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MP News : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सामने आए विवादित लव जिहाद मामले की जांच अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने पूरी कर ली है। आयोग की जांच टीम ने दो दिन तक मामले के हर पहलू पर गहन जांच-पड़ताल की और अपनी निष्पक्ष रिपोर्ट पीएचक्यू को सौंप दी।
जांच रिपोर्ट में क्लब 90 तोड़ने की कार्रवाई पर आपत्ति
मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि बिना फॉरेंसिक सबूत जुटाए क्लब 90 को तोडऩा अनुचित और गलत था। इसके अलावा, आयोग ने यह भी सवाल उठाया कि इतनी बड़ी कार्रवाई के बाद भी क्लब 90 के संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई।
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पुलिसकर्मियों को दी फटकार :-
पीड़ित युवतियों के पुनर्वास की मांग
जांच टीम ने पुलिस की भूमिका पर भी कड़ी टिप्पणी की है। पुलिसकर्मियों को आवश्यक सतर्कता न बरतने के लिए फटकार लगाई गई है। साथ ही आयोग ने यह जोर दिया कि पीड़ित युवतियों का पुनर्वास किया जाना चाहिए और उनके लिए मुआवजे की व्यवस्था होनी चाहिए। यह इस मामले में एक बड़ी चूक मानी जा रही है कि अब तक पीड़ितों को कोई मुआवजा नहीं दिया गया है।
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लव जिहाद मामले का संक्षिप्त परिचय
भोपाल में LOVE JIHAD जिहादज् नाम से चर्चित यह मामला धार्मिक आधार पर की गई धोखाधड़ी और अपराधों से जुड़ा है। आरोपियों ने धर्म परिवर्तन का झांसा देकर युवतियों के साथ रेप और अन्य दुष्कर्म किए। फरहान खान, साहिल खान और अली खान ने युवतियों से दोस्ती की, उनके नाम छुपाए और फिर गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया।
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पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी
इस मामले में पुलिस ने फरहान खान, अली खान, साद, साहिल, नाबिल, अबरार और खालित को गिरफ्तार किया है। फरहान और अली पर दुष्कर्म और गैंगरेप के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है, जबकि बाकी आरोपियों को आरोपियों की मदद करने और पीडि़तों को परेशान करने जैसी धाराओं में शामिल किया गया है।
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मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु :-
मुख्य बिंदु विवरण
क्लब 90 तोडऩा - बिना फॉरेंसिक एविडेंस के क्लब को तोडऩा गलत माना गया
एफआईआर की कमी - क्लब संचालकों के खिलाफ एफआईआर न होने पर सवाल उठाए गए
पुलिस की भूमिका - पुलिस कर्मियों को सतर्कता न बरतने पर फटकार दी गई
पीडि़तों का पुनर्वास - पीडि़त युवतियों के पुनर्वास और मुआवजे की सिफारिश की गई
न्यायिक कार्रवाई की मांग - आरोपियों पर कठोर कार्रवाई और कड़ी नजर बनाए रखने की जरूरत
: मप्र में लव जिहाद