देवरानी-जेठानी के अफेयर से परिवार हुआ बर्बाद, एक भाई ने छोड़ा शहर, दूसरा मांग रहा तलाक

साधना और मुकेश एक ही बिल्डिंग के अलग-अलग फ्लोर पर रहते थे। धीरे-धीरे उनके बीच बातचीत शुरू हुई, लेकिन साधना का मकसद मुकेश के जरिए भाभी तक पहुंचना था। मुकेश को बाद में पता चला कि साधना ने उससे प्यार का नाटक किया था।

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Sandeep Kumar
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MP News: भोपाल के फैमिली कोर्ट में एक अनोखा मामला सामने आया है। एक संयुक्त परिवार की देवरानी और जेठानी तीन महीने फरार रहने के बाद वापस लौटीं। देवरानी के पति, जो छोटा भाई है, अब तलाक मांग रहे हैं। जेठानी के पति, बड़ा भाई, शर्मिंदगी के कारण शहर छोड़ गया है। आरोप है कि शादी से पहले पड़ोस की एक युवती जेठानी के प्रति आकर्षित थी। उसने जेठानी के देवर से प्यार का दिखावा कर उससे शादी की और घर में आ गई। फैमिली कोर्ट की काउंसलर दोनों की काउंसलिंग कर रही हैं। मामला अभी तक सुलझा नहीं है।

शादी के पीछे छिपा था गहरा राज

मुकेश और साधना की शादी 2023 में हुई थी। दोनों एक ही बिल्डिंग में अलग मंजिलों पर रहते थे। शुरुआत में उनका रिश्ता सामान्य प्रेम विवाह जैसा लगा। लेकिन साधना और उसकी जेठानी तीन महीने तक घर से गायब रहीं। बाद में पता चला कि साधना बचपन से अपनी जेठानी की ओर आकर्षित थी। वह जेठानी के साथ रहना चाहती थी।

देवर से प्यार सिर्फ एक बहाना था

मुकेश का कहना है कि साधना ने उससे केवल इसलिए प्रेम का नाटक किया ताकि वह घर में दाखिल होकर अपनी जेठानी के करीब रह सके। वह खुद एक "साधन" बनकर रह गया और अब इस रिश्ते को आगे नहीं बढ़ाना चाहता। इसके उलट साधना तलाक देने से मना कर रही है और अपने अधिकारों के लिए कोर्ट में लड़ रही है।

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तीन महीने की फरारी और बाद का तूफान

जब साधना और उसकी जेठानी घर से लापता हो गईं, तो परिवार में खलबली मच गई। पुलिस में शिकायत की गई और कई जगह खोजबीन चली। लेकिन जब तीन महीने बाद वे अचानक लौटीं, तो साफ हो गया कि मामला एक पारिवारिक असहमति का नहीं, बल्कि भावनात्मक और यौनिक जुड़ाव का है, जो समाज के लिए अभी भी असामान्य है।

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समाज की सीमाएं और व्यक्तिगत स्वतंत्रता

फैमिली कोर्ट की वरिष्ठ काउंसलर शैल अवस्थी ने कहा कि समाज में समलैंगिक रिश्तों को अभी भी स्वीकार नहीं किया जाता। लोग सोचते हैं कि शादी कर लेने से सब ठीक हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं होता। अगर किसी की यौनिकता अलग है, तो उसे दबाने से मानसिक पीड़ा बढ़ती है। इससे पारिवारिक संकट भी गहरा होता है।

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समाधान अब भी अधूरा

फिलहाल फैमिली कोर्ट में दोनों पक्षों की काउंसलिंग जारी है। मुकेश तलाक चाहता है, जबकि साधना इस रिश्ते को बनाए रखना चाहती है, शायद इसलिए कि वह अभी भी अपनी जेठानी के साथ जीवन बिताने की उम्मीद रखती है। यह मामला न केवल एक पारिवारिक विवाद है, बल्कि भारतीय समाज में LGBTQ+ को लेकर स्वीकृति और संवेदनशीलता की कमी को भी उजागर करता है।

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