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BHOPAL. सीहोर के VIT विश्वविद्यालय में भड़का छात्रों की नाराजगी का मामला विधानसभा में गूंजा। विपक्षी विधायकों ने प्रशासन पर अमानवीयता और तानाशाही के आरोप लगाए। उन्होंने सरकार को गहरी अनियमितताओं के कारण कठघरे में खड़ा कर दिया।
भारत का पहला GEN-Z आंदोलन: कटारे
उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने सदन में कहा दुनिया में कई जगह GEN-Z प्रोटेस्ट हुए। लेकिन भारत का पहला आंदोलन VIT में हुआ और सरकार सोती रह गई। कटारे के अनुसार, आंदोलन इसलिए हुआ क्योंकि प्रशासन छात्रों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बना रहा था।
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CMHO को अंदर नहीं घुसने दिया
कटारे ने विधानसभा में खुलासा किया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने CMHO को दो घंटे तक कैंपस में प्रवेश नहीं दिया। दावा यह शासकीय कार्य में बाधा है, इसकी FIR तुरंत होनी चाहिए।
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कैंपस में अवैध क्लिनिक, कौन दे रहा था संरक्षण?
कटारे ने आरोप लगाया कि परिसर में बिना अनुमति के क्लिनिक चलता रहा। यह क्लिनिक एस्टेब्लिशमेंट एक्ट का खुला उल्लंघन है, लेकिन कार्रवाई शून्य। उन्होंने कैंपस में दर्ज 3 हजार छात्रों के प्रकरणों को तुरंत वापस लेने की मांग भी उठाई।
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सरकार ने सदन में गलत तथ्य दिए?
कांग्रेस नेता हेमंत कटारे ने दावा किया कि यूजीसी ने जनवरी 2025 में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा को कार्रवाई का पत्र भेजा था। सदन में कहा गया ऐसा कोई पत्र नहीं आया। यह सदन में गलत जानकारी देने का मामला है।
4 हजार छात्र सड़क पर उतर आए
विधायक दिनेश जैन ‘बॉस’ ने कहा 4 हजार छात्र सड़क पर उतर आए। यह सामान्य बात नहीं है। यह प्रशासनिक असफलता का रेड अलर्ट है। उन्होंने मजिस्ट्रेट जांच और 3 हजार छात्रों पर दर्ज मामलों के तत्काल निरस्तीकरण की मांग की।
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हनुमान चालीसा पर सजा?
कांग्रेस विधायक महेश परमार ने बताया कि छात्रों को हनुमान चालीसा पढ़ने पर दंडित किया गया। उन्होंने कहा यह सांस्कृतिक स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकार दोनों का उल्लंघन है। परमार ने मांग की है कि विश्वविद्यालय में प्रशासक नियुक्त हो और उच्च स्तरीय जांच टीम बने। इसके साथ ही इस प्रकरण पर सदन की समिति गठित करने का आग्रह भी किया।
कार्रवाई का काउंटडाउन शुरू: इंदर सिंह परमार
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने सदन में स्वीकार किया कि VIT विश्वविद्यालय में गंभीर गड़बड़ियां सामने आई हैं। कारण बताओ नोटिस इसलिए भेजा गया ताकि विश्वविद्यालय को जरूरत पड़ने पर सरकार नियंत्रण में ले सके।
मंत्री ने माना कि विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश मुश्किल है। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि अब तक किसी विश्वविद्यालय पर इतनी कठोर कार्रवाई नहीं हुई। 7 दिन में सख्त कदम दिखेंगे।
समाप्त हो यूनिवर्सिटी की मान्यता
कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी और NSUI के नेता रवि परमार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के विश्वविद्यालय जो कि छात्रों के साथ अमानवीय व्यवहार करते हैं। उन विश्वविद्यालयों की मान्यता ही मध्य प्रदेश सरकार को समाप्त कर देनी चाहिए। बीआईटी मामले पर उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं के साथ उल्टी सीधी कार्रवाई की जाती है।
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