भोपाल सेंट्रल जेल की महिला प्रहरियों की सीएम से गुहार, बोलीं- प्रताड़ित करते हैं जेल अधीक्षक

भोपाल की सेंट्रल जेल में महिला प्रहरियों द्वारा जेल अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा- 8 घंटे की ड्यूटी के कारण शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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Amresh Kushwaha
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BHOPAL. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित सेंट्रल जेल (Central Jail) की महिला प्रहरी ने जेल अधीक्षक के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। इन महिला प्रहरियों का कहना है कि वे ड्यूटी के दौरान लगातार प्रताड़ना (harassment) का सामना कर रही हैं। उन्होंने सीएम मोहन यादव, जेल महानिदेशक (Director General of Prisons), और मानवाधिकार आयोग (Human Rights Commission) से गुहार भी लगाई है। उन्होनें कहा कि उनकी ड्यूटी को फिर से छह घंटे (six-hour shift) किया जाए, जैसा कि पहले था।

8 घंटे की ड्यूटी से हो रही परेशानियां

महिला प्रहरियों ने संयुक्त आवेदन (joint application) में यह बताया कि वर्तमान में उन्हें आठ घंटे (8-hour shift) की ड्यूटी दी जा रही है। इसके कारण वे शारीरिक, मानसिक और पारिवारिक समस्याओं का सामना कर रही हैं। वे लगातार दो-दो शिफ्ट (two shifts) में काम करने को मजबूर हैं। इसके कारण न तो उन्हें पर्याप्त आराम (sufficient rest) मिल पा रहा है और न ही वे अपने परिवार (family time) को ठीक से समय दे पा रही हैं।

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छोटी उम्र के बच्चों की देखभाल में मुश्किलें

महिला प्रहरियों में से कई के छोटे बच्चे (small children) हैं। इनकी देखभाल (childcare) वे ठीक से नहीं कर पा रही हैं। लंबे समय तक ड्यूटी करने के कारण उनकी मां होने की जिम्मेदारी (motherhood responsibilities) भी सही तरीके से निभाई नहीं जा पा रही है। इस समस्या का समाधान करने के लिए महिला प्रहरियों ने 6 घंटे की ड्यूटी (6-hour shift) फिर से लागू करने की मांग की है।

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सेंट्रल जेल की महिला प्रहरियों की सीएम से गुहार वाली खबर पर एक नजर

  • भोपाल सेंट्रल जेल की महिला प्रहरियों ने जेल अधीक्षक के खिलाफ प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए, और ड्यूटी की शिफ्ट 6 घंटे करने की मांग की।

  • महिला प्रहरियों का कहना है कि 8 घंटे की ड्यूटी से शारीरिक, मानसिक और पारिवारिक समस्याएं हो रही हैं, और वे लगातार दो-दो शिफ्ट में काम करने को मजबूर हैं।

  • कई महिला प्रहरी अपनी शिफ्ट के कारण छोटे बच्चों की देखभाल सही से नहीं कर पा रही हैं, जिससे उनकी मां होने की जिम्मेदारी पूरी नहीं हो पा रही है।

  • महिला प्रहरियों ने आरोप लगाया कि उन्हें पुरुष बंदियों के जोखिमभरे पॉइंट्स पर तैनात किया जाता है, और इस मुद्दे को उठाने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है।

  • जेल मुख्यालय ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन महिला प्रहरियों का कहना है कि अब तक कोई समाधान नहीं निकला है, और वे सीएम से शीघ्र कार्रवाई की उम्मीद कर रही हैं।

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नौकरी से हटाने की धमकी

भोपाल सेंट्रल जेल की महिला प्रहरियों ने यह भी शिकायत की कि उन्हें कई बार पुरुष बंदियों (male prisoners) के जोखिमभरे पॉइंट्स (risky points) पर तैनात किया जाता है, जो उनकी सुरक्षा (safety) के लिए खतरे का कारण बनता है। जब उन्होंने इस मुद्दे को उठाया, तो उन्हें नौकरी से निकालने (termination threats) की धमकी दी जाती है।

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जांच शुरू लेकिन महिला प्रहरियों की परेशानियां जारी

जेल मुख्यालय (Jail Headquarters) ने इस शिकायत पर तुरंत जांच शुरू (investigation started) कर दी है, लेकिन महिला प्रहरियों का कहना है कि उनके मुद्दों का समाधान (resolution) अब तक नहीं निकला है। उन्होंने सीएम (CM Mohan Yadav) से जल्द कार्रवाई की उम्मीद जताई है ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके।

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