भोपाल-इंदौर आईटी पार्क की 13.57 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण, जहां बनना था कॉल सेंटर, मिला नर्सिंग कॉलेज

भोपाल और इंदौर के IT पार्कों में 13.57 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण हुआ है। CAG की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि यहां कॉल सेंटर की जगह नर्सिंग कॉलेज जैसे अन्य संस्थान चल रहे हैं। वहीं, सरकार को इससे करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है।

author-image
Amresh Kushwaha
New Update
bhopal-indore-it-park-encroachment-nursing-college
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

BHOPAL. भोपाल और इंदौर के आईटी पार्कों की जमीन को लेकर हैरान करने वाली रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट ने आईटी पार्कों की 13.57 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण को उजागर किया है। इन पार्कों को कॉल सेंटर जैसे उच्च तकनीकी संस्थानों के लिए विकसित किया जाना था। वहीं अब इन जगहों पर अतिक्रमण हो गया है। ऐसे में एमपी सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है।

सरकार को 2.28 करोड़ रुपए का हुआ नुकसान

CAG की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि भोपाल और इंदौर के आईटी पार्कों में 13.57 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण हुआ है। इससे सरकार को 2.28 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान हुआ है। इसके अलावा, इन जमीनों को विकसित करने में सरकार ने 3.62 करोड़ रुपए खर्च किए थे, जो अब बेकार हो गए हैं।

एमपी सरकार के दो साल पूरे होने पर सर्वे में शामिल होने के लिए फोटो पर करें क्लिक...

mp goverment two year

ये खबर भी पढ़िए...भोपाल के साइंस हाउस ने चार साल में कर दी 12 करोड़ जांचें, 943 करोड़ का घोटाला उजागर

कॉल सेंटर की जगह नर्सिंग कॉलेज!

मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड (MPSEDC) ने आईटी पार्कों में संस्थाओं को जमीन दी थी। इन संस्थाओं को यह जमीन कॉल सेंटर चलाने के लिए दी गई थी। वहीं, अब उन पर कॉल सेंटर की जगह कुछ और ही शुरू हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, यहाँ पर कॉल सेंटर की जगह नर्सिंग कॉलेज चलाए जाने का मामला सामने आया है।

5 प्वाइंट में समझें क्या है पूरा मामला

  • भोपाल और इंदौर के आईटी पार्कों की 13.57 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण, जिससे सरकार को 2.28 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान हुआ।

  • सरकार ने आईटी पार्कों में कॉल सेंटर जैसे उच्च तकनीकी संस्थान स्थापित करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन वहां नर्सिंग कॉलेज चलाए जाने का मामला सामने आया।

  • रोजगार सृजन में सरकार की विफलता, जहां 15 हजार रोजगार देने का लक्ष्य था, लेकिन अब तक केवल 576 रोजगार ही सृजित हुए हैं।

  • कई भूखंडों का आवंटन विवादों के कारण रद्द किया गया, जिससे व्यावसायिक गतिविधियाँ और रोजगार सृजन में समस्याएँ आईं।

  • 11 आईटी पार्कों में गैर-आईटी कंपनियों को जमीन दी गई, जिनसे सरकार को करोड़ों रुपए की सब्सिडी का नुकसान हुआ।

ये खबर भी पढ़िए...एमपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन, गूंजेगा लाखों पेड़ों की कटाई का मामला, उठेगा RGPV घोटाले का मुद्दा

रोजगार सृजन में विफल हुई सरकार

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार आईटी पार्कों से रोजगार सृजन में नाकाम रही है। सरकार ने इन पार्कों में कुल 15 हजार लोगों को रोजगार मिलने का लक्ष्य तय किया था, वहीं अब तक सिर्फ 576 लोगों को ही रोजगार मिला है। यह लक्ष्य का महज 3.96 प्रतिशत है।

भूमि आवंटन में गड़बड़ी से आई समस्या

सीएजी (CAG) रिपोर्ट में बताया गया कि कई भूखंडों का आवंटन विवादों के कारण रद्द किया गया था। जून 2022 में 11 भूखंडों के पट्टे समझौते रद्द कर दिए गए थे। इसके कारण व्यावसायिक गतिविधियां शुरू नहीं हो पाईं और रोजगार सृजन में बड़ी समस्याएँ आईं।

ये खबर भी पढ़िए...MP News. मध्य प्रदेश विधानसभा: सत्र के बीच चोरी का नाइट ऑपरेशन, काट डाला चंदन का पेड़

गैर-आईटी कंपनियों को दी गई जमीन

आईटी पार्कों के लिए आईटी कंपनियों को भूमि दी जानी थी। वहीं, रिपोर्ट में पाया गया कि भोपाल, इंदौर और जबलपुर के 20 आईटी पार्कों में से 11 यूनिट्स आईटी सेक्टर की नहीं हैं। इन कंपनियों को आईटी पार्कों में भूखंड दिए गए हैं। वहीं, इन्हें करोड़ों की सब्सिडी भी मिली थी।

ये खबर भी पढ़िए...खुद के ही चार विधायक से घिरी सरकार, थाना प्रभारी की कार्यप्रणाली पर विधानसभा में उठाए सवाल

भूमि शुल्क की वसूली में लापरवाही

कैग ने बताया कि रीवा सोलर पार्क के लिए भूमि उपयोग शुल्क की वसूली में लापरवाही हुई है। निगम ने समय पर भुगतान नहीं लिया और न ही भुगतान में देरी पर ब्याज लिया है। इसके कारण भी मध्यप्रदेश सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है।

MP News मध्यप्रदेश एमपी सरकार अतिक्रमण कैग की रिपोर्ट आईटी पार्क MPSEDC मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड
Advertisment