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Photograph: (THESOOTR)
BHOPAL. वे कौन से खूबसूरत सांप है..,जिन्हें मप्र के संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अपनी आस्तीन में पालने को मजबूर हैं? यह रहस्योद्घाटन स्वयं विजयवर्गीय ने मंगलवार को मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में किया।
अपने विभाग से जुड़े एक संशोधित अधिनियम की चर्चा के दौरान विजयवर्गीय ने जवाबी शेर पढ़ा- कुछ सांप इतने खूबसूरत हैं..., ना चाहते हुए भी उन्हें आस्तीन में पालने पड़ते हैं। उनके इस शेर पर सदन में हंसी का फव्वारा छूटा। इसके बाद सदन की कार्यवाही आगे बढ़ गई। खास बात यह कि विजयवर्गीय ने जब अपना शेर पढ़ा तो सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेज थपथपाकर इसका स्वागत किया।
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उजले कपड़े पहन रखें हैं सांपों ने...
दरअसल, विजयवर्गीय ने यह शेर कांग्रेस सदस्य लखन घनघोरिया के एक शेर के जवाब में पढ़ा। अधिनियम चर्चा में शामिल घनघोरिया ने तंज कसते हुए कहा- उजले कपड़े पहन रखे हैं इन सांपों ने... ये जहरीले सारे..।
इससे पहले उन्होंने राहत इंदौरी का एक शेर सुनाते हुए कहा- एक थाली में सारे, क्या चपरासी, क्या अधिकारी... क्या ताकतवर, क्या कमजोर...,लूट मची है चारों ओर...सारे...। उन्होंने सभापति को संबोधित करते हुए कहा कि इससे आगे नहीं बोलूंगा, वर्ना आप कहेंगे इसे काटो (कार्यवाही से)।
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सभापति ने लगाई शेर, शायरी पर रोक
सभापति डॉ. राजेंद्र पांडेय ने सदन में जारी इस शेर-ओ-शायरी पर यह कहते हुए रोक लगाई कि लखन जी, अधिनियम में चर्चा जल्दी खत्म करें। आज की कार्यवाही में बहुत काम बकाया हैं। इसके बाद हास परिहास थम गया।
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तलाशे जा रहे हैं विजयवर्गीय के शेर के मायने
सभापति डॉ. पांडेय के हस्तक्षेप से हास-परिहास तो थमा, लेकिन संसदीय कार्यमंत्री के शेर को लेकर सियासी हल्कों में चर्चा तेज हो गई। उनके शेर के अब मायने तलाशे जा रहे हैं कि उनका यह कटाक्ष किनके लिए है? दरअसल, मप्र में सत्तापक्ष की सियासत में सब कुछ ठीक नहीं है। खासकर सरकार में मंत्रिमंडल सदस्यों के बीच ही एक अजीब सी खामोशी है।
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