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अब जब आप तत्काल टिकट बुक करेंगे, तो आपको ओटीपी (वन-टाइम पासवर्ड) की जरूरत पड़ेगी। भारतीय रेलवे ने यह नया नियम 18 दिसंबर 2025 यानी आज से लागू कर दिया है। इससे अब गंगा-दामोदर एक्सप्रेस, मुंबई मेल और वनांचल एक्सप्रेस जैसी प्रमुख ट्रेनों में तत्काल टिकट के लिए ओटीपी वेरिफिकेशन जरूरी होगा।
इसका मुख्य मकसद तत्काल टिकटों में पारदर्शिता लाना और दलालों पर सख्त रोक लगाना है, ताकि कोई भी गलत तरीके से टिकट न बेच सके।
रेलवे टिकट बुकिंग से जुड़ी ये खबर शॉर्ट में समझें
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ओटीपी वेरिफिकेशन से होगा टिकट बुक
इस नए सिस्टम को पहले राजधानी, दुरंतो और शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों में टेस्ट किया गया था। जब इसके अच्छे परिणाम मिले, तो अब इसे पूरे देश की 100 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में लागू किया जा रहा है।
इन ट्रेनों में गंगा-दामोदर एक्सप्रेस, मुंबई मेल, वनांचल एक्सप्रेस के अलावा रांची-बनारस एक्सप्रेस, हटिया-इस्लामपुर एक्सप्रेस और हटिया-पूर्णिया कोर्ट कोशी एक्सप्रेस भी शामिल हैं।
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मोबाइल नंबर पर आएगा ओटीपी
इस नए नियम के तहत जब यात्री आरक्षण केंद्र से तत्काल टिकट बुक करेंगे, तो उनके मोबाइल फोन पर एक ओटीपी भेजा जाएगा। यह ओटीपी उसी मोबाइल नंबर पर आएगा जो आरक्षण फॉर्म में दर्ज होगा।
ओटीपी के वेरिफिकेशन के बाद ही तत्काल टिकट जारी किया जाएगा। अगर ओटीपी वेरीफाइड नहीं हो पाता, तो टिकट जारी नहीं किया जाएगा। इस व्यवस्था से फर्जी बुकिंग और दलाली पर रोक लगेगी।
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तत्काल टिकट बुकिंग के लिए सही मोबाइल नंबर ही डालें
भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने यात्रियों से अपील की है कि वे तत्काल टिकट बुक करते समय अपना मोबाइल फोन साथ रखें। आरक्षण फॉर्म में सही मोबाइल नंबर दर्ज करना जरूरी है। अगर नंबर गलत या चालू नहीं होगा, तो ओटीपी नहीं मिलेगा। इस स्थिति में रेलवे टिकट बुक करने में परेशानी हो सकती है।
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फर्जी बुकिंग और दलाली पर असर
रेलवे का मानना है कि ओटीपी आधारित सत्यापन प्रणाली से वास्तविक यात्रियों को लाभ मिलेगा। साथ ही, फर्जी बुकिंग और दलाली की गतिविधियों पर काबू पाया जा सकेगा। इस व्यवस्था से तत्काल टिकटों की उपलब्धता आम यात्रियों के लिए बेहतर होगी। भविष्य में इसे और ट्रेनों और आरक्षण माध्यमों में लागू किए जाने की संभावना है।
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ओटीपी व्यवस्था के लाभ
रेलवे प्रशासन की योजना है कि ओटीपी आधारित सत्यापन से तत्काल टिकटों की पारदर्शिता बढ़ेगी और रेलवे में हो रहे गलतफहमियों को खत्म किया जा सकेगा। यह कदम यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, ताकि उन्हें असली दलालों से बचाया जा सके।
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