एकलव्य अवार्डी घुड़सवार राजू सिंह का फर्जीवाड़ा उजागर, दस्तावेजों में हेरफेर कर प्रतियोगिताओं में हुआ शामिल

भोपाल के एकलव्य पुरस्कार से सम्मानित घुड़सवार राजू सिंह पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रतियोगिताओं में भाग लेने का आरोप है। पुलिस ने राजू के पिता सुजान सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है...

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Amresh Kushwaha
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एकलव्य पुरस्कार से सम्मानित घुड़सवार राजू सिंह
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भोपाल के एकलव्य पुरस्कार ( Eklavya Award ) से सम्मानित घुड़सवार राजू सिंह ( Equestrian Raju Singh ) पर गंभीर आरोप सामने आए हैं। उन पर आरोप है कि वे फर्जी दस्तावेजों ( Fake documents ) के आधार पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेते थे। ये दस्तावेज उनके पिता सुजान सिंह द्वारा तैयार किए गए थे।

इस मामले की शिकायत एक महिला घुड़सवार ( Equestrian ) ने भोपाल के एमपी नगर थाने में की थी। पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद सुजान सिंह ( Sujan Singh ) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस का कहना है कि आगे की जांच के बाद गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी।

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दस्तावेजों में हेरफेर और पासपोर्ट विवाद

अरेरा कालोनी निवासी रितु श्रीवास्तव ने 9 अगस्त को पुलिस को शिकायत की थी। इसमें बताया था कि सुजान सिंह ने अपने बेटे राजू के लिए कूटरचित जन्म प्रमाण पत्र तैयार कराया है। जिसे पासपोर्ट बनाने में इस्तेमाल किया गया। इस जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर राजू सिंह को विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घुड़सवारी प्रतियोगिताओं में शामिल कराया गया।

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मार्कशीट और पासपोर्ट में उम्र का अंतर

रितु श्रीवास्तव ने पुलिस को बताया कि कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर राजू सिंह ने पासपोर्ट बनवाया। उन्होंने शासकीय माध्यमिक विद्यालय पचेरा, जिला भिंड में पढ़ाई की थी और एडमिशन के समय अपनी जन्म तिथि 12.12.2001 दर्ज कराई थी। 2015 तक पढ़ाई करने के बाद, उन्होंने दयानंद आर्य वैदिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, टीटी नगर भोपाल में प्रवेश लिया, यहां भी जन्म तिथि 12.12.2001 दर्ज की गई।

हालांकि, पासपोर्ट पर जन्म तिथि 12.12.2005 दर्ज की गई है, जिससे उनकी आयु कम ( Age Manipulation ) दिखाई गई। इस तरह उन्होंने अपनी आयु कम दिखाकर कम आयु वर्ग में लाभ उठाने की कोशिश की।

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प्रतियोगिताओं के दौरान खुलासा

रितु श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी बेटी अनुष्का श्रीवास्तव का चयन 2017 में घुड़सवारी केंद्र में हुआ था। वे स्वयं भी घुड़सवारी प्रतियोगिताओं में भाग लेती थीं। इस दौरान उन्हें पता चला कि भिंड निवासी राजू सिंह अधिक उम्र के होने के बावजूद कम उम्र के दस्तावेजों का उपयोग कर प्रतियोगिताओं में भाग ले रहा है। कोच को भी इस बारे में सूचित किया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके बाद थाने में शिकायत की गई।

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