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BHOPAL. भोपाल से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। जेके अस्पताल की एक होनहार नर्स, मेघा यादव ने आत्महत्या कर ली है। प्यार में मिले धोखे ने उसे इस कदर तोड़ा कि उसने खुद को एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगा लिया। यह मामला सिर्फ एक आत्महत्या नहीं, बल्कि टूटते भरोसे की कहानी है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है ।
सफलता की चाहत और धोखे का अंत
मेघा नर्मदापुरम के एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती थी। उसके पिता मजदूर हैं, जिन्होंने बड़ी मुश्किलों से उसे पढ़ाया। मेघा भोपाल में बीएससी नर्सिंग करने के बाद जेके अस्पताल के कार्डियक यूनिट में नर्स बन गई थी।
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लिव-इन रिलेशनशिप और शादी से इनकार
करीब चार साल पहले मेघा की मुलाकात रूपेश नाम के युवक से एक कैफे में हुई थी। दोनों के बीच प्यार हुआ और वे लिव-इन में रहने लगे।
मार्च 2024: रूपेश मेघा के गांव गया और शादी का वादा किया।
नवंबर 2024: रूपेश ने इंटरकास्ट मैरिज का बहाना बनाकर शादी से मना कर दिया।
पिछले 30 दिन: रूपेश ने मेघा का फोन उठाना और मिलना बंद कर दिया था।
बर्थडे में जाने का था प्लान
बुधवार, 24 दिसंबर को मेघा यादव की सहेली रानू का जन्मदिन था। बर्थडे में जाने के लिए मेघा ने जेके अस्पताल की कार्डियक यूनिट से एक दिन की छुट्टी ली थी। वह पिछले चार सालों से एक युवक के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में थी।
परिजनों के हिसाब से शादी से इनकार किए जाने के कारण वह गहरे मानसिक तनाव से गुजर रही थी। घटना वाले दिन दोपहर करीब 3:00 बजे सहेली की बर्थडे पार्टी में जाने का डिसाइड किया था।
इसके लिए मेघा ने अपने मुंह बोले भाई शिवराज पटेल को भी फोन किया था। हालांकि, जब वह घर पर सो रही थी। दोपहर 3:15 बजे जब शिवराज ने उसे दोबारा फोन किया और कोई जवाब नहीं मिला।
शिवराज ने घर जाकर मेघा को देखा तो वह गंभीर और बेहोश हालत में मिली। मेघा को तुरंत शाम 4:00 बजे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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एनेस्थीसिया के ओवरडोज से मौत
भोपाल नर्स सुसाइड केस: पुलिस और फॉरेंसिक टीम की जांच में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। मेघा ने सुसाइड के लिए एनेस्थीसिया के ओवरडोज लिया था। चूंकि मेघा लेफ्ट-हैंडेड थी, इसलिए उसने बड़ी सावधानी से अपने दाएं हाथ में 4 ML एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया था। मेघा के घर से फॉरेंसिक टीम ने इंजेक्शन, एक बाउल और बची हुई दवा जब्त की है।
जांच में पाया गया कि उसने मेटाजोलम और वैरिकुलम जैसी खतरनाक दवाओं को मिक्स करके यूज किया था। ये दवा आमतौर पर केवल सर्जरी के दौरान विशेषज्ञों की देखरेख में दी जाती हैं। मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है।
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एनेस्थीसिया: जीवन रक्षक या जानलेवा?
डॉक्टरों और फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स का मानना है कि एनेस्थीसिया की बहुत कम मात्रा सर्जरी में इस्तेमाल होती है।
सामान्य डोज: बड़े ऑपरेशन में भी 1 ML से कम दिया जाता है।
ओवरडोज: 1 से 2 ML की मात्रा भी 30-60 मिनट में जान ले सकती है।
मेघा का केस: उसने 4 ML का डोज लिया, जिससे बचने की कोई गुंजाइश नहीं रही।
आपके लिए जरूरी सलाह
यदि आप या आपका कोई करीबी इस प्रकार के संकट से गुजर रहा है, तो ये 3 बातें हमेशा याद रखें।
अकेलेपन में कोई बड़ा फैसला न लें। अपने माता-पिता या भरोसेमंद दोस्त से मन की बात साझा करें।
यदि लिव-इन या रिश्ते में शोषण हो रहा है, तो पुलिस की वी केयर फॉर यू वेबसाइट (https://vcareforyou.com.au/) या हेल्पलाइन नंबर 1091 की मदद लें।
मानसिक तनाव को कम करने के लिए साइकोलॉजिस्ट से मिलें।
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