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भोपाल मेट्रो स्टेशन पर हंगामा👉 भोपाल मेट्रो में अभी सिर्फ मैनुअल टिकट ही मिल रहे हैं। 👉 एम्स स्टेशन पर 80 लोगों के ग्रुप को टिकट नहीं मिल पाया। 👉 यात्रियों ने मेट्रो कॉर्पोरेशन के बड़े अफसरों से लिखित शिकायत की है। 👉मेट्रो के पास फिलहाल 'ग्रुप बुकिंग' का कोई सॉफ्टवेयर नहीं है। 👉 जैन समाज का यह ग्रुप पर्यावरण जागरूकता के लिए सफर करना चाहता था। | |
BHOPAL. भोपाल मेट्रो को शुरू हुए अभी सिर्फ 5 दिन ही हुए हैं। लेकिन सुविधाओं के नाम पर यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। गुरुवार को एम्स मेट्रो स्टेशन पर हंगामा हो गया। जैन समाज के 80 लोगों को टिकट देने से मना कर दिया गया।
टिकट काउंटर पर मौजूद कर्मचारियों का कहना था कि वे इतनी जल्दी इतने टिकट नहीं काट सकते। इस वजह से बुजुर्गों और बच्चों समेत पूरे ग्रुप को बिना सफर किए वापस लौटना पड़ा।
जैन समाज के 80 लोगों को नहीं मिला टिकट
गुरुवार दोपहर करीब 1:30 बजे जैन समाज का एक बड़ा ग्रुप स्टेशन पहुंचा था। इस ग्रुप में करीब 80 लोग शामिल थे। इसमें बच्चे और बुजुर्ग भी थे। ये सभी लोग मेट्रो का अनुभव लेने और पर्यावरण का संदेश देने आए थे। जैसे ही इन्होंने काउंटर पर 80 टिकट मांगे, कर्मचारियों ने हाथ खड़े कर दिए। कर्मचारियों का कहना था कि वे इतनी जल्दी इतने टिकट नहीं काट सकते।
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क्या टिकट लेने के लिए 6 घंटे पहले आएं?
साकेत नगर निवासी संजय जैन और आलोक शर्मा ने इस पर नाराजगी जताई। उन्होंने मेट्रो अफसरों से शिकायत की कि क्या 80 टिकट के लिए 6 घंटे चाहिए? यात्रियों का कहना था कि वे आधा घंटा पहले ही स्टेशन पहुंच गए थे। इसके बावजूद उन्हें टिकट देने से मना कर दिया गया। कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें 80 टिकट देने में 30 मिनट से ज्यादा लगेंगे। इस देरी की वजह से पूरे ग्रुप को अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी।
काउंटर की दलील: कर्मचारियों ने कहा कि 30 मिनट में 80 टिकट देना मुमकिन नहीं है।
यात्रियों का तर्क: यात्रियों ने पूछा कि क्या 80 टिकट के लिए हम 6 घंटे पहले आएं?
सफर कैंसिल: टिकट न मिलने के कारण बच्चों और बुजुर्गों को निराश होकर घर जाना पड़ा।
| स्थिति | टिकट के लिए मेट्रो की सलाह |
| अकेले या 2-4 लोग | ट्रेन समय से 15 मिनट पहले आएं |
| 15-20 लोगों का ग्रुप | 20 मिनट पहले काउंटर पर पहुंचें |
| बड़ा ग्रुप (50+) | कम से कम 1 घंटे पहले पहुंचे |
डिजिटल इंडिया के दौर में कागज की पर्ची
भोपाल मेट्रो का कमर्शियल रन शुरू हुए 5 दिन हो चुके हैं। इसके बावजूद यात्री स्मार्ट कार्ड या QR कोड का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। हाथों से पर्चियां काटने की वजह से काउंटरों पर लंबी कतारें लग रही हैं। यात्रियों का कहना है कि जब करोड़ों का प्रोजेक्ट तैयार है। फिर भी टिकट सिस्टम इतना कमजोर क्यों है? बुजुर्गों और बच्चों को घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा है।
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