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भोपाल शहर के नीलबड़ और भौंरी इलाके में घर लेने का सपना देख रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। लंबे समय से फंसे 300 करोड़ के पीएम आवास प्रोजेक्ट को सरकार ने मंजूरी दे दी है। अब इन फ्लैट्स और दुकानों को बेचने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने जमीन के लैंड यूज से जुड़ा विवाद सुलझा लिया है। जल्द ही नगर निगम इन घरों के आवंटन की प्रोसेस शुरू कर देगा।
क्यों फंसा था 300 करोड़ का प्रोजेक्ट?
भौंरी में नगर निगम के बेहतरीन फ्लैट्स बनकर तैयार थे। तालाब के कैचमेंट एरिया के विवाद की वजह से टीएंडसीपी ने इन्हें हरी झंडी नहीं दी थी। इसी कानूनी रुकावट के कारण लोग न तो घर खरीद पा रहे थे और न ही उन्हें पजेशन मिल रहा था।
मीडिया रोपॉर्ट की जांच में सामने आया कि यह जमीन असल में कृषि भूमि थी। इसके बाद शासन ने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल किया। अब इस जमीन को आधिकारिक तौर पर रहवासी और कमर्शियल घोषित कर दिया गया है।
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कैसे बचा 300 करोड़ का प्रोजेक्ट?
इस प्रोजेक्ट की किस्मत बदलने में अपर मुख्य सचिव संजय दुबे की मुख्य भूमिका रही। 11 अक्टूबर को उन्होंने खुद इन साइट्स का दौरा किया था। निगम अधिकारियों ने उन्हें सारी तकनीकी दिक्कतें समझाईं।
संजय दुबे ने फाइलों की जांच करवाई। उन्होंने पाया कि झुग्गी पुनर्विकास नियम के तहत बदलाव संभव है। शासन ने टीएंडसीपी एक्ट की धारा 27 का प्रयोग किया। इस बदलाव के कारण आज 300 करोड़ का प्रोजेक्ट अटकने से बच गया।
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नीलबड़-भौंरी प्रोजेक्ट को हरी झंडी👉 नीलबड़ और भौंरी के पीएम आवास प्रोजेक्ट को सरकार ने दी मंजूरी। 👉 जमीन का लैंड यूज बदलकर अब रहवासी और कमर्शियल किया गया। 👉 कुल 1600 से ज्यादा फ्लैट्स और दुकानों की होगी बिक्री। 👉 ईडब्ल्यूएस (EWS) कैटेगरी के लिए कलखेड़ा में 476 फ्लैट्स तैयार। 👉 रेरा की अनुमति मिलते ही शुरू होगी फ्लैट्स के बुकिंग की प्रोसेस। | |
जानें किस प्रोजेक्ट में कितने फ्लैट्स?
भोपाल के इन दोनों इलाकों में अलग-अलग बजट और साइज के घर बने हैं।
कलखेड़ा (नीलबड़): यहां कुल 556 फ्लैट्स बनाए गए है। इनमें से 476 फ्लैट खास तौर पर ईडब्ल्यूएस (EWS) वर्ग के लिए हैं।
नीलबड़ (कमर्शियल): यहां 60 फ्लैट्स और कई दुकानें तैयार हो चुकी हैं। यह काम करीब 6 महीने पहले ही पूरा हो गया था।
भौंरी प्रोजेक्ट: यह सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। यहां कुल 1008 फ्लैट्स बनाए जा रहे हैं।
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रेरा की मंजूरी का इंतजार
जमीन का लैंड यूज बदलने के बाद निगम ने अगला कदम उठाया है। अब रेरा में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर दिया गया है। रेरा की अनुमति मिलते ही घरों की बिक्री के नोटिफिकेशन आएंगे। लोग घर खरीदने के लिए आवेदन कर सकेंगे।
नगर निगम कमिश्नर संस्कृति जैन ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि टीएंडसीपी से अनुमति मिल गई है। अब सिर्फ रेरा के अप्रूवल का इंतजार है। इसके बाद तुरंत फ्लैट्स और दुकानों की नीलामी शुरू होगी।
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खरीददारों और निगम को होगा फायदा
इस मंजूरी से भोपाल नगर निगम की आर्थिक हालत सुधरेगी। 300 करोड़ का निवेश अब मुनाफे में बदल जाएगा। वहीं, शहर के गरीब और मध्यम वर्ग को सस्ते घर मिलेंगे। नीलबड़ और भौंरी जैसे तेजी से बढ़ते इलाकों में घर मिलना बड़ी बात है। PM Avas Yojna | प्रधानमंत्री आवास योजनामध्य प्रदेश सरकार
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