BHOPAL : राजधानी भोपाल में जमीन की खरीद-फरोख्त के मामले में इनकम टैक्स के छापों की जद में आए खनन कारोबारी महेंद्र गोयनका ने मीडिया से बातचीत में अपना पक्ष रखा है। गोयनका ने बिल्डर राजेश शर्मा से अपनी दोस्ती और यूरोप में इन्वेस्टमेंट से लेकर तमाम सवालों के जवाब दिए। उन्होंने ने कहा, राजेश शर्मा से मेरी 365 दिन बात होती है। आज भी हुई, कल भी हुई थी। वे अच्छे हैं और घर में एन्जॉय कर रहे हैं। महेंद्र ने आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के नाम पर अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा कि वे सौरभ को नहीं जानते हैं। ये महज इत्तेफाक रहा कि जब इनकम टैक्स के छापे पड़े, तभी सौरभ पर भी कार्रवाई हुई।
राजेश मेरे मित्र हैं
विदेश जाने के सवाल पर महेंद्र गोयनका ने कहा, इनकम टैक्स की सर्च एक रूटीन प्रक्रिया है। मैं 16 दिसंबर को पत्नी के साथ विदेश गया था और 20 दिसंबर को वापस आ गया। मेरे विदेश दौरे से छापों का कोई लेना-देना नहीं है। राजेश शर्मा से रिश्तों पर गोयनका बोले, राजेश मेरे मित्र हैं, वे पारिवारिक सदस्य हैं। हम बिजनेस पाटर्नर नहीं हैं, मैंने उनके साथ इससे पहले कभी कोई कारोबार नहीं किया। मैं एक व्यापारिक घराने से हूं। मुझे किसी के साथ मिलकर ब्लैक मनी को व्हाइट करने की जरूरत नहीं है। मुझे किसी अधिकारी अथवा किसी व्यक्ति के पैसे भी बिलकुल जरूरत नहीं है। वहीं, बात सौरभ शर्मा की रही तो मेरी कभी उनसे मुलाकात नहीं हुई। मैं सौरभ को जानता भी नहीं हूं।
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हम यूरोप में संभावनाएं तलाश रहे हैं...
गोयनका ने कहा, अभी जांच एजेंसियों ने अपनी कार्रवाई पूरी की ही नहीं है। अभी जांच जारी रहेगी। जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उन्हें वॉच किया जाएगा। वॉट्सऐप चैट देखी जाएगी। चार से छह महीने की प्रक्रिया होती है। अभी जो भी फिगर आ रहे हैं, ये किवदंतियां हैं। 52 जगह छापे पड़े हैं, इनकी जांच में समय लगेगा। अफ्रीका में इन्वेस्टमेंट को लेकर महेंद्र गोयनका ने कहा, मेरा खनन और रियल एस्टेट का कारोबार है। हम यूरोप में संभावनाएं तलाश रहे हैं। कहा जाता है कि मैंने सोमालीलैंड में जमीन खरीदी है तो मैं ये बता देना चाहता हूं कि वहां कोई जमीन खरीद नहीं सकता, सिर्फ लीज पर जमीन ले सकते हैं। फिलहाल हम वहां खनन की संभावनाओं को तलाश रहे हैं।
सेंट्रल पार्क में मेरी कोई संपत्ति नहीं
आईटी छापों के बाद चर्चा में आए सेंट्रल पार्क को लेकर महेंद्र गोयनका बोले, मेरी वहां कोई संपत्ति नहीं है। हां, राजेश शर्मा के वहां प्लॉट हैं। मुझे बातचीत में यह पता चला था। जहां तक कैचमेंट एरिया में प्रोजेक्ट की बात है तो वह टीएण्डसीपी और नगर निगम देखे, उनका काम है। गोयनका ने इन्वेस्टमेंट के आंकड़े पर खुद ही सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, अभी तक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कुछ बताया ही नहीं है तो तीन और तीन सौ करोड़ का फिगर कहां से आ गया है? एक बात जरूर सच है कि सहारा का प्रोजेक्ट है। 110 एकड़ संजय पाठक की जमीन है। जिसका मूल्य हजारों करोड़ रुपए है। 50 करोड़ में उसकी रजिस्ट्री हुई है। उसके पूरे कागजात राजेश शर्मा के यहां मिले हैं, क्योंकि वो उनके साथ काम देखते थे।
पाठक का छापों से कोई लेना-देना नहीं
गोयनका ने माना कि उन्होंने 2012 से लेकर 2022 तक संजय पाठक के साथ काम किया। मेरे उनके साथ संबंध थे, उनके साथ संबंध हैं, ये एक अलग बात है। उनका इन छापों से कोई लेना देना नहीं है। फर्श से अर्श पर पहुंचने के सवाल पर गोयनका ने साफ किया कि वे एक व्यापारिक घराने से हैं। जहां तक सवाल मोटरसाइकिल पर चलने का है तो मेरा आज भी बाइक का शोरूम है। 50 साल पुराने हमारे बंगले और फॉर्म हाउस हैं। अपने भाई मनीष पर लगे जिलाबदर के आरोपों के जवाब में महेंद्र ने कहा, ये गलत आरोप हैं। कुछ कन्फ्यूजन में कलेक्टर ने जिलाबदर की कार्रवाई की थी, जिसे एक हफ्ते बाद ही कमिश्नर ने रद्द कर दिया था। उन पर आज तक कोई पुलिस मुकदमा नहीं है।
यूरो प्रतीक मामले में सीबीआई जांच की पिटीशन
यूरो प्रतीक कंपनी के डायरेक्टर्स की एफआईआर को लेकर गोयनका ने कहा, संजय पाठक के कहने पर कटनी में दो एफआईआर हुई थीं। उसमें दो डायरेक्टर्स का आरोप था कि उन्हें डेढ़ साल पहले हटा दिया गया। हमने इस मामले में सीबीआई जांच की पिटीशन लगाई है। यदि यह जांच हुई तो बहुत सारे सफेदपोश बेनकाब होंगे। आपको बता दें कि महेंद्र गोयनका रायपुर बेस्ड कारोबारी हैं। उनके छत्तीसगढ़ के साथ मध्यप्रदेश के महाकौशल और विंध्य क्षेत्र में प्रोजेक्ट हैं। भोपाल में 18 दिसंबर को हुई आईटी रेड में महेंद्र का नाम सामने आया है। राजेश शर्मा के जरिए उनका लिंक जुड़ा। इसके बाद गोयनका को लेकर तमाम तरह के आरोप सामने आए, जिन्हें अब उन्होंने मीडिया के सामने साफ किया है।
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