90 डिग्री आरओबी में लापरवाही पर 8 अफसर नपे, मगर उनसे जल्दी करवा कौन रहा था…

भोपाल के 90 डिग्री एंगल आरओबी में लापरवाही बरतने पर 8 अफसरों को सस्पेंड किया गया। लेकिन उनसे जल्दी करवा कौन रहा था... यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। जानिए पूरी कहानी...

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Amresh Kushwaha
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भोपाल के 90 डिग्री एंगल वाले आरओबी के निर्माण में लापरवाही बरतने वाले 8 अफसरों को पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने सस्पेंड करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में देश- विदेश में हुई किरकिरी के चलते सीएम ने ये फैसला लिया है। लेकिन जिन जनप्रतिनिधियों के दबाव में ये पुल बना वे चुप्पी साधकर बैठे हैं। सरकार के एक्शन का शिकार हुए अफसर भी उनका नाम सार्वजनिक रूप से नहीं ले रहे। बस मंत्रीजी का आदेश था…तो क्या करते कहकर बात टाल दे रहे हैं।

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सीएम ने एक्स पर दी जानकारी

सीएम डॉ. मोहन यादव ने अफसरों को सस्पेंड करने की जानकारी रात को एक्स पर दी। उन्होंने लिखा कि मैंने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए थे। जांच रिपोर्ट के आधार पर लोक निर्माण विभाग के 8 इंजीनियर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है। दो सीई सहित सात इंजीनियर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। एक सेवानिवृत एसई के खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी।

बता दें कि इस प्रोजेक्ट में आरओबी का त्रुटिपूर्ण डिजाइन प्रस्तुत करने पर निर्माण एजेंसी एवं डिजाइन कंसल्टेंट, दोनों को ही ब्लैक लिस्ट किया है। आरओबी में आवश्यक सुधार के लिए कमेटी बनाई गई है। सुधार के बाद ही आरओबी का लोकार्पण किया जाएगा।

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सस्पेंड अफसरों पर आज तय होंगे आरोप

लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने बताया कि जिन अफसरों पर कार्रवाई हुई है। उनके खिलाफ आज आरोप तय किए जाएंगे।

ये अफसर हुए सस्पेंड

शानुल सक्सेना, सहायक यंत्री: रेल विभाग से सहमति लिए बिना 16 दिसंबर 2021 को जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग 393A का अनुमोदन किया था।

  1. शानुल सक्सेना, सहायक यंत्री: 
    रेल विभाग से सहमति लिए बिना 16 दिसंबर 2021 को जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग 393A का अनुमोदन किया था।
  2. शबाना रज्जाक, प्रभारी कार्यपालन यंत्री:
    रेलवे से सहमति लिए बिना जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग 393A का अनुमोदन किया था।
  3. संजय खांडे, प्रभारी मुख्य अभियंता: 
    डिजाइन के गलत अनुमोदन के मामले में कार्रवाई की गई है।
  4. उमाशंकर मिश्रा, उपयंत्री: 
    बिना रेलवे की सहमति के जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग का अनुमोदन कराकर काम कराया गया।
  5. रवि शुक्ला प्रभारी, अनुविभागीय अधिकारी: 
    अभी अधीक्षण यंत्री के रूप में पदस्थ हैं, इनके द्वारा भी कार्य कराने में गलती की गई है।
  6. जीपी वर्मा प्रभारी, मुख्य अभियंता: 
    सेतु परिक्षेत्र भोपाल द्वारा आरओबी के निर्माण में त्रुटिपूर्ण कार्यवाही कराई है।
  7. जावेद शकील, तत्कालीन प्रभारी कार्यपालन यंत्री:
    वर्तमान में प्रभारी अधीक्षण यंत्री कार्यालय मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग परिक्षेत्र में पदस्थ हैं।
  8. एमपी सिंह, प्रभारी अधीक्षण यंत्री: डिजाइन कार्यालय 
    मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग सेतु मंडल जो वर्तमान में रिटायर हैं। इन्होंने डिजाइन का अनुमोदन किया है।

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दबी जुबान से ले रहे मंत्रीजी का नाम

हालांकि कोई जनप्रतिनिधि किसी प्रोजेक्ट के टेक्नीकल फाल्ट का जिम्मेदार नहीं हो सकता, मगर इस आरओबी के मामले में स्थानीय विधायक और मंत्री विश्वास सारंग का नाम अब दबी जुबान से लिया जा रहा है। बताया जा रहा कि है कि हम क्या करते, जब मंत्रीजी ही जल्दी करो- जल्दी करो… की रट लगाए थे। 

एक साल प्रोजेक्ट लेट 

बता दें कि ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज (ROB) का निर्माण 21 मई 2022 को शुरू था। समय-सीमा से प्रोजेक्ट एक साल देरी से चल रहा है। 17 करोड़ 37 लाख की लागत वाले ब्रिज का निर्माण अगस्त 2024 में पूरा होना था। लेकिन, जून 2025 में भी इसे बनाने की प्रक्रिया जारी है।

दुनियाभर में मीम बनने लगे थे

भोपाल में बने इस रेलवे ओवरब्रिज को लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर मीम्स भी बनाए हैं। इस ब्रिज पर 90 डिग्री के एंगल से मोड़ दिया गया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि यहां वाहन कैसे टर्न लेंगे। वाहनों के या तो ब्रिज की दीवारों से या फिर आपस में टकराने का खतरा बना रहेगा।

क्रॉसिंग बंद होने से ब्रिज की जरूरत

ब्रिज के निर्माण के समय रेलवे ने भी 90 डिग्री की इस टर्निंग पर आपत्ति की थी, लेकिन पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने यहां जगह कम होने का हवाला देते हुए कहा था कि और कोई विकल्प नहीं है। ऐशबाग रेलवे क्रॉसिंग बंद होने के बाद इस इलाके के लिए आरओबी एक बड़ी जरूरत है। इसलिए कम जगह में भी इसे बनाना होगा।

18 महीने में बनकर तैयार होना था

इस ब्रिज का निर्माण मई 2022 में शुरू हुआ था और इसे 18 महीने में पूरा करना था, लेकिन अब तक पूरी तरह से नहीं बन सका है। इसकी लागत 18 करोड़ रुपए है। 648 मीटर लंबे और 8 मीटर की चौड़ाई वाले ब्रिज का 70 मीटर हिस्सा रेलवे का है।

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