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BHOPAL. मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार, 02 नवंबर को खंडवा की कानून व्यवस्था पर सत्ता पक्ष की बातें अलग देखने के मिलीं। इससे सरकार थोड़ी असहज हुई।
खंडवा शहर से भाजपा विधायक कंचन मुकेश तनवे ने प्रश्नकाल में इलाके में SAF बटालियन बनाने पर सवाल पूछा। वहीं मंत्री कैलाश विजयवर्गीय कहा कि बिना सुरक्षा के वहां कोई त्योहार तक नहीं मनाया जा सकता है।
विधायक का तर्क, खंडवा संवेदनशील दायरे में
विधायक तनवे ने कहा कि पेठिया गांव के मदरसे से पुलिस 20 लाख रुपए के नकली नोट जब्त कर चुकी है। यह इलाका सिमी(SIMI) और आतंकियों की गतिविधियों के संदिग्ध दायरे में है। इसलिए खंडवा में तत्काल पुलिस बटालियन जरूरी है। इस पर पटेल का जवाब था कि जरूरत पड़ने पर खरगोन से एक घंटे में फोर्स भेजा जा सकता है।
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सरकारी जवाब, खंडवा में जरूरत नहीं
सीएम मोहन यादव की ओर से जवाब देते हुए राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि खंडवा में दो थानों और सात चौकियों को अपग्रेड किया जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि SAF बटालियनकी स्थापना खरगोन में प्रस्तावित है। खंडवा में इसकी जरूरत नहीं है।
5 प्वाइंट में समझें क्या है पूरा मामला
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मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की सख्त टिप्पणी
मामला तब गर्मा गया जब मंत्री कैलाश विजयवर्गीय बोले कि खंडवा की स्थिति ऐसी है कि बिना पुलिस सुरक्षा के कोई त्योहार तक नहीं मनाया जा सकता।
मदरसे से नकली नोट पकड़े जाने को गंभीर बताते हुए उन्होंने कहा कि यह बेहद चिंताजनक है। साथ ही, बटालियन की मांग पूरी तरह सही है।
मंत्री विजय शाह भी आए समर्थन में
मंत्री विजय शाह ने भी कहा कि खंडवा लंबे समय से गंभीर सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। यह आतंकियों की हिट लिस्ट (Hit List) में शामिल है। यहां जेल टूटने और एनकाउंटर जैसी घटनाएं हो चुकी हैं। शाह ने बताया कि बटालियन के लिए 100 एकड़ जमीन भी आरक्षित है।
सरकारी रुख फिर बदला
स्थिति उलझती दिखी तो पटेल ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री विजयवर्गीय के बयान को सरकार की आधिकारिक राय माना जाए। विधानसभा स्पीकर ने टिप्पणी की कि सरकार खंडवा की स्थिति को संज्ञान में ले चुकी है।
जानें खंडवा क्यों है संवेदनशील
पुरानी घटनाओं से बना तनाव
28 नवंबर 2009 को बकरीद के दिन तिहरा हत्याकांड हुआ था। इसमें एटीएस जवान सीताराम यादव, वकील संजय पाल और बैंक प्रबंधक रविशंकर पारे की सिमी आतंकियों ने हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद शहर में सिमी की सक्रियता खुलकर सामने आई।
उत्सवों में तनाव का इतिहास
गणेश विसर्जन और दुर्गा विसर्जन के जुलूसों में कई बार पथराव की घटनाएं हुईं थी। कई बार लाठीचार्ज (Lathi Charge) और कर्फ्यू (Curfew) तक लगाना पड़ा था।
रेलवे जंक्शन की वजह से आसान आवाजाही
खंडवा रेलवे जंक्शन (Railway Junction) होने के कारण आरोपी यहां से देशभर में आसानी से आ-जा सकते हैं। इसी वजह से उत्सवों के दौरान तनाव का माहौल बना रहता है। प्रशासन को इंदौर सहित अन्य जिलों से RAF व पुलिस बल (RAF and Police Force) बुलवाना पड़ता है।
राजनीतिक स्थिति
खंडवा जिले की चारों विधानसभा सीटों पर भाजपा विधायक हैं। सांसद और नगरीय निकाय के अध्यक्ष भी भाजपा से ही हैं।
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