BHOPAL. मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा के बाद अब आयुर्वेदिक कॉलेजों में भी फर्जी फैकल्टी की गड़बड़ी उजागर हुई है। राजधानी भोपाल के शाहपुरा स्थित राजीव गांधी आयुर्वेद कॉलेज में फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति और बायोमेट्रिक उपस्थिति में गड़बड़ी सामने आई है। अब एनसीआईएसएम की टीम के निरीक्षण के बाद केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने राजीव गांधी आयुर्वेद कॉलेज पर 1 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।
एनसीआईएसएम की टीम ने किया निरीक्षण
दरअसल, नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (एनसीआईएसएम) की टीम ने राजीव गांधी आयुर्वेद कॉलेज का निरीक्षण किया था, जिसमें पाया कि कॉलेज ने कागजों पर 6 टीचर्स की नियुक्ति दिखाई थी, लेकिन वे मौके पर उपस्थित नहीं थे। साथ ही कागजात में भी गड़बड़ी पाई गई। इसके अलावा, 29 मई 2024 को दो शिक्षकों की नियुक्ति दिखाई गई जबकि उनके नियुक्ति-पत्र की तारीख 18 सितंबर 2024 थी। यानी, ये शिक्षक कागजों में पहले ही नियुक्त हो चुके थे जबकि वास्तविकता में वे कॉलेज में उपस्थित नहीं थे।
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बायोमेट्रिक उपस्थिति में मिली गड़बड़ी
जांच में यह भी पाया गया कि बायोमेट्रिक उपस्थिति में टाइम और डेट में भारी गड़बड़ी थीं। सुबह और शाम के शेड्यूल में असामान्यता पाई गई, जिससे फर्जी हाजिरी का शक हुआ। कॉलेज ने 60 शिक्षकों की उपस्थिति कागजों पर दिखाई, लेकिन निरीक्षण में वे शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं थे। अब मामले में केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने कॉलेज पर 1 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। कॉलेज के एमडी शाजिद अली का कहना है कि जुर्माने के खिलाफ अदालत में अपील की गई है।
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शिक्षकों की नियुक्ति को माना फर्जी
साथ ही, निम्नलिखित शिक्षकों की नियुक्ति को फर्जी माना गया है और उनके दस्तावेज संदिग्ध पाए गए हैं, नाम इस प्रकार है...
डॉ. रूता विनायक घाटे
डॉ. काजल प्रकाश जमधाड़े
डॉ. छाया दानी
डॉ. संजीत जैन
डॉ. पूजा कुकड़े
डॉ. सिद्धार्थ पवार
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