राजधानी भोपाल में पराली जलाने पर लगी 3 महीने की रोक, कानून तोड़ा तो होगा एक्शन

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रदूषण और पर्यावरण को बचाने के लिए पराली जलाने पर आगामी तीन महीने तक प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह निर्णय भोपाल शहर और इसके आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए लिया गया है।

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Sandeep Kumar
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भोपाल में आगामी तीन महीने के लिए पराली जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह आदेश पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से लिया गया है और इसका उल्लंघन करने पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। एडीएम सिद्धार्थ जैन द्वारा जारी इस आदेश के तहत बैरसिया, फंदा और भोपाल नगर के सभी क्षेत्रों में यह प्रतिबंध प्रभावी होगा। आदेश के अनुसार, संबंधित कार्यपालिका और पुलिस अधिकारियों को क्षेत्र का भ्रमण कर व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश भी दिए गए हैं।

भोपाल में पराली जलाने पर प्रतिबंध

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रदूषण और पर्यावरण को बचाने के लिए पराली जलाने पर आगामी तीन महीने तक प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह निर्णय भोपाल शहर और इसके आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए लिया गया है। पर्यावरण के लिहाज से यह कदम बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि पराली जलाना प्रदूषण बढ़ाने का एक बड़ा कारण बनता है।

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किस क्षेत्र में लागू होगा यह आदेश?

यह आदेश विशेष रूप से भोपाल के बैरसिया, फंदा और भोपाल नगर के सभी क्षेत्रों में लागू होगा। इस आदेश का उद्देश्य इन क्षेत्रों में होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना और पर्यावरण को सुरक्षित रखना है। यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है और तीन महीने तक प्रभावी रहेगा।

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आदेश का उल्लंघन करने पर होगी FIR

भोपाल में पराली जलाने पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी। इस आदेश के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति पराली जलाता है, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। यह कदम पर्यावरण की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है और इसका उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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क्षेत्रीय अधिकारियों को दिए गए निर्देश

इस आदेश को लागू करने के लिए संबंधित क्षेत्र के कार्यपालिका मजिस्ट्रेट और पुलिस थाना प्रभारी को निर्देश दिए गए हैं। उन्हें क्षेत्र का भ्रमण करने और सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि यह आदेश सही तरीके से लागू हो। अधिकारियों को क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं पर नजर रखने और समय पर कार्रवाई करने के लिए भी कहा गया है।

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पर्यावरण को बचाने का प्रयास

यह निर्णय पर्यावरण को बचाने और वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए लिया गया है। पराली जलाने से निकलने वाला धुंआ न केवल हवा को गंदा करता है, बल्कि स्वास्थ्य समस्याओं का भी कारण बनता है। इसलिए यह कदम प्रदूषण को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

भविष्य में पर्यावरण के लिए ऐसे कदम महत्वपूर्ण

भोपाल में पराली जलाने पर प्रतिबंध केवल एक शुरुआत है। भविष्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए और भी ऐसे कदम उठाए जा सकते हैं। इन उपायों का उद्देश्य न केवल प्रदूषण को कम करना, बल्कि शहरवासियों के स्वास्थ्य और जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाना भी है।

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