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BHOPAL.मध्यप्रदेश विधानसभा में सत्ता पक्ष के चार विधायकों ने शासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। ये तीन विधायक कटनी जिले के हैं। वहीं एक विधायक जबलपुर के हैं। इनका आरोप है कि पुलिस ने एक मामले में मिलीभगत कर कार्रवाई की है। इससे कई सवाल खड़े हो गए हैं।
मुख्यमंत्री मोहन यादव की ओर से मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने इस मामले की जांच का आश्वासन दिया है। इन विधायकों में मुड़वारा के विधायक संदीप जायसवाल, विजयराघवगढ़ के विधायक संजय पाठक, बहोरीबन्द रीठी के विधायक प्रणय पांडे और जबलपुर उत्तर के विधायक अभिलाष पांडे शामिल हैं।
विधायकों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
विधायकों ने बताया कि कटनी के माधवनगर थाना प्रभारी ने शुभम त्रिपाठी से अवैध दबाव डाला था। पुलिस ने पुलिस हिरासत में शुभम से एक जनप्रतिनिधि का नाम लेने को कहा था।
यह तब हुआ जब नाजिम खान के घर की नाम पट्टिका जलाने का मामला सामने आया था। पुलिस ने मामले को गलत तरीके से प्रस्तुत किया और आरोप लगाए थे। इस घटना में पुलिस और नाजिम खान के बीच कथित मिलीभगत का आरोप है।
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मुख्यमंत्री ने दिया जांच का आश्वासन
सीएम डॉ.मोहन यादव के निर्देश पर मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने सदन में जांच का आश्वासन दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले की जांच में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। जांच में सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों की पुनः जांच की जाएगी। इसके साथ ही, दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी इसे लेकर विस्तृत जांच का आश्वासन दिया है।
5 प्वाइंट में समझें क्या है पूरा मामला
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'पुलिस ने दबाव डालने की कोशिश की'
ध्यानाकर्षण से मिली जानकारी के अनुसार, कटनी में कुछ फिल्मी जैसा मामला सामने आया है। यहां हाउसिंग बोर्ड अग्निकांड में पुलिस ने शुभम त्रिपाठी को हिरासत में लिया था। इस दौरान टीआई की मौजूदगी में कांग्रेस के नेता और पूर्व हथियार सप्लायर ने दबाव डाला था। यह दबाव एक जनप्रतिनिधि का नाम लेने के लिए बनाया गया था।
'दर्ज मामला सही नहीं'
विधायकों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना ठोस साक्ष्य के शुभम त्रिपाठी पर मामला दर्ज किया था। इसके अलावा, शुभम और उनके परिवार को प्रताड़ित किया गया था। शुभम का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था, फिर भी उन्हें आरोपित किया गया था। यह पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही और गलत कार्यप्रणाली को दिखाता है।
निष्पक्ष जांच की मांग
विधायकों ने मांग की कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो। इसके साथ ही, शुभम त्रिपाठी के खिलाफ लगाए गए आरोपों को हटाए जाएं। इसके अलावा, पुलिस अधिकारियों पर भी उचित कार्रवाई की जाए। इस घटना के बाद ब्राह्मण समाज भी निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है।
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