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BHOPAL.मध्यप्रदेश की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने भोपाल के करोबारी दिलीप गुप्ता और उनकी कंपनियों के खिलाफ FIR दर्ज की है। आरोप है कि उन्होंने निवेशकों से फर्जी तरीके से करोड़ों रुपए ठगे। इन आरोपों के तहत, दिलीप गुप्ता और उनकी कंपनियां मेसर्स डीजी मिनरल्स प्रा. लि. तथा मेसर्स श्री मां सीमेंटेक प्रा. लि. ने निवेशकों को 10 रुपए के शेयर को 12 हजार 972 रुपए में बेचकर धोखा दिया। इसके साथ ही, निवेशकों से ऊंचे फायदे का लालच देकर उनकी पारिवारिक संपत्तियां भी गिरवी रखवाईं। साथ ही, बंद खातों से चेक जारी किए।
झूठा निवेश का लालच देकर करोड़ों रुपए ठगे
भोपाल निवासी विनीत जैन ने 13 सितंबर 2024 को EOW में शिकायत दर्ज कराई थी। उनका कहना था कि आरोपी दिलीप गुप्ता ने अपनी कंपनियों में निवेश के नाम पर विश्वास जता कर करोड़ों रुपए ठगे। गुप्ता ने यह विश्वास दिलाया कि उनके निवेश से भारी मुनाफा होगा। इसके बदले, उन्होंने शिकायतकर्ता से उनकी संपत्तियां गिरवी रखवाकर बैंक लोन लेने का दबाव डाला। इसके बाद निवेश के रूप में पूरी राशि गुप्ता के खाते में ट्रांसफर कर दी।
झांसा देकर संपत्तियां लीं
विनीत जैन और उनकी माता लता जैन ने दिलीप गुप्ता के झांसे में आकर अपनी संपत्तियां गिरवी रख दीं। बैंकों से लोन लेकर पूरी राशि गुप्ता के खाते में ट्रांसफर कर दी। उन्होंने बिल्डिंग क्रमांक 275, एम.पी. नगर, भोपाल से ICICI बैंक से 2.75 करोड़ रुपए का लोन लिया। साथ ही, दूसरी बिल्डिंग क्रमांक 162, एम.पी. नगर से PNB हाउसिंग फाइनेंस से 4.45 करोड़ रुपए का लोन लिया। इन लोनों की पूरी राशि दिलीप गुप्ता को दी गई।
कारोबारी दिलीप गुप्ता की खबर को ऐसे समझें...
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झांसा देकर संपत्तियां लीं
विनीत जैन और उनकी माता लता जैन ने दिलीप गुप्ता के झांसे में आकर अपनी संपत्तियां गिरवी रख दीं। बैंकों से लोन लेकर पूरी राशि गुप्ता के खाते में ट्रांसफर कर दी। उन्होंने बिल्डिंग क्रमांक 275, एम.पी. नगर, भोपाल से ICICI बैंक से 2.75 करोड़ रुपए का लोन लिया। साथ ही, दूसरी बिल्डिंग क्रमांक 162, एम.पी. नगर से PNB हाउसिंग फाइनेंस से 4.45 करोड़ रुपए का लोन लिया। इन लोनों की पूरी राशि दिलीप गुप्ता को दी गई।
फर्जी चेक से भी की धोखाधड़ी
विनीत जैन से करोड़ों रुपए हड़पने के बाद दिलीप गुप्ता ने उन्हें फर्जी चेक भी जारी किए। इनमें से एक चेक 16 अगस्त 2022 को जारी किया गया था, जो कि पहले से बंद बैंक खाते से था। यह चेक बाउंस हो गया। इसके बाद गुप्ता ने एक झूठा कानूनी नोटिस भेजकर विनीत जैन को डराने की कोशिश की।
गुमराह करने के लिए बनाए फर्जी कागजात
आरोपी ने इस धोखाधड़ी को और बढ़ाने के लिए फर्जी कागजात भी तैयार किए। इसमें उन्होंने दावा किया कि विनीत जैन की माताजी और सास को करोड़ों रुपए के शेयर आवंटित किए गए थे। वहीं, सच्चाई यह थी कि कंपनी के शेयर का वास्तविक मूल्य सिर्फ 10 रुपए था। गुप्ता ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए यह झूठा दावा किया कि उनकी माताजी और सास को लाखों के शेयर आवंटित किए गए हैं।
गुप्ता ने कुल 35.75 करोड़ की धोखाधड़ी की
जांच में यह साफ हुआ कि दिलीप गुप्ता ने विनीत जैन से निवेश के नाम पर करोड़ों रुपए लिए, लेकिन न तो कोई लाभांश दिया, न ही उनके इन्वेस्ट किए गए पैसे वापस किए। इसके बजाय, गुप्ता ने 7.74 करोड़ रुपए और 13 करोड़ रुपए के पोस्ट डेटेड चेक दिए, जो बाउंस हो गए। इस धोखाधड़ी से कुल 35.75 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
EOW ने दर्ज की FIR
इसके आधार पर EOW ने दिलीप गुप्ता और उनकी कंपनियों के खिलाफ FIR दर्ज की है। इसके साथ ही, मामले की जांच जारी है। गुप्ता के खिलाफ धारा 120B, 420, 467, 468, 471 के तहत गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उन्हें सजा दिलाने के लिए जांच की जा रही है।