आतंकी फंडिंग की फर्जी धमकी पर वरिष्ठ वकील ने दी जान, देशद्रोही कहलाने का डर नहीं कर पाए बर्दाश्त

भोपाल में साइबर ठगों की ब्लैकमेलिंग ने एक प्रतिष्ठित वरिष्ठ अधिवक्ता की जान ले ली। पहलगाम आतंकी हमले की फर्जी फंडिंग के आरोप और देशद्रोही कहलाने के डर से उन्होंने आत्महत्या कर ली।

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Sanjay Dhiman
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Advocate suicide case in bhopal

Photograph: (the sootr)

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BHOPAL.राजधानी भोपाल में साइबर ठगी का खौफनाक चेहरा सामने आया है। साइबर ठगों ने शहर के वरिष्ठ वकील को अपना शिकार बनाया। इन ठगों ने प्रतिष्ठित वकील को पहलगाम आतंकी हमले की फर्जी धमकी दी।

यह धमकी वह बर्दाश्त नहीं कर पाए, बदनामी के डर से उन्होंने आत्महत्या कर ली। घटना के बाद अधिवक्ता का एक सुसाइड नोट सामने आया है। जिसमें उन्होंने देशद्रोही कहलाने के डर के चलते आत्महत्या की बात लिखी है। पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है।

वरिष्ठ अधिवक्ता शिवकुमार वर्मा ने सोमवार रात बरखेड़ी स्थित निवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। साइबर ठग बीते कई दिनों से उन्हें पहलगाम आतंकी हमले की फंडिंग मामले में फसाने की धमकी दे रहे थे। 

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  • भोपाल के वरिष्ठ अधिवक्ता शिवकुमार वर्मा ने साइबर ठगों द्वारा लगाए गए फर्जी आतंकी फंडिंग आरोपों के कारण आत्महत्या कर ली।
  • ठगों ने वर्मा के नाम से फर्जी बैंक अकाउंट खोलकर उन्हें पहलगाम आतंकी हमला के आतंकियों को फंडिंग करने का झूठा आरोप लगाया।
  • सुसाइड नोट में वर्मा ने लिखा कि वह 'देशद्रोही' कहलाने की बदनामी सहन नहीं कर पाए।
  • पुलिस की जांच में यह साइबर ठगों की नई साजिश सामने आई है, जिसमें पैसे ऐंठने के लिए आतंकवादी फंडिंग के आरोप लगाए जाते हैं।
  • वर्मा का जीवन समाज सेवा में समर्पित था, उन्होंने भोपाल गैस त्रासदी और रक्तदान जैसे कई नेक कार्य किए थे।

आत्महत्या का कारण: फर्जी आरोप और मानसिक दबाव

अधिवक्ता शिवकुमार वर्मा के सुसाइड नोट से साफ हुआ कि उन्हें झूठे आरोप में 'देशद्रोही' कहे जाने का डर था। इस बदनामी को सहन करना उनके लिए मुश्किल हो गया। परेशान होकर उन्होंने अपनी जान दे दी। इस नोट में उन्होंने अपनी पूरी कहानी बयां की। साथ ही अपने बच्चों की खुशहाली की प्रार्थना भी की।

साइबर ठगों ने अधिवक्ता वर्मा का नाम एक फर्जी बैंक अकाउंट से जोड़ा था। साइबर ठग इस बैंक अकाउंट को पहलगाम आतंकी फंडिंग वाला अकाउंट बता रहे थे।

साइबर ठग वर्मा से रुपयों की मांग कर रहे थे। ये अपराधी वकील को देशद्रोही के तौर पर बदनाम करने की धमकियां भी दे रहे थे। जिससे वे मानसिक रूप से काफी परेशान हो चुके थे।

साइबर ठगों की नई साजिश

पुलिस ने इस गंभीर घटना की जांच शुरू कर दी है। अधिवक्ता वर्मा के मोबाइल की कॉल डिटेल और मैसेज खंगाले जा रहे हैं। शुरुआती जांच में यह साइबर ठगों की नई साजिश सामने आई है। ये ठग फर्जी बैंक अकाउंट बनाकर लोगों को फंसाते थे। फिर आतंकवादी फंडिंग का झूठा आरोप लगाकर पैसे वसूलते थे। पुलिस अब इन अपराधियों का पता लगाकर उन्हें सजा दिलाने की बात कह रही है। 

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भोपाल के जाने-माने वकील थे वर्मा

शिवकुमार वर्मा का जीवन केवल कानून तक ही सीमित नहीं था। वे एक नेक दिल इंसान थे और समाज के लिए भी उनका योगदान था। भोपाल गैस त्रासदी के समय उन्होंने सैकड़ों मृतकों का अंतिम संस्कार किया था। इस कार्य के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री ने उनकी सराहना करते हुए उन्हें एंबुलेंस की सुविधा प्रदान की थी। इसके अलावा, वर्मा ने लगभग 50 बार रक्तदान भी किया था। वे लोगों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित करनें में लगे हुए थे। 

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