वे समाप्त, अब बनेगी रिपोर्ट

ASI क्या है ?

भारतीय पुरातत्व विभाग (Archaeological Survey of India, ASI) भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण संगठन है जो भारतीय पुरातत्व संरक्षण और अनुसंधान के लिए जिम्मेदार है। इसका मुख्य कार्यक्षेत्र भारतीय पुरातत्विक स्थलों का संरक्षण, अध्ययन, उनके प्रबंधन और संवर्धन का है।

ASI की स्थापना 1861 में हुई थी और यह भारतीय पुरातत्व स्मारकों, विश्वविख्यात स्थलों जैसे ताजमहल, कोणार्क सूर्य मंदिर, और खजुराहो के मंदिरों का संरक्षण करता है। ASI इतिहास, संस्कृति और भारतीय विरासत के प्रति जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

 

धार भोजशाला ASI सर्वे भोजशाला सर्वे धार भोजशाला सर्वे